विक्रमी महंगाई की वजह से ‘फुड बैंक्स’ पर निर्भर अमरिकी नागरिकों की संख्या बढ़ी

वॉशिंग्टन – अमरीका में विक्रमी महंगाई से अमरिकी जनता का भारी नुकसान हो रहा है। महंगाई, बेरोज़गारी और मंदी का सामना कर रहे अमरिकी नागरिकों ने अब अपना रुख फुड बैंक की ओर करने की बात सामने आ रही है। कुछ महीनों में स्वयंसेवी सामाजिक संगठनों द्वारा फुड बैंक्स के नागरिकों की संख्या २० प्रतिशत बढ़ी है। साथ ही घर का खर्च कम करने के लिए अमरिकी नागरिकों ने सुपरमार्केट्स को पीठ दिखाई है और ‘डॉलर स्टोर’ का इस्तेमाल बढ़ाने की बात सर्वे से सामने आयी है।

‘फुड बैंक्स’राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन की गलत नीति की वजह से अमरिका में पिछले साल से महंगाई लगातार बढ़ रही है। इस बढ़ती महंगाई की वजह से अमरिकी जनता की बचत बडे पैमाने पर घटने की बात पिछले महीने ही सामने आयी थी। पिछले छह महीनों में अमरिकी नागरिकों को अपने आपातकाल के लिए रखी बचत ‘रेनी डे सेविंग्ज्‌‍’ के कुल ११४ अरब डॉलर्स खर्च करने पड़े हैं। यह स्पष्ट होने के साथ ही हर महीने बढ़ रही महंगाई की वजह से अमरिकी नागरिक महीने के अंत में अपनी आय से मात्र पांच प्रतिशत बचत कर पाता है, यह जानकारी ‘फेडरल रिज़र्व’ ने साझा की थी। अमरिकी नागरिकों के बचत खाते की औसतन राशि ९ हज़ार डॉलर्स से कम होने की जानकारी वित्तसंस्था ने साझा की।

बचत कम होने से अमरिकी नागरिकों ने अपने रोज़मर्रा के खर्च घटाने लगे हैं। कई अमरिकी परिवारों ने घर में एक समय का खाना नहीं खाते हैं और फुड़ बैंक्स का सहारा लिया हैं। अमरीका के लगभग २०० फुड बैंक्स में से ४५ प्रतिशत फुड बैंक्स ने उनके यहां सहायता के लिए आनेवाले नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ने की बात कही। कुछ फुड बैंक्स में यह बढ़ोतरी लगभग २० प्रतिशत है। कई ‘फुड बैंक्स’ अपना बजट बिगड़ने की शिकायत कर रहे हैं। फुड बैंक्स में बढ़ रही भीड़ आम नागरिक एवं परिवार की बेबसी दर्शाती हैं, ऐसा दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

‘फुड बैंक्स’अमरिकी डिपार्टमेंट ऑफ एग्रिकल्चर ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार लगभग चार करोड़ नागरिकों को अन्न से दूर रहना पड़ रहा है। विक्रमी महंगाई की वजह से इसमें लगातार बढ़ोतरी होने का दावा भी किया जा रहा है। जून में अमरीका का महंगाई निदेशांक ९.१ प्रतिशत दर्ज़ हुआ। यह पिछले चार दशकों की सबसे बड़ी बढ़ोतरी साबित हुई है। अमरीका में अनाज की कीमतें ८ से १५ प्रतिशत बढ़ी हैं। इसी बीच ईंधन की कीमत लगभग ६० प्रतिशत बढ़ी है। इसके अलावा आर्थिक मंदी की वजह से अमरीका में आम नागरिकों की नौकरियाँ भी खतरे में होने के संकेत प्राप्त हुए हैं। खर्च कम करने के लिए अमरिकी नागरिकों ने बड़े रीटेल स्टोर्स एवं सुपरमार्केट में जाने के बजाय एक डॉलर में उत्पादन उपलब्ध कर रहे ‘डॉलर्स स्टोर’ का आधार लेना शुरू करने की बात भी सामने आ रही है।

बढ़ती हुई महंगाई और अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण अमरीकी जनता में बायडेन प्रशासन के खिलाफ काफी नाराज़गी भी बढ़ने लगी है। पिछले महीने प्रसिद्ध हुए एक सर्वे में ८८ प्रतिशत मतदाताओं ने देश गलत राह पर होने का बयान किया है। इसी बीच ५४ प्रतिशत मतदाताओं ने अमरिकी मध्यम वर्ग को बायडेन की नीति से ज़रा भी लाभ ना होने का बयान किया है।

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