जॉन हंटर (१७२८-१७९३)

जॉन हंटर (१७२८-१७९३)

एक विलक्षण संशोधक के द्वारा निर्माण किया गया, इंग्लैंड शहर का आभूषण माना जानेवाला अल्स कोर्ट का चिड़ियाघर। इस संग्रहालय में थी चिड़ियों की चहचहाट, पक्षियों का झुंड़, चमगादड़ों की बसती, उल्लुओं का आना-जाना, दौड़ने-भागनेवाले शुतुरमुर्ग, बतख़ों की बॅक बॅक की आवाज़, रेशम के कीड़े, मधुमख्खियों के छत्ते, हिरन और कंगारुओं का झुंड़, सियार, भेड़िये […]

Read More »

नेताजी-८४

नेताजी-८४

ते़ज ऱफ़्तार के साथ आगे बढ़ रहे असहकार आन्दोलन को अचानक बिनाशर्त स्थगित कर देने के गाँधीजी के निर्णय की आलोचना करनेवाले सुभाषबाबू-विठ्ठलभाई के घोषणापत्र से भारतीय राजकीय वर्तुल में खलबली मच गयी। गाँधीजीसमर्थकों की राय से तो सुभाषबाबू गाँधीजीविरोधक ही थे, लेकिन विठ्ठलभाई भी उनका साथ देंगे यह किसीने सपने में भी नहीं सोचा […]

Read More »

नेताजी- ८३

नेताजी- ८३

सुभाषबाबू अब उत्सुक थे, विठ्ठलभाई से मिलने के लिए। मई महीने के प्रारम्भ में विठ्ठलभाई कूच ब कूच जब व्हिएन्ना पहुँचे, तब सेहत ठीक न होने के बावजूद भी उस सुबह की कड़ाके की ठण्ड़ में रेल्वे स्टेशन पर उनके स्वागत के लिए अकेले सुभाषबाबू ही आये थे। बीमार होने के कारण लाठी टेकते टेकते […]

Read More »

समय की करवट (भाग २६)- ‘युरोपियन इकॉनॉमिक कम्युनिटी’

समय की करवट (भाग २६)- ‘युरोपियन इकॉनॉमिक कम्युनिटी’

‘समय की करवट’ बदलने पर क्या स्थित्यंतर होते हैं, इसका अध्ययन करते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं। इसमें फिलहाल हम, १९९० के दशक के, पूर्व एवं पश्चिम जर्मनियों के एकत्रीकरण के बाद, बुज़ुर्ग अमरिकी राजनयिक हेन्री किसिंजर ने जो यह निम्नलिखित वक्तव्य किया था, उसके आधार पर दुनिया की गतिविधियों का अध्ययन कर रहे […]

Read More »

पॉल ब्रोका (१८२४-१८८०)

पॉल ब्रोका (१८२४-१८८०)

‘क्यों, लगता है ‘टॉक टाईम’ फ्री मिलता है!’ यह कहकर घंटों देर तक केवल फोन एवं मोबाईल पर बातें करनेवालों को मस्ती-मजाक में ही टोक दिया जाता है। मानवी अस्तित्व में अपनी भावनाओं को व्यक्त करना है, क्या और कैसे बात करनी है यह निश्‍चित करनेवाला, मुख से बाहर निकलनेवाले शब्दों पर लगाम कसने वाला […]

Read More »

दुनियाभर के प्रमुख देशों पर ‘रैन्समवेअर’ का दूसरा हमला; रशिया और युक्रेन का सबसे ज़्यादा नुकसान

दुनियाभर के प्रमुख देशों पर ‘रैन्समवेअर’ का दूसरा हमला; रशिया और युक्रेन का सबसे ज़्यादा नुकसान

किव्ह/मॉस्को/वॉशिंग्टन, दि. २८ : पिछले महिने में हुए ‘रैन्समवेअर’ साइबर हमले की पुनरावृत्ति हुई है| बुधवार को हैकर्स ने सायबर हमले द्वारा दुनियाभर के प्रमुख देशों और कंपनियों को दुविधा में डाल दिया है| युक्रेन और रशिया इन देशों का इस सायबर हमले में सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है, ऐसा कहा जाता है| साथ ही, […]

Read More »

नेताजी- ८१

नेताजी- ८१

व्हेनिस में एक दिन रहने के बाद ७ मार्च १९३३ की रात को सुभाषबाबू व्हिएन्ना के लिए रवाना हुए। अब उनका पहला लक्ष्य था – तंदुरुस्ती। उनके आने की ख़बर वहाँ भी पहुँच ही चुकी थी। इसीलिए ८ मार्च को व्हिएन्ना पहुँचते ही वहाँ के भारतीय छात्रों ने उनका स्वागत किया। यहाँ भी उन्होंने ‘भारत […]

Read More »

इसरो की नयी मुहीम क़ामयाब; ‘कार्टोसॅट-२ई’ समेत ३१ उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण

इसरो की नयी मुहीम क़ामयाब; ‘कार्टोसॅट-२ई’ समेत ३१ उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण

श्रीहरिकोटा, दि. २३: एक के बाद एक सफलता की बुलंदियाँ हासिल करनेवाले ‘भारतीय अंतरिक्ष संशोधन संस्थान’ (इसरो) ने शुक्रवार को एक और अवकाश मुहीम सफल कर दिखायी है| इसरो ने एक ही समय ३१ उपग्रह अवकाश में प्रक्षेपित किये होकर, इनमें २९ विदेशी उपग्रहों का समावेश है| इसके अलावा सेना के अभियान के लिए उपयोगी […]

Read More »

लडाकू विमानों की कमी पर हवाईसेनाप्रमुख ने ग़ौर फ़रमाया

लडाकू विमानों की कमी पर हवाईसेनाप्रमुख ने ग़ौर फ़रमाया

नई दिल्ली/ पॅरिस, दि. १९ : भारतीय हवाईसेना के पास लडाकू विमानों की होनेवाली कमी के बारे में कहते समय हवाईसेनाप्रमुख     बी. एस. धनोआ ने मर्मस्पर्शी टिपणी की| ‘यह ग्यारह के बदले सात खिलाड़ियों को लेकर ही क्रिकेट टीम मैदान में उतरवाने जैसी बात है’, ऐसा कहते हुए हवाईसेनाप्रमुख ने इस कमी पर सभी का […]

Read More »

नेताजी-८०

नेताजी-८०

आँखों से ओझल हो रहे भारत के किनारे को देखते समय सुभाषबाबू का मन विचारों के सैलाब से घिर चुका था। अपने प्रियजनों के, विशेषतः अपनी प्राणप्रिय मातृभूमि के वियोग के दुख की पहली लहर की तीव्रता के कुछ कम होते ही उनका मन आगे की सोचने लगा। पिछली मर्तबा आयसीएस परीक्षा देने के लिए […]

Read More »