शरणार्थियों की वजह से जर्मनी में हिंसक अपराध बढ़े हैं- जर्मन सरकार का रिपोर्ट

बर्लिन: जर्मनी में शरणार्थियों के झुंड की वजह से हिंसक जुर्म बढ़ने का रिपोर्ट जर्मन सरकार के अभ्यास गट ने दिया है। जर्मनी के लोग सॅक्सनी प्रांत के भूतपूर्व न्यायमंत्री एवं अपराध शास्त्र के तज्ञ ने यह रिपोर्ट तैयार किया है। उस में सन २०१४ से २०१६ इस कालखंड में जर्मनी में अपराध के प्रमाण बढ़ने की और उस के लिए खाड़ी एवं अफ्रीकी देशों से आने वाले शरणार्थियों के झुंड जिम्मेदार होने के स्पष्ट निष्कर्ष सामने आए हैं। इस रिपोर्ट की वजह से जर्मनी के चांसलर एंजेला मर्केल इनकी शरणार्थियों के लिए नीति स्पष्ट तौर पर असफल ठहरने की बात फिर से उजागर हुई है।

शरणार्थियों के झुंड

जर्मनी सरकार के ‘मिनिस्ट्री ऑफ फ़ॅमिली अफेयर्स’, ‘सीनियर सिटीजंस’, ‘वुमन एंड यूथ’ इस विभाग ने रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। लोअर सॅक्सनी भाग के भूतपूर्व न्यायमंत्री क्रिस्टियन पाइफर और जुर्म शास्त्र के तज्ञ डर्क बेअर एवं सोरेन क्लिएम ने रिपोर्ट तैयार किया है। रिपोर्ट के लिए लोअर सॅक्सनी प्रांत के आंकड़ों एवं घटनाओं का आधार लिया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार सन २०१४ से २०१६ में लोअर सॅक्सनी भाग के जुर्म के प्रमाण लगभग १० प्रतिशत बढ़े हैं। प्रांत में जुर्म के आंकड़े का अभ्यास करने के बाद उस में लगभग ९२ प्रतिशत जुर्म यह शरणार्थीयों से संबंधित होने की बात सामने आई है। उस में भी उत्तर अफ्रीका से आने वाले शरणार्थियों का हिस्सा सब से अधिक होकर, सन २०१६ में हुए अपराधों में १७ प्रतिशत से अधिक मामले में अफ्रीकी शरणार्थियों का समभाग उजागर हुआ है। डाका एवं चोरी के मामले में लगभग ४७ प्रतिशत जुर्म अफ्रीकी तथा खाड़ी क्षेत्र के शरणार्थियों से होने की बात रिपोर्ट में स्पष्ट हुई है।

जुर्म में शामिल हुए शरणार्थियों में १४ से ३० इस आयु के नौजवान का प्रमाण सब से अधिक प्रतीत हुआ है। आश्रय से इनकार यह भावना एवं उसके साथ परिवार की व्यक्ति न होना, यह जुर्म करने के पीछे प्रमुख कारण होने का दावा भी रिपोर्ट में तैयार करने वाले तज्ञो ने किया है। शरणार्थियों के लिए रहने की अल्प तथा गलत व्यवस्था यह घटक भी इनके पीछे महत्वपूर्ण कारण होने का दावा रिपोर्ट में किया गया है।

भूतपूर्व न्यायमंत्री क्रिस्टियन पाइफर ने शरणार्थियों के झुंड एवं जुर्म को रोकने के लिए नए विधेयक की आवश्यकता होने की सलाह दी थी। उस में सभी शरणार्थियों को आश्रय देना यह जुर्म रोकने का उपाय ना होकर, इस के विपरीत गैरकानूनी रूप से रहने वाले शरणार्थियों को वापस भेजना एवं जर्मनी में आने वाले शरणार्थियों को उनके ही मातृभूमि में रोकना, जैसे उपायों की जरूरत होने की बात है रेखांकित की है।

जर्मन सरकार के रिपोर्ट में शरणार्थियों के झुंड जुर्म के लिए जिम्मेदार होने की बात सामने आने से चांसलर मर्केल इनको नया झटका लगा है। पिछले वर्ष हुए चुनाव में मर्केल ने शरणार्थियों के मुद्दे पर बहुमत गंवाना पड़ा था। उस के बाद भी अन्य पक्षों के साथ संगठन करने के प्रयत्न, शरणार्थियों के बारे में भूमिका में असफल ठहरने की बात उजागर हुई थी। इस के वजह से आने वाले समय में मर्केल को शरणार्थियों के मुद्दे पर आक्रामक भूमिका लेनी होगी, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

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