सूड़ान की सेना और ‘आरएसएफ’ ने सात दिनों का युद्धविराम किया

जेद्दाह – सूड़ान की सत्ता हथिया ने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों का शुरू संघर्ष सात दिनों के लिए रोका गया है। सौदी अरब और अमरीका की मध्यस्थता से दोनों पक्षों ने सात दिन के युद्ध विराम का प्रस्ताव स्वीकार किया है। सोमवार शाम से यह युद्ध विराम शुरू होगा। इस संघर्ष में झुलस रही सूड़ानी जनता के लिए यह युद्ध विराम किया गया है। इस वजह से सूड़ानी जनता तक मानवीय सहायता पहुंचाना मुमकिन होगा। लेकिन, अभी भी यह संघर्ष स्थायि रुप से रोकने की राजनीतिक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, ऐसा सौदी के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया। 

सूड़ान की सेना१५ अप्रैल से सूड़ानी सेना और अर्धसैनिक बल ‘रैपिड सपोर्ट फोर्स’ (आरएसएफ) का घनघोर संघर्ष शुरू हुआ था। राजधानी खार्तूम पर कब्ज़ा करने के लिए ‘आरएसएफ’ ने जोरदार हमले किए थे। इस संघर्ष में सात सौ से भी अधिक लोगों के मारे जाने के दावे किए जा रहे हैं। इसके अलावा इस संघर्ष में पाच हज़ार से भी अधिक घायल हुए हैं। इस संघर्ष की तीव्रता बढ़ने के बाद सूड़ान से अन्य देशों के नागरिकों को बाहर निकालने का अभियान शुरू हुआ था। यह संघर्ष रोकने के लिए सौदी एवं अन्य देशों ने कोशिश करके कुछ समय के लिए यहां युद्ध विराम लागू किया था। लेकिन यह युद्ध विराम महज कुछ ही समय के लिए लागू रहा।

पहले के अनुभव के मद्देनज़र सूड़ान की सेना और आरएसएफ का यह युद्ध विराम भी टूटने की संभावना बनी है। लेकिन, पहले के समय में घोषित युद्ध विराम का निरिक्षण अन्य किसी भी देश या अंतरराष्ट्रीय यंत्रणा ने नहीं किया था। लेकिन, सौदी के जेद्दाह में सात दिनों के लिए किए गए युद्ध विराम का पालन हो रहा है या नहीं, इसका निरिक्षण सौदी अरब और अमरीका करेंगे, यह कहा जा रहा है। इस वजह से यह युद्ध विराम अधिक शाश्वत होगा, ऐसा विश्वास सौदी के विदेश मंत्रालय ने व्यक्त किया है।

इस युद्ध विराम के दौरान सूड़ान की जनता को ज़रूरी सभी मानवीय सहायता किसी भी बाधा के बिना प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। साथ ही इन सात दिनों में जनता के लिए आवश्यक ज़रूरी सेवा भी शुरू रहेगी। अस्पताल और अन्य आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति कर रहें केंद्रों पर तैनात जवानों को हटाने का मुद्दा सेना और आरएसएफ ने स्वीकार किया है। यह सात दिनों का युद्ध विराम सफल हुआ तो इसका अवधि बढ़ाया जा सकता हैं, यह दावा भी सौदी के विदेश मंत्रालय ने किया है।

लेकिन, यह युद्ध विराम यानी सूड़ान की जनता को आवश्यक सभी सहायता प्रदान करने के लिए किया गया अस्थायि समझौता हैं। सूड़ान की सेना और आरएसएफ के बीच बनी समस्या अभी भी खत्म नहीं हुई है। युद्ध विराम यानी राजनीतिक बातचीत नहीं हैं, यह खुलासा सौदी के विदेश मंत्रालय ने किया है। इस वजह से यह युद्ध विराम सफल हुआ तो सूड़ान में शुरू रक्तपात पुरी तरह से रोककर इस देश की व्यवस्था फिर से सामान्य होने की गारंटी देना मुमकिन नहीं होगा, यह इशारा सौदी अरब दे रहा हैं। 

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