‘एस-४००’ प्रदान करने की प्रक्रिया गतिमान करें – भारतीय रक्षामंत्री ने किया रशिया से निवेदन

मास्को: एस४०० ट्रायम्पहवाई सुरक्षा यंत्रणा भारत को जल्द से जल्द प्रदान करें, यह निवेदन भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने रशिया से किया है| साथ ही रशिया से भाडे पर प्राप्त की हुई अकूला वर्ग की परमाणु पनडुब्बी का समय २०२५ तक बढाने के लिए भारत और रशिया बातचीत कर रहे है, यह खबर प्राप्त हुई है| रक्षामंत्री राजनाथ सिंग की रशिया यात्रा के दौरान ही इस पनडुब्बी के विषय पर निर्णय होने की उम्मीद है|

रक्षामंत्री राजनाथ सिंग मंगलवार से रशिया की यात्रा कर रहे है| इस यात्रा के दौरान दोनों देशों में रक्षा संबंधी काफी अहम सहयोग पर बातचीत होने की उम्मीद है| अमरिका का ने जताया विरोध नजरअंदाज करके और उसकी धमकियों को अनदेखा करके भारत ने रशिया सेएस४००हवाई सुरक्षा खरीदने का निर्णय किया था| दोनों देशों में करीबन .४३ अरब डॉलर्स का यह समझौता हुआ है| पर भारत ने इस समझौते के अनुसार पहली किश्त की रकम देने में देरी करने सेएस४००की डिलिव्हरी को देर होगी, यह कहा जा रहा था| पर, भारत ने अब यह रकम रशिया को प्रदान की है औरएस४००भारत को जल्द से जल्द प्रदान हो, यह उम्मीद रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने जताई है|

रशिया के सेंट पीटर्सबर्ग मेंएस४००निर्माण की परियोजना का निरीक्षण रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने किया| ‘एस४००के साथ ही अकूला वर्ग कीआईएनएस चक्रइस रशिया से भाडे पर प्राप्त की हुई पनडुब्बी के समझौते में दर्ज कालावधी बढाने के लिए भी राजनाथ सिंग रशिया से बातचीत करेंगे| अकूला वर्ग की पनडुब्बीआईएनएस चक्रकी जगह पर तैनात होगी| पर, यह पनडुब्बी तैयार होने तकआईएनएस चक्रभारतीय नौसेना के बेडे में होना जरूरी है| इसी वजह से इस पनडुब्बी से संबंधित किया गया समझौता वर्ष २०२५ तक बढाने की कोशिश भारत कर रहा है| इसे रशिया से सकारात्मक जवाब मिलने की कडी उम्मीद व्यक्त की जा रही है|

इस तरह परमाणु पनडुब्बी भाडे पर देने के लिए भारत एवं रशिया ने किए समझौते की तरह अन्य किसी भी देशों में समझौता नही हुआ है, इस ओर रशिया ने भारत में नियुक्त किए हुए भूतपूर्व राजदूत एलेक्झांडर कडाकीन ने ध्यान आकर्षित किया था| अगले समय में रशिया के भारत के साथ बना रक्षा सहयोग और भी मजबूत करने के लिए रशिया कटिबद्ध होने की बात रशियन रक्षामंत्री सर्जेई शोईगू ने कही है| राजनाथ सिंग ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी सार्वजनिक की| साथ ही भारत रक्षा सामान के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश एवं तमिळनाडू मेंडिफेन्स कॉरिडॉरका निर्माण कर रहा है और इसमें रशिया निवेष करें और दोनों देशों की संयुक्त परियोजनाएं शुरू हो, इस लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंग कोशिश कर रहे है| उनकी इस रशिया यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर भी अहम बातचीत होने के संकेत प्राप्त हो रहे है|

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