रशिया और चीन ने सोने की खरीद और बढाई – सोने पर निर्भर ‘डिजिटल करन्सी’ के संकेत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमास्को/बीजिंग – दुनिया के प्रमुख रशिया और चीन इन दो देशों ने सोना खरीदने की तादाद में बढोतरी करने की बात सामने आ रही है| फरवरी महीने में रशियाने करीबन ३१ टन से अधिक सोना खरीद किया है और अपने सोने का भंडार २,१४९ टन तक बढाया है| इसी दौरान चीन की सेंट्रल बैंक ने भी लगातार चार महीने सोने की खरीद करके सोने का भंडार १,८८५ टन तक बढाने की बात स्पष्ट हुई है| रशिया एवं चीन ने शुरू की इस सोने के खरीद के पीछे ‘डिजिटल करन्सी’ यह कारण हो सकता है, ऐसा दावा विश्‍लेषकों ने किया है|

पिछले कुछ वर्षों में रशिया के साथ चीन ने जागतिक अर्थव्यवस्था में प्रमुख चलन के तौर पर जाने जा रहे अमरिकी डॉलर्स को खुले आम चुनौती देने की कोशिश शुरू की है| कुछ महीनों पहले ही रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन इन्होंने अमरिकी डॉलर के भरोसे में कटौती हो रही है, यह वक्तव्य करके ध्यान आकर्षित किया था| अमरिका के विरोध में सीधे बयान करने से चीन दूर रहा है| लेकिन, फिर भी पिछले चार वर्षों में चीन ने किए निर्णय डॉलर के विरोधी नीति के संकेत देनेवाले माने जा रहे है| इस में ही ईंधन और सोने के व्यापार के लिए स्वतंत्र यंत्रणा, ‘युआन’ का रिजर्व्ह चलन में किया समावेश, सोने के उत्पादन में की बढोतरी और रशिया से बढाई नजदिकीयां का समावेश है|

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रशिया की सेंट्रल बैंक ने दी जानकारी के नसुार फरवरी महीने में ३१.१ टन सोना खरीद कर रशिया ने अपने सोने का भंडार २,१४९.२५ टनों तक बढाया है| २ हजार १०० टन से अधिक सोने का भंडार रखकर दुनिया में सबसे अधिक सोने के भंडार रखने वाले देशों की सुचि में रशिया ने पांचवां स्थान प्राप्त किया है| इस सुचि में छठे स्थानपर चीन है| करीबन १,८८५ टन सोने का भंडार रखनेवाले चीन ने पिछले चार महीनों में क्रमशः ९.९५, ११.८, ९.९५ और ११.२ टन सोने की खरीद करने की बात स्पष्ट हुई है| यह चीन ने दी हुई अधिकृत संख्या है, फिर भी चीन में कम से कम १० हजार टन से भी अधिक सोने का भंडार होगा, यह दावे हो रहे है|

दुनिया के दो प्रमुख अर्थव्यवस्था र अमरिकी डॉलर के विरोधी होने वाले इन देशों से सोने के खरीद में हो रही बढोतरी नए चलन के संकेत देनेवाली हो सकती है, यह कहा जा रहा है| रशियन समाचार पत्र में प्रसिद्ध हुए एक लेख में ‘हडसन इन्स्टिट्युट’ के अभ्यासक ब्रुनो मॅकास इन्होंने सोने के यह बडे भंडार यानी सोने पर निर्भर डिजिटल करन्सी की तैयारी हो सकती है, यह दावा किया है| रशिया और चीन इन देशों ने एक होकर इस तरह करन्सी जारी की तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह करन्सी स्वीकार करने की संभावना ज्यादा है, यह भी मॅकास ने अपने लेख में कहा है| ‘रशिया-चीन’ का यह गठबंधन अमरिका की वर्चस्व को झटका देकर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में खलबली उडाएगा, यह संकेत भी वर्णित लेख में दिए गए है|

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