‘कोसोवो स्पेशल फोर्सेस’ की घुसपैठ के बाद – सर्बिया का लष्कर ‘हाई अलर्ट’ पर

बेलग्रेड: यूरोप में स्थित कोसोवो देश की ‘स्पेशल फोर्सेस’ ने शनिवार को सर्बिया में की घुसपैठ के बाद लष्कर को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सर्बिया के राष्ट्राध्यक्ष अलेक्झांडर वुकिक ने यह आदेश दिए हैं और फिर से इस तरह की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ऐसी चेतावनी दी है। इस मामले में वुकिक ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ भी चर्चा करने की बात सामने आई है। इस वजह से यूरोप में फिर एक बार तनाव निर्माण हुआ है और सर्बिया और कोसोवो के बीच संघर्ष भड़क सकता है, ऐसे संकेत दी जा रहे हैं।

शनिवार को कोसोवो के स्पेशल फोर्सेस सर्बिया के स्वायत्त हिस्से के तौर पर पहचाने जाने वाले ‘गाझिवोद’ इलाके में घुस गई। यहाँ घुसकर उन्होंने स्थानीय नागरिकों को डराया धमकाया और कुछ लोगों को कब्जे में भी लिया, ऐसा कहा जा रहा है। इस घुसपैठ के पीछे कोसोवो के राष्ट्राध्यक्ष हाशिम थासी की ‘गाझिवोद’ की भेंट जिम्मेदार थी, ऐसा सामने आया है। थासी ने गाझिवोद के तालाब में बोट से यात्रा करने की जानकारी सूत्रों ने दी है।

कोसोवो, स्पेशल फोर्सेस, घुसपैठ, बाद, सर्बिया, लष्कर, हाई अलर्ट, बेलग्रेड, यूरोपकोसोवो में वर्तमान में थासी के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हैं और उससे ध्यान हटाने के लिए उन्होंने यह ‘स्टंट’ किया है, ऐसा आरोप विरोधक कर रहे हैं। थासी ने सर्बिया के साथ ‘लैंड स्वैप’ अर्थात भूमि की अदलाबदल का प्रस्ताव रखा है और उसे देश के कुछ गुटों का विरोध है। लेकिन यूरोपीय महासंघ में स्थान प्राप्त करने की कोशिश करने वाले थासी ने इस मुद्दे को प्रतिष्ठा का बनाया है और लैंड स्वैप के माध्यम से सर्बिया के साथ तनाव कम करने के संकेत दिए हैं।

इस पृष्ठभूमि पर कोसोवो के गुटों की नाराजगी टालने के लिए थासी ने किया हुआ स्टंट सर्बियन सरकार ने गंभीरता से लिया है। शनिवार की घटना पर सर्बिया के राष्ट्राध्यक्ष और अंतर्गत रक्षा मंत्री ने तीव्र नाराजगी जताई है। वुकिक ने सर्बिया के लष्कर को हाई अलर्ट पर रखा है। उसी समय उन्होंने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के साथ फोन पर चर्चा की है। देश के अन्तर्गत रक्षामंत्री ने भी इसकी पुष्टि की है और शनिवार की घटना मतलब अल्बेनिया का हमला था। इन शब्दों में आलोचना की है।

पिछले दशक में यूरोपीय देशों की सहायता से नाटो ने की लष्करी कार्रवाई के बाद कोसोवो ने आजादी घोषित की थी। लेकिन इस स्वतंत्र कोसोवो को रशिया, सर्बिया के साथ साथ सात देशों ने अभी तक मान्यता नहीं दी है। इस कारण यहाँ का तनाव अभी तक ख़त्म नहीं हुआ है। रशिया ने इस मुद्दे पर सर्बिया को पूरा समर्थन दिया है। इससे रशिया और यूरोपीय महासंघ के बीच तनाव निर्माण हुआ है और महासंघ ने रशिया की तरफ से सर्बिया को दिए जाने वाले सहकार्य पर नाराजगी जताई है।

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