रशिया की ‘तैरने वाली परमाणु परियोजना’ विवाद के घेरे में

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रशिया ने दुनिया की पहली ‘तैरने वाली परमाणु परियोजना’ कार्यरत करने की तैयारियां तेज की हैं।‘एकॅदेमिक लोमोनोसोव्ह’ यह तैरने वाली ४७२ लम्बी और २१ हजार ५०० टन वजन की है और उसमें आर्क्टिक क्षेत्र में स्थित ‘मुरमान्स्क’ बंदरगाह से परमाणु इंधन भरा जा रहा है।

यह परियोजना रशिया के अति पूर्व में स्थित ‘चुकोत्का’ शहर से नजदीक सक्रिय की जाने वाली है। ७० मेगा मेगावॅट ऊर्जा निर्माण की क्षमता रखने वाली तैरने वाली परमाणु परियोजना से लगभग दो लाख नागरिकों को बिजली की आपूर्ति की जाएगी, ऐसी जानकारी ‘रोसएटम’ इस रशियन कंपनी ने दी है।

लेकिन रशिया के कुछ समूहों ने इस परियोजना का विरोध शुरू किया है और ‘ग्रीनपीस’ इस अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरणवादी संगठन ने भी उसके खिलाफ व्यापक मुहीम शुरू की है।

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‘ग्रीनपीस’ यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने वाली स्वयंसेवी संस्था है और इसका मुख्यालय नेदरलैंड के ॲम्स्टरडॅममें स्थित है। रशिया की यह परमाणु परियोजना मतलब ‘न्यूक्लिअर टाइटैनिक’ और ‘फ्लोटिंग चेर्नोबिल’ है, ऐसी चेतावनी ग्रीनपीस ने दी है।

चेर्नोबिल इस रशियन परमाणु परियोजना में सन १९८६ में हुई दुर्घटना में ४५ से अधिक लोगों की जान गई थी और सैंकड़ों लोगों पर रेडिएशन के भयानक परिणाम हुए थे।

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