खाड़ी क्षेत्र में तनाव के पृष्ठभूमि पर इंधन का दर बढ़ने की आशंका है – १०० डॉलर प्रति बैरल तक जाने के संकेत

रियाध / वॉशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त होने की प्रक्रिया लगातार दूसरे हफ्ते में भी कायम रही है। पिछले हफ्ते में ६० डॉलर्स का उच्चतम स्तर प्राप्त करने वाले तेल की कीमतों में ६४ डॉलर्स प्रति बैरल की कीमत प्राप्त करके, पिछले ढाई वर्षों का नया उच्चतम स्तर माना गया है। तेल उत्पादक देशों में अग्रणी देश होने वाले सऊदी अरेबिया में शुरू हुए नाट्यमय गतिविधियाँ, ईरान के साथ येमेन और लेबनॉन के मुद्दे पर निर्माण हुआ तनाव, कुर्दिस्तान जैसे घटक से यह कीमतों में बढ़त होने के जिम्मेदार मानी गई है। खाड़ी क्षेत्र में इन गतिविधियों को आने वाले समय में गति आने की आशंका है और इससे कच्चे तेल के प्रति बैरल १०० डॉलर्स तक जाने की आशंका जताई गई है।

इंधन का दरपिछले महीने के आखिर में कच्चे तेल की कीमतों में प्रति बैरल ६० डॉलर्स तक ऊंचाई प्राप्त की थी। कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त होने की प्रक्रिया इस महीने में भी कायम रहेगी, यह कहकर सोमवार को कच्चे तेल की कीमत ६४ डॉलर्स तक पहुंची है। पिछले ३० महीनों के कालखंड में यह उच्चतम स्तर माना जा रहा है। अमरिका के तेल के कीमत ५७ डॉलर्स प्रति बैरल के ऊपर गए हैं। जून २०१५ तक यह रिकॉर्ड दर्ज होने का पहला समय है।

कच्चे तेल की कीमतों में शुरू रही बढ़त को सऊदी अरेबिया में हुए नाट्य में गतिविधियाँ जिम्मेदार होने की बात कही जा रही है। सऊदी अरेबिया के राजघराने में शुरू होने वाली गतिविधियों से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अस्वस्थता निर्माण हुई है और उसका परिणाम तेल की कीमतों पर दिखाई दे रहा है। उसी समय ईरान के येमेन एवं लेबनॉन में दखलअंदाजी से खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है। इराक एवं कुर्दिस्तान का कुछ महीनों से कतार से भी विवाद शुरू है।

इंधन का दरसऊदी अरबिया से लेबनॉन तक सभी देशों में होने वाली अशांति खाड़ी क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ाने वाली मानी गई है। फिलहाल शुरू होने वाली गतिविधियों से आने वाले समय में अधिक गतिमान होने के संकेत दिए गए हैं और इसकी वजह से खाड़ी क्षेत्र में अस्थिरता कुछ समय के लिए कायम रहेगा, ऐसी आशंका है। इस अस्थिरता की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त होने दिखाई दे रहा है।

खाड़ी देशों में इस अस्थिरता के साथ अफ्रीका के नाइजीरिया में भी घटे हुए तेल के उत्पादन, चीन से बढ़ती मांग, ‘ओपेक’ संगठनने इंधन के भविष्य पर प्रसिद्ध किया एक रिपोर्ट एवं रशिया के साथ अन्य देशों की ‘ओपेक’ के साथ हुई बैठक, यह सभी बातें कच्चे तेल के दामों में होने वाले बढ़त के लिए जिम्मेदार होने की बात मानी जा रही है। कुछ विश्लेषकोंने आनेवाले समय में कच्चे तेल के दाम १०० डॉलर प्रति बैरल तक जा सकते हैं, ऐसा दावा किया है।

सऊदी अरेबिया में शुरू हुए आर्थिक सुधार में उस देश के प्रमुख तेल कंपनी ‘ऐरामको’ का कुछ हिस्सा बेचने के संकेत दिए गए हैं। इस बिक्री से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो इसके लिए सऊदी कच्चे तेल के दाम बढ़ाने का प्रयत्न कर रहा है, ऐसा विश्लेषकों का कहना है। इस महीने के आखिर तक कच्चे तेल के दाम प्रति ७० डॉलर्स उसके ऊपर जाएंगे और उसके बाद समय-समय पर बढ़त होती रहेगी ऐसा कहा गया है।

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