चीन और रशिया की गतिविधियां रोकने के लिए; ‘फाईव्ह आईज् अलायन्स’ में जापान, जर्मनी और फ्रान्स शामिल

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

वॉशिंगटन/लंडन – अंतरराष्ट्रीय स्तर की खुफिया यंत्रणा का स्वतंत्र और प्रभावी गुट के तौर पर जानेवाला ‘फाईव्ह आईज अलायन्स’ का विस्तार करने के स्पष्ट संकेत प्राप्त हो रहे है| चीन के साथ ही रशिया से विश्‍वभर में हो रही कुटिल गतिविधियां रोकने के लिए ‘फाईव्ह आईज अलायन्स’ अब नया गठबंधन बना रहा है| इस विस्तार में अब जापान, जर्मनी और फ्रान्स भी इस गठबंधन में शामिल हो रहे है| पिछले कुछ महीनों से इन देशों की खुफिया एजंसी सहयोग बढा रही है| चीन के ‘हुवेई’ कंपनी की अहम अधिकारी ‘वैनझोऊ मेंग’ इनके विरोध में हुई कारवाई के पीछे यही कोशिष कारण है, यह दावे हो रहे है|

अमरिका और ब्रिटेन की खुफिया एजंसी ने दुसरे विश्‍वयुद्ध की पृष्ठभुमि पर एक होकर सहयोग बढाने के लिए समझौता किया था| उसके बाद इस समझौते में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूझीलंड को शामिल किया गया था| रशिया के विरोध में शीत युद्ध के समय यह सहयोग और पुख्ता करने के लिए कदम उठाए गए| इन देशों की खुफिया एजंसी एक दुसरे को सहयोग करने के साथ ही एक दुसरे के खिलाफ अन्य देशों के लिए जानकारी की आपुर्ति ना करे, इसके प्रावधान भी किया गया था|

पिछले कई दशकों से लगातार शुरू इस सहयोग की कक्षा बढाने के संबंधी चर्चा को पिछले कुछ वर्षों में गति मिली है| महासत्ता होने के लिए विशेष कोशिष में जुटें चीन और इस पायदान से नीचे गिरे रशिया की बढती गतिविधियों की पृष्ठभुमि पर इस चर्चा को गति मिली है, यह कहा जा रहा है| जागतिक स्तर पर सहयोग की कक्षा का विस्तार करने के लिए नए देशों को साथ लेकर स्वतंत्र गठबंधन बनाने की कोशिष शुरू है| इसमें जापान, जर्मनी और फ्रान्स को शामिल किया गया है और इन देशों की खुफिया एजंसी के साथ चर्चा शुरू हुई है, यह बताया जा रहा है|

चीन और रशिया ने विश्‍व के कोने कोने में अपनी गतिविधियां गतिमान करने की शुरूआत की है| चीन से अमरिका, ऑस्ट्रेलिया, युरोप, अफ्रीका, लैटीन अमरिका इन सभी हिस्सों में आर्थिक बलबुते पर वर्चस्व बनाने की कोशिष हो रही है| इसके लिए चीन ‘बेल्ट ऍण्ड रोड इनिशिएटिव्ह’ जैसी परियोजनाओं का इस्तेमाल कर रही है| उसी समय रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने देश को फिर से सामर्थ्यवान करने की कोशिष शुरू की है और रक्षा सामर्थ्य एवं खुफिया एजंसी के बलबुते पर प्रभाव बढाने की तैयारी भी शुरू की है|

चीन और रशिया की इन गतिविधियों की कक्षा चिंता का विषय है और इसे रोकने के लिए तेजी से उचित समन्वय के साथ कदम बढाने की जरूरत स्पष्ट की गई है| इसी कारण नये देशों का सहयोग प्राप्त करके जानकारी का आदान-प्रदान और भी व्यापक स्तर पर शुरू की गई है|

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