पश्‍चिमी देशों की ‘स्विफ्ट’ को चुनौती दे रही चीन की ‘पेमेंट सिस्टम’ के साथ रशिया का सहयोग

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमास्को – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यवहारों के लिए इस्तेमाल किए जा रही पश्चिमी देशों की ‘स्विफ्ट’ इस ‘पेमेंट सिस्टिम’ को चुनौती देने वाली ‘चायना इंटरनॅशनल पेमेंट सिस्टिम (सिप्स) यह यंत्रणा चीन ने विकसित की थीं| चीन के इस ‘सिप्स’ में रशियन बैंक्स शामिल होने लगी हैं और रशिया के ‘सिप्स’ के साथ सहयोग बढ़ता जा रहा हैं| खुद रशिया की सेंट्रल बैंक ने इसकी जानकारी घोषित की हैं|

फिलहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले आर्थिक व्यवहार के लिए ‘स्विफ्ट’ यंत्रणा कार्यरत हैं| इस यंत्रणा पर अमरिका और यूरोपीय देशों का प्रभुत्व हैं| परंतु अमरिका से लगाए जाने वाले प्रतिबंध और अन्य कारवाईयों के कारण रशिया तथा चीन ने ‘स्विफ्ट’ को अतिरिक्त विकल्प निर्माण करने के प्रयत्न शुरू किए हैं| ‘ब्रिक्स’ की स्थापना के पश्चात इस कोशिश को अधिक गति मिली हैं|

चीन का ‘सिप्स’ साल २०१५ में तो रशिया ने विकसित किए ‘एसपीएफएस’ साल २०१७ के अंत में कार्यरत हुई थी| परंतु इन दोनों यंत्रणाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नहीं हुई हैं| चीन की यंत्रणा पहली बार ही सक्रिय होते हुए उसका विस्तार रशिया की तुलना में अधिक हैं| रशिया की अनेक कंपनियां उसमें शामिल होते हुए उसके बदले में चीनी कंपनियां रशियन यंत्रणा का हिस्सा बनेगी ऐसा विश्वास रशिया ने व्यक्त किया हैं|

वर्तमान में भारत और चीन इन दोनों देशों ने स्मार्टफोन मध्यवर्ती रखकर स्वतंत्र ‘पेमेंट सिस्टिम’ निर्माण करने में सफलता प्राप्त की हैं| दो प्रमुख सदस्य देशों को मिली सफलता के पश्चात अभी रशिया ने सीधा ‘ब्रिक्स’ की स्वतंत्र यंत्रणा निर्माण करने के लिए प्रस्ताव रखा है और भारत और चीन के सहयोग से इस यंत्रणा का निर्माण करने की कोशिश भी शुरू हुई हैं|

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