ईंधन के दामों में हुई गिरावट से हो रहे नुकसान से रशिया सोने के भंडार के बलबूते पर दूर रह सकती है – वित्तमंत्री एंतोन रिल्युनोव का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमास्को – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईंधन के दामों में कितनी भी गिरावट हुई तो भी सोने के आरक्षित भंडार के बलबूते पर रशिया अपनी अर्थव्यवस्था की प्रगति बरकरार रख सकती है, यह दावा रशिया के वित्तमंत्री एंतोन सिल्युनोव ने किया है| रशिया के भंडार में फिलहाल २,२०० टन से भी अधिक सोना जमा है और जागतिक स्तर पर इस सोने का मुल्य १०८ अरब डॉलर्स से भी अधिक है| साथ ही पिछले कुछ वर्षों में रशिया ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में भी आकर्षक इजाफा किया है और अक्टुबर २०१९ में रशिया के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग ५३५ अरब डॉलर्स से भी अधिक राशि होने की बात कही जा रही है|

वर्ष २०१४ में युक्रेन के क्रिमिआ पर कब्जा करने के बाद अमरिका ने रशिया पर काफी बडे प्रतिबंध थोंपे थे| इसी दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईंधन के दामों की गिरावट?भी शुरू हुई थी| वर्ष २०१६ में ईंधन के दाम प्रति बैरल २७ डॉलर्स तक निचे फिंसले थे| इस वजह से रशिया की अर्थव्यवस्था को काफी बडे झटके लगे थे| इससे संवरने के लिए रशिया ने डॉलर्स में हो रहा निवेष कम करके सोने का भंडार बढाने की कोशिश शुरू की?थी| मात्र, पांच वर्ष के दौरान विदेशी मुद्रा और सोने की मात्रा विक्रमी स्तर पर पहुंचने से रशिया ने अपनाई यह निती कामयाब होती दिख रही है| 

पिछले कुछ वर्षों में रशिया ने लगातार अपने सोने की खरीद बढाई है| वर्ष २०१८ में रशिया की सेंट्रल बैंक ने २७४ टन से भी अधिक सोना खरीदा था| इस वर्ष पहले नौ महीनों में रशिया ने १३० टन से भी अधिक सोने की खरीद की है| इस वजह से रशिया ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने के सबसे अधिक भंडार रखनेवाले देशों की सुचि में पांचवा स्थान प्राप्त किया है| सोने की खरीद के साथ ही रशिया ने ‘यूरो’, चीन के ‘युआन’ और ‘जापान के ‘येन’ में निवेष बढाया है|

रशिया के अर्थमंत्री एंतोन सिल्युनोव ने अर्थव्यवस्था की प्रगति संबंधी किया वादा और सोने के भंडार बढाने में दिखाए भरौसे की यही पृष्ठभूमि है| सोने में निवेष करने में भरौसा रखते समय रशिया की अर्थव्यवस्था अभी भी मुख्यतौर पर ईंधन पर निर्भर है और बाजार में होनेवाले बदलाव का झटका उसे लग सकता है, यह बात भी उन्होंने स्वीकारी है| ‘फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के दाम रशिया के लिए संतोषजनक है और रशिया ने ‘बजट’ तैयार करते समय ईंदन का दाम प्रति बैरल ४२ डॉलर्स ध्यान में रखा है| इस वजह से रशिया की अर्थव्यवस्था को ज्यादा झटका नही लगेगा’, यह उम्मीद सिल्युनोव ने व्यक्त की है|

ईंधन के दामों में बडी गिरावट हुई तो सोने के भंडार के बलबुते पर आर्थिक उद्देश्य पुरी करने में कठिनाई नही होगी, यह भरौसा रशियन वित्तमंत्री ने व्यक्त किया| ‘क्रूड ऑइल का दाम ३० या सीधे २० डॉलर्स प्रति बैरल्स तक फिंसलें तो भी अगले तीन वर्षों तक रशिया अपना आर्थिख लक्ष्य प्राप्त कर सकेगी| रशिया के बजट को इस दौरान झटके नही लगेंगे, यह भरौसा हम रखते है’, इन शब्दों में वित्तमंत्री सिल्युनोव ने सोना?एवं विदेशी मुद्रा?भंडार संबंधी पुख्ता भरौसा दिलाया|

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