इस्रायल से नाता तोडना अरब लोगों की बडी गलती थी – संयुक्त अरब अमिराती के विदेश मंत्री अन्वर गारगाश

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरअबू धाबी – ‘इस्रायल के साथ किसी भी प्रकार का संबंध नहीं रखने का निर्णय अरब देशों ने कुछ दशकों पहले लिया था| यह निर्णय बहुत ही गलत था और इस कारण अरब देशों का बेहिसाब नुकसान हुआ है’, ऐसी स्पष्ट स्वीकारोक्ति संयुक्त अरब अमिराती (युएई) के विदेश मंत्री अन्वर गारगाश ने दी हैं| अमरिका ने गोलान पहाडियों के भूभाग पर इस्रायल का सार्वभौमिक अधिकार मान्य करने के पश्चात अरब-इस्लामी देशों से प्रशोभक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं| उस पृष्ठभूमि पर, यूएई के विदेश मंत्री ने इस्रायल के पक्ष में किया यह कथन बहुत महत्वपूर्ण साबित होता हैं| ‘इस्रायल से सहयोग और चर्चा शुरू करके कई प्रश्न हल हो जाएंगे’ ऐसा दावा भी विदेश मंत्री गारगाश ने किया हैं|

आने वाले कुछ ही घंटों में ट्यूनिशिया में ‘अरब लीग’ की विशेष बैठक शुरू होने वाली हैं| इस बैठक के पहले अमिराती के विदेश मंत्री ने इस्रायल के विषय में बहुत अलग भूमिका प्रस्तुत की हैं| इस्रायल से संबंध तोड़ने के बजाय राजनीतिक विवाद और आपसी सहकारिता स्वतंत्र रखी होती तो बहुत कुछ हासिल किया जा सकता था, ऐसा गारगाश ने स्थानीय समाचार पत्रिका से बातचीत करते हुए बताया हैं| ‘यूएई’ के विदेश मंत्री ने राजनीतिक विवाद पर बात करते हुए अरबों ने बहिष्कार करने की वजह से इस्रायल-पैलस्टिन का संघर्ष सुलझाना जटिल होने की बात उन्होंने मान्य की हैं|

‘इस्रायल-पैलस्टिन के बीच की शांति चर्चा विलंबित करनी हो तो इस्रायल-अरब देशों के संबंधों में आलंकारिक बदल होना आवश्यक हैं| परंतु यदि ऐसी परिस्थिति रही तो आने वाले १५ सालों के पश्चात हमें एक राष्ट्र संकल्पना का स्वीकार करना होगा’, इसकी अनुभूति गारगाश ने कराई हैं| फिलहाल अरब देश और इस्रायल में शुरू वार्तालाप से कोई फर्क नहीं पडेगा, यह बताकर वर्णित सहयोग से सामरिक बदल अपेक्षित होने की बात विदेश मंत्री गारगाश ने कही हैं| साथ ही ‘द्विराष्ट्र’ की बात इसके आगे व्यवहार्य नहीं होगी, यह भी गारगाश ने स्पष्ट की हैं|

साथ ही आने वाले डेढ़ दशकों के पश्चात इस्रायल का अस्तित्व मान्य कर पैलस्टिनियों को इस्रायल में समान हक देने के लिए प्रयत्न करने होंगे, ऐसा भी गारगाश ने बताया हैं| उसी के साथ यूएई के दृष्टिकोण से इस्रायल पैलस्टिन के इस विवाद का समाधान होना ही होगा क्योंकि खाड़ी में सब कुछ शांत होते हुए भी बीच में ही इस विवाद के कारण संघर्ष भड़क उठता हैं, ऐसा बताकर दो दिनों पहले गाजा पट्टी से इस्रायल पर हुए रॉकेट हमलों की ओर भी गारगाश ने ध्यान आकर्षित कराया हैं|

दौरान, ‘यूएई’ के विदेश मंत्री ने गोलन पहाडियों के विषय में अमरिका के निर्णय पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया हैं| परंतु अरब देशों ने इस्रायल के साथ सामरिक सहयोग प्रस्थापित करने की आवश्यकता रेखांकित कर गारगाश ने सीरिया के साथ ईरान को भी चेतावनी दी हुई दिखाई दे रही हैं|

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