रशियन अदालत ने गुगल और फेसबुक पर लगाया, ४ लाख डॉलर्स से भी अधिक का जुर्माना

मास्को – रशियन अदालत ने सूचना एवं तकनीक के क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के तौर पर पहचानी जा रहीं गुगल और फेसबुक पर बड़ा जुर्माना लगाया है। रशियन सरकार ने अवैध जानकारी हटाने के दिए आदेश का पालन ना करने पर, अदालत ने यह सज़ा सुनाई होने की बात कही जा रही है। इससे पहले सोशल मीडिया ऐप ‘ट्विटर’ एवं चिनी कंपनी ‘टिकटॉक’ पर भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी।

russia-google-fb-2रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने कुछ वर्ष पहले रशिया का स्वतंत्र इंटरनेट शुरू करने का ऐलान किया था। अमरीका और युरोप द्वारा इंटरनेट और सोशल मीडिया का, रशियन हुकूमत के विरोध में हो रहा इस्तेमाल ध्यान में रखकर यह महत्वाकांक्षी योजना तैयार की गई ती। दो वर्ष पहले इससे संबंधित कानून भी पारित किया गया था। साथ ही, बीते वर्ष एवं मौजूदा वर्ष की शुरुआत में रशिया ने ‘सॉव्हरिन रशियन इंटरनेट’ का सफल परीक्षण करने की जानकारी भी साझा की थी।

russia-google-fb-1इस पृष्ठभूमि पर, बीते कुछ महीनों में रशिया ने सूचना एवं तकनीक के क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के विरोध में शुरू की हुई कार्रवाई ध्यान आकर्षित कर रही हैं। सोमवार के दिन रशियन यंत्रणा ‘रॉसकॉम्नादझॉर’ ने गुगल को २४ घंटों की नोटीस बजाई थी। नशिले पदार्थ, हिंसा एवं चरमपंथ से संबंधित वीडियो गुगल ने हटाए नही तो उसकी सेवा की गति कम करने की चेतावनी रशियन यंत्रणा ने दी थी। गुगल को इस मुद्दे से संबंधित लगभग २६ हज़ार नोटीस दिए गए थे, यह दावा भी किया गया हैं।

इसके बाद मंगलवार के दिन रशियन अदालत में हुई सुनवाई के दौरान गुगल और फेसबुक इन दोनों कंपनियों से जुर्माना वसुल करने के आदेश जारी किए गए। गुगल पर तीन अलग अलग मामलों में ८२ हज़ार डॉलर्स का जुर्माना लगाया गया हैं। फेसबुक पर आठ अलग अलग मामलों में ३ लाख ५३ हज़ार डॉलर्स जुर्माना लगाने की कार्रवाई हुई हैं। सूचना एवं तकनीक के क्षेत्र की नामांकित कंपनियों के खिलाफ हुई यह तीसरीं कार्रवाई साबित हुई हैं।

इससे पहले अप्रैल महीने में ‘ट्विटर’ को, प्रतिबंधित जानकारी ना हटाने के मामले में १.२० लाख डॉलर्स जुर्माना लगाया गया था। साथ ही, ट्विटर की सेवा की गति कम करने की भी कार्रवाई की गई थी। इससे पहले चीन की ‘टिकटॉट’ कंपनी को भी रशिया की कार्रवाई का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा रशिया और ‘यूट्यूब’ के बीच भी कानूनी जंग शुरू है और इसकी सुनवाई जुलाई महीने में होगी, ऐसा सूत्रों ने कहा है।

जर्मन यंत्रणाओं द्वारा गुगल की जाँच शुरू

बर्लिन – सूचना एवं तकनीक के क्षेत्र की नामांकित गुगल कंपनी के विरोध में जर्मन यंत्रणाओं ने जाँच शुरू की है। आर्थिक ताकत और बाज़ार में बनाए अपने प्रभाव के बल पर अन्य कंपनियों को स्पर्धा करने से रोकने का आरोप गुगल पर रखा गया है। इस तरह की कार्रवाई हो रहीं गुगल तीसरीं बड़ी कंपनी साबित हुई है। इससे पहले जर्मन यंत्रणाओं ने ‘एमेझॉन’ और ‘फेसबुक’ कंपनी की भी जाँच शुरू की है। जर्मनी के अलावा अमरीका एवं युरोपीय महासंघ ने भी ‘बिग टेक’ के तौर पर पहचानी जा रहीं बड़ी कंपनियों के विरोध में कार्रवाई करने के लिए कदम उठाए होने की बात सामने आयी है।

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