ईरान और सऊदी अरेबिया के बिच युद्ध की वजह से इंधन के दर ३०० डॉलर्स तक भड़केंगे – विश्लेषकों का इशारा

मोस्को/रियाध: ईरान और सऊदी अरेबिया में युद्ध भड़का तो कच्चे तेल के दर ३०० डॉलर्स प्रति बैरेल तक भड़क सकते हैं, ऐसा इशारा अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषकों ने दिया है। दरों में हुई बढोत्तरी का बड़ा परिणाम वैश्विक अर्थव्यवस्था पर हो सकता है, ऐसा भी विश्लेषकों ने कहा है। पिछले कुछ महीनों में सऊदी अरेबिया और ईरान के बिच तनाव नियमित रूप से बढ़ता दिखाई दे रहा है, इस पृष्ठभूमि पर विश्लेषकों ने दिया हुआ यह इशारा ध्यान आकर्षित करने वाला साबित हुआ है।

इंधनपिछले हफ्ते येमेन के हौथी बागियों ने सऊदी अरेबिया की राजधानी रियाध पर मिसाइल हमले की कोशिश की थी। सऊदी लष्कर ने सफलतापूर्वक हमला रोका है, लेकिन इस हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ईरान की ओरसे हुए इस हमले का परिणाम युद्ध में सकता है, ऐसा इशारा सऊदी ने दिया था। सऊदी की वृत्तसंस्था ने वरिष्ठ अधिकारी के बिना पर दी खबर में, ऐसे हमले में सऊदी को प्रत्युत्तर देने का पूरा अधिकार है, ऐसा इशारा दिया है।

सऊदी अरेबिया के ‘क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान’ ने ईरान के खिलाफ नियमित रूप से आक्रामक भूमिका अपनाई है, उन्होंने अरब मित्र देश और अमरिका की सहायता से ईरान पर हमले की तैयारी शुरू की है, ऐसा माना जाता है। ईरान ने भी सऊदी के हमले को कड़ा प्रत्युत्तर देने के लिए सज्ज होने का इशारा दिया है। कुछ दिनों पहले ही, लेबनोन के प्रधानमंत्री का इस्तीफा, येमेन के सऊदी अरेबिया पर हमले और सऊदी के राजपुत्र की ओर से देश के प्रभावशाली व्यक्तियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई, यह घटनाएँ खाड़ी एक बड़े विस्फोट की तरफ जा रहा है, ऐसा संकेत देने वाली हैं, ऐसा इशारा अमरिकी विश्लेषक रोबर्ट मेली ने दिया था।

इंधनइस पृष्ठभूमि पर इंधन बाजार के विश्लेषकों ने सऊदी और ईरान के बिच संभवित युद्ध का बड़ा झटका कच्चे तेल की दरों को लगने वाला है, ऐसा इशारा दिया है। रशियन विश्लेषक मिखाईल माशेन्को ने सऊदी और ईरान के बिच युद्ध हुआ तो तेल के दर लगभग ५०० प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं, ऐसा इशारा दिया है। दो देशों के बिच युद्ध कितना तीव्र है और उसका कालावधि इस पर तेल की दरों में बढ़ोत्तरी निर्भर है, ऐसा मोशेन्को ने कहा है। सऊदी अरेबिया और ईरान ने एकदूसरे की तेल परियोजनाओं पर हमले किए तो तेल के दर लगभग ३०० डॉलर्स प्रति बैरल तक भड़क सकते हैं, ऐसा इशारा भी उन्होंने दिया है।

इवान कैरिकिन ने सऊदी के साथ खाड़ी के प्रमुख देश करीब ३० प्रतिशत तेल का उत्पाद करते हैं, इस बात की तरफ भी ध्यान आकर्षित किया है।

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