सायबर हमलों की ज़िम्मेदारी से रशिया बच नहीं सकती – ब्रिटेन के विदेशमंत्री डॉमिनिक राब का इशारा

डॉमिनिक राब, इशारा, सायबरयुदे कॉन्फरन्स, हैकर्स, सायबर हमला, ब्रिटेन, रशिया, जी ७लंदन/मास्को – ‘सायबर हमला कर रहे हैकर्स हमले करके बाधाएँ निर्माण करने पर जोर देते हुए दिखते हैं। यह गुट यानी २१वीं सदी के बड़े उपद्रवी गिरोह होने की बात कही जाएगी। लेकिन, सिर्फ उपद्रव करना ही इनका उद्देश्‍य नहीं है। किसी देश का समर्थन करनेवाले यह गुट और गुनाहगारों के गिरोह जनतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। रशिया जैसा बड़ा देश जब ऐसे हैकर्स और गुनाहगारों के गिरोहों को आश्रय देता है तब हमने कुछ भी नहीं किया है ऐसा कहकर हाथ बांधे शांत बैठना उन्हें संभव नहीं होता। इन हैकर्स एवं गिरोहों पर कार्रवाई करने की ज़िम्मेदारी भी रशिया की ही है, इस बात का अहसास उसे होना चाहिए’, इन शब्दों में ब्रिटेन के विदेशमंत्री डॉमिनिक राब ने सायबर हमलों के मुद्दे पर रशिया को सख्त चेतावनी दी।

बुधवार के दिन ब्रिटेन में ‘सायबरयुदे कॉन्फरन्स’ का आयोजन किया गया। इस दौरान विदेशमंत्री राब ने सायबर हमलों के बढ़ते खतरों के मुद्दे पर रशिया के साथ चीन, उत्तर कोरिया और ईरान की जोरदार आलोचना की। ‘उत्तर कोरिया, ईरान, रशिया और चीन यह एकाधिकार की हुकूमत के देश है। यह हुकूमतें डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हमलों के लिए एवं लूटपाट के लिए कर रहे हैं। किसी बात को नियंत्रण में रखने के लिए एवं सेन्सरशिप के लिए भी इस तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। म्यांमार जैसे देश में जुंटा हुकूमत ने उठाएँ कदम इस बात का स्पष्ट नमूना है’, इन शब्दों में ब्रिटेन के विदेशमंत्री ने अपनी भूमिका रखी।

डॉमिनिक राब, इशारा, सायबरयुदे कॉन्फरन्स, हैकर्स, सायबर हमला, ब्रिटेन, रशिया, जी ७इस दौरान विदेशमंत्री राब ने बीते कुछ वर्षों में हुए सायबर हमलों का भी ज़िक्र किया। रशिया ने वर्ष २०१७ में किया हुआ ‘नॉटपेट्या सायबर हमला’, वर्ष २०१६ और २०२० में अमरीका के चुनावों पर हुए सायबर हमले, ब्रिटेन में वर्ष २०१९ में हुए चुना्वों के दौरान हुए सायबर हमले एवं मायक्रोसॉफ्ट के सर्वर पर हुए हमलों का ज़िक्र करके उन्होंने सायबर हमलों के बढ़ते दायरों की ओर ध्यान आकर्षित किया। ‘रैन्समवेअर’ वर्ग के हमलों के कारण हो रहे परिणामों के अहसास कराते हुए ब्रिटीश विदेशमंत्री ने अमरीका की र्इंधन पाइपलाइन पर हुए हमले की जानकारी भी प्रदान की।

बढ़ रहे सायबर हमलों का मुकाबला करने के लिए स्थानीय स्तर के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मोर्चा खोलने की आवश्‍यकता होने का निवेदन राब ने इस दौरान किया। ब्रिटेन इसी दिशा में कोशिश कर रहा है और ‘जी ७’ एवं नाटो समेत अन्य प्रमुख देशों से इस विषय पर बातचीत जारी है, यह दावा उन्होंने किया। सायबर सुरक्षा के लिए ब्रिटेन, अफ्रीका और इंडो-पैसेफिक क्षेत्र के देशों में दो करोड़ पौंड से अधिक निवेश कर रहे हैं, यह जानकारी भी राब ने प्रदान की।

रशिया से हो रहे सायबर हमलों के मुद्दे पर ब्रिटेन ने लगातार आक्रामक भूमिका अपनाई है। बीते वर्ष कोरोना वैक्सीन की जानकारी चुराने के लिए हुए सायबर हमलों के दौरान भी ब्रिटेन ने रशिया पर खुलेआम आरोप लगाए थे। इससे पहले रशिया की जासूसी और अन्य गतिविधियों के प्रत्युत्तर में रशियन नेता और यंत्रणाओं पर सायबर हमले करने की योजना भी ब्रिटेन ने बनाई थी।

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