सऊदी के स्पोर्ट्स स्टेडियम मे महिलओं को प्रवेश मिलेगा

रियाध: जल्द ही सऊदी के स्पोर्ट्स स्टेडियम में महिलाओं को प्रवेश दिया जाना वाला है। सऊदी के यंत्रणाओंने यह घोषणा की है। सऊदी के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमानने कुछ दिनों पहले अपना देश धार्मिक कट्टरवाद छोड़कर उदारमतवाद स्वीकारने वाला है, ऐसी घोषणा की थी। उसके बाद हाथों-हाथ महिलाओं के लिए सऊदी अरेबिया के स्टेडियम खुले करने का निर्णय घोषित किया है। लैंगिक समानता की तुलना में १४५ देशों में १३५ क्रमांक पर होने वाले सऊदीने लिए इस निर्णय को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

स्पोर्ट्स स्टेडियमसन २०१८ से सऊदी अरेबिया में स्पोर्ट्स स्टेडियम में महिलाओं को प्रवेश महिलाएं प्रवेश कर सकते हैं। उसके लिए तैयारी की जा रही है। इसकी जानकारी सऊदी के यंत्रणाओं ने दी है। पिछले महीने में सऊदीने महिलाओं को ड्राइविंग का प्रमाण पत्र देने की घोषणा की थी। आने वाले वर्ष के जून महीने से सऊदी में महिला ड्राइविंग करते हुए दिखाई देंगे। यह दो निर्णय सऊदी में होने वाले क्रांतिकारी बदलाव की गवाही दे रहे है। सऊदी के नीति में हुए इस बदलाव के पीछे निश्चित सूत्र होने की स्पष्ट संकेत प्रिंस मोहम्मद बिन सलमानने निओम सिटी की घोषणा करते हुए दिए हैं।

स्पोर्ट्स स्टेडियमराजधानी रियाध में ५०० अब्ज डॉलर्स इतना बड़ा निवेश करके, रेड सी में निर्माण होने वाले इस मेगा सिटी की घोषणा करते हुए, सऊदी के अपने पारंपारिक नीति में बदलाव करने की बात प्रिंस मोहम्मदने कही है। सऊदी अरेबिया में कट्टरपंथियों से ३० वर्ष संघर्ष कर रहे है। हमें अब समय बर्बाद नहीं करना है। हमें अभी कट्टरवादियों को परास्त करना है, ऐसा कह कर प्रिंस मोहम्मदने सऊदी अरेबिया बदलने की बात घोषित की है। आने वाले समय में सऊदी अरेबिया अन्य धर्मों के बारे में भी उदारनीति स्वीकारेगा। यह इस्लाम धर्म का तत्व होकर वही आगे चलकर हमारे जीवन में भी उपयोग में लाया जाएगा, ऐसा दावा प्रिंस मोहम्मद ने किया था।

३२ वर्ष के प्रिंस मोहम्मदने यह घोषणा करके, सऊदी के राजघराने ने आज तक स्वीकारी हुई नीति से अलगाव करने का दावा पाश्चात्य माध्यमों ने किया है। वैसा करके प्रिंस मोहम्मद ने सऊदी अरेबिया के कट्टरपंथियों धर्मगुरु के विरोध में युद्ध पुकारने की बात कुछ पाश्चात्य अखबारों ने कही है। उसी समय सऊदी के नीति में हो रहे बदलाव इस देश के कट्टरवाद मे आसानी से नहीं स्वीकारा जाएगा, ऐसा इशारा कुछ विश्लेषकों ने दिया है। आज तक सऊदी के राजघराने को कट्टरपंथियों ने समर्थन दिया था। उनसे एकदम अलगाव करना सऊदी के राजघराने के लिए महंगा होगा, ऐसा विश्लेषकों का कहना है। दौड़ती ट्रेन से छलांग मार के दूसरी ट्रेन पकड़ना जितना कठिन है, यह परिस्थिति भी उतनी ही कठिन है, ऐसा एक विश्लेषक ने कहा है।

प्रिंस मोहम्मद आक्रामक नीति के लिए प्रसिद्ध होकर, सऊदी के राजघराने के उत्तराधिकारी बनने के बाद उन्होंने कुछ साहसी निर्णय लिए थे। येमेन में हौथी विद्रोहियों के विरोध में सीधा लष्करी संघर्ष पुकारने से लेकर अन्य अरब मित्र देशों की सहायता से कतार को गतिरोध करने तक अनेक निर्णय का इनमे समावेश किया जा सकता है। महिलाओं को ड्राइविंग का प्रमाण पत्र एवं स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रवेश देने के निर्णय सऊदी के समाज जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लाने वाला है। जिसका जिक्र दुनियाभर से हो रहा है। सऊदी में कुछ लोगोंने इस निर्णय का समर्थन देने की बात सामने आई थी। इस नीति को अब तक स्पष्ट तौर पर किसी ने विरोध नहीं किया है, फिर भी आने वाले समय में सऊदी के कट्टरपंथी उदारमतवादी नीति के विरोध में संघर्ष करने के अलावा नहीं रह सकते, ऐसा संकेत विश्लेषक दे रहे हैं।

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