सऊदी अरेबिया का सत्ता संघर्ष तीव्र

  • दो राजकुमारों की हत्या होने का दावा

  • एक राजकुमार की ईरान की तरफ दौड़

वॉशिंगटन: भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सऊदी अरेबिया में शुरू हुई सत्ता संघर्ष की खबरें अब सामने आ रही हैं। प्रिंस मंसूर की रविवार को हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत होने की घोषणा सऊदी की यंत्रणाओं ने की थी। लेकिन प्रिंस मंसूर इस हेलिकॉप्टर से सऊदी छोड़ने की तैयारी में थे और उनके हेलिकॉप्टर को गिराया गया है, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। प्रिंस तुर्की बिन मोहम्मद बिन फहाद ने सऊदी में चल रही कार्रवाई की पृष्ठभूमि पर ईरान में आसरा लेने की खबर है। इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।

सऊदी अरेबिया के उत्तराधिकारी प्रिंस मोहम्मद ने शनिवार को भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई के अंतर्गत राजघरानों के ११ राजपुत्रों को कब्जे में लिया था। प्रिंस की इस कार्रवाई का स्वागत किया गया था। इस गिरफ़्तारी के सिलसिले को अभी २४ घंटे भी पूरे नहीं हुए हैं, तभी ‘प्रिंस मंसूर बिन मुकरीन’ के हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत होने की घोषणा सऊदी की सरकारी यंत्रणाओं ने की है। लेकिन प्रिंस मंसूर और राजघराने के सात लोगों को लेकर जा रहा हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ था बल्कि उसे गिराया गया था, ऐसी जानकारी सामने आ रही है।

सत्ता संघर्षप्रिंस मोहम्मद के कडे विरोधी के तौर पर प्रिंस मंसूर को जाना जाता है। प्रिंस मोहम्मद ने पाँच सितारा होटल में राजघराने के प्रभावी राजपुत्रों को कैद करने के बाद प्रिंस मंसूर ने राजघराने के अन्य राजपुत्रों के साथ सऊदी छोड़ने की तैयारी की थी। लेकिन हेलिकॉप्टर से जाते समय सऊदी के लड़ाकू विमानों ने हमला करके इस हेलिकॉप्टर को गिरा दिया, ऐसा दावा कुछ अखबारों में किया जा रहा है। शनिवार को प्रिंस मोहम्मद ने राजपुत्रों पर कार्रवाई के आदेश दिए, उसी दौरान कोई भी निजी विमान अनुमति के बिना सऊदी छोड़कर नहीं जाएगा, ऐसी सूचना भी सुरक्षा यंत्रणाओं की दी गई थी।

पांच सितारा होटल में ११ राजपुत्रों को बंदी बनाते समय हुई गोलीबारी में ‘प्रिंस अब्दुल अझिझ बिन फहाद’ की हत्या होने का दावा भी किया जा रहा है। अमरिका की जाँच एजेंसी ‘एफबीआई’ के भूतपूर्व स्पेशल एजेंट ‘अली एच. सूफान ने ट्वीट करके प्रिंस अब्दुल अझिझ की हत्या की जानकारी दी। प्रिंस अब्दुल अझिझ की हत्या और लेबेनीज प्रधानमंत्री साद हरिरी ने सऊदी से दिया हुआ इस्तीफा, इनका संबंध होने का दावा भी सूफान ने किया है।

साद हरिरी के स्वामित्व की ‘सऊदी ओगेर लिमिटेड’ इस कंपनी में प्रिंस अब्दुल अझिझ का बड़ा निवेश था। कुछ महीनों पहले साद ने इस कंपनी के सभी व्यवहारों को रोका था। इसके पीछे का कारण स्पष्ट नहीं हुआ था। लेकिन साद का इस्तीफा और प्रिंस अब्दुल अझिझ की गिरफ़्तारी और उसके बाद उनकी मृत्यु इनमें संबंध होने का दावा खाड़ी की मीडिया और विश्लेषक कर रहे हैं।

दौरान, सऊदी के उत्तराधिकारी प्रिंस मोहम्मद ने अपने विरोधकों पर कार्रवाई तीव्र करने के बाद प्रिंस तुर्की बिन मोहम्मद बिन फहाद ने सऊदी से पलायन करने का दावा, किया जा रहा है। प्रिंस तुर्की का निश्चित ठिकाना हाथ नहीं लगा है, फिर भी वो ईरान में जाने की बात कही जा रही है। सऊदी के साथ बिगड़े संबंधों को देखा जाए, तो ईरान प्रिंस तुर्की को आसरा दे सकता है, ऐसी संभावना भी जताई जा रही है।

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