सामान्य जनों तक संगणक पहुँचाने वाले डॉ. विजय भटकर

सामान्य जनों तक संगणक पहुँचाने वाले डॉ. विजय भटकर

‘मूर्ति छोटी पर कीर्ति बड़ी’ इस लोकोक्ति के अनुसार अन्तरराष्ट्रीय कीर्ति के खोजकर्ता के रूप में भारतीय संगणक एवं आय टी क्षेत्र में डॉ. विजय भटकर का नाम कब का दर्ज हो चुका है। दो दशकों पूर्व एक ऐसा दौर चल रहा था, जब भारत जैसे विकसनशील देश को एक ताकतवर देश सुपर संगणक तकनीकी […]

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चंबा भाग-१

चंबा भाग-१

गर्मियों के मौसम की शुरुआत होते ही हिमालय की बहुत याद आती है और आज कल के जैसी तपतपाती गर्मी में तो हिमालय से मिलने जाने का मन अवश्य करता है। हिमालय! एक छोर से दूसरे छोर तक अपने बदन पर बर्फ़ की चादर लपेटे हुए खड़ा नगाधिराज! उत्तरी भारत में आप जहाँ से भी […]

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परमहंस-६५

परमहंस-६५

रामकृष्णजी का कामारपुकूर में दैनंदिन जीवन शुरू था। पत्नी शारदादेवी, अपने पति की उच्च योग्यता को पहचानकर उनकी सेवा में निमग्न थी। उनकी पत्नी तो वह थी ही, साथ ही अब वह उनकी निस्सीम भक्त एवं प्रथम शिष्या भी बनी। ‘रामकृष्णजी’ ही उसके जीवन की केंद्रबिंदु बने थे। छोटी छोटी बातों के लिए भी वह […]

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हॅरी जेनिंग्ज

हॅरी जेनिंग्ज

कुर्सी का मोह! पुन: उस कुर्सी को प्राप्त करने के लिए, उसे बनाये रखने के लिए अथवा किसी दूसरे को उस कुर्सी से उतारने के लिए, उसे वहाँ से उठाने के लिए भी क्यों न हो, परन्तु कुर्सी का मोह किससे टाला गया है। वैसे ही जमीन की बजाय (भारतीय बैठक) सादी कुर्सी पर बैठने […]

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विश्‍व हिन्दु परिषद

विश्‍व हिन्दु परिषद

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ – भाग ३७ सन १९६४  की जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर स्थापन हुई ‘विश्‍व हिन्दु परिषद’ ने स्थापना के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। पूरी दुनिया में इस संगठन का विस्तार हुआ। आज ‘विश्‍व हिन्दु परिषद’ सही मायने में ‘विश्‍वव्यापी’ बनी दिखायी दे रही है। पचास देशों में इस संगठन का […]

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राष्ट्र सेविका समिति

राष्ट्र सेविका समिति

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ – भाग २८ स्वतन्त्रता के लिए आन्दोलन शुरू हो चुका था। लेकिन इस आन्दोलन में महिलाएँ भी सम्मिलित हों, ऐसा आवाहन महात्मा गाँधीजी निरन्तर करते रहते थे। उस आवाहन को देशभर की महिलाओं से प्रतिसाद मिल रहा था। कई महिलाएँ स्वतन्त्रता के लिए, समाजसुधार के लिए घर से बाहर निकलीं और […]

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गुरुजी का प्रेम

गुरुजी का प्रेम

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ – भाग २७ सन १९६५ के युद्ध के बाद प्रधानमंत्री लालबहाद्दूर शास्त्रीजी का निधन हो गया| यह बहुत ही दुखदायी घटना थी| इस युद्ध में जीती हुई भूमि पाक़िस्तान को लौटाने की ग़लती शास्त्रीजी ने की थी| राजनीति के मोरचे पर हुए इस पराभव के अपवाद को यदि बाजू में रखें, […]

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गोवा मुक्तिसंग्राम

गोवा मुक्तिसंग्राम

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ – भाग २४ स्वतंत्र हुए भारत के सामने नयीं नयीं चुनौतियाँ खड़ी हो ही रही थीं और संघ अपनी पूरी ताकत लगाकर उनका सामना कर रहा था और समाज की सेवा भी कर रहा था। १५ अगस्त १९५० को आसाम में बहुत बड़ा भूकंप हुआ। इस भूकंप के कारण ब्रह्मपुत्रा नदी […]

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – संकल्प!

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – संकल्प!

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – भाग 9 कोलकाता (उस समय के कलकत्ता) में पढ़ने के लिये आने के बाद केशवराव कई बार दक्षिणेश्‍वर, बेलूर मठ और शांतिनिकेतन जाया करते थे। यहाँ पर उन्हें बहुत आनंद मिलता था। इसी दौरान घटी एक घटना का वर्णन किये बिना नहीं रहा जाता। कलकत्ता में एक सभा चल रही थी। […]

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