किसी ने तो ‘विस्तारवादी चीन’ का असली नक्शा प्रसिद्ध किया – भारत के पूर्व सेनाप्रमुख की चीन को फटकार

नई दिल्ली – चीन ने कुछ दिन पहले ही भारत के अरुणाचल प्रदेश के साथ अन्य क्षेत्र को अपने नक्शे का हिस्सा दिखाकर सनसनी फैलाने की कोशिश की थी। नई दिल्ली में ‘जी २०’ का आयोजन हो रहा था तभी चीन ने यह नक्शा जारी करके भारत को उकसाया था। इसपर भारत ने निषेध दर्ज़ करने के बाद चीन ने बयानबाजी करके यह कहा था कि, भारत इस नक्शे को बेवजह बड़ी अहमियत दे रहा है। लेकिन, दो दिन पहले सोशल मीडिया पर जारी हुआ चीन का नया नक्शा इस देश की निंद उड़ा सकता हैं। इस नक्शे में तिब्बत, ईस्ट तुर्कीस्थान, साउथ मंगोलिया, मांचुरिया और युनान के साथ लद्दाख के क्षेत्र पर भी चीन का अवैध कब्ज़ा होने की बात दर्ज़ की गई है। इसपर ‘आखिर में किसी ने तो चीन है, उसी का नक्शा प्रसिद्ध किया ही’, ऐसी फटकार भारत के पूर्व सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने लगाई हैं। 

‘विस्तारवादी चीन’‘जी २०’ परिषद के दौरान ने अरुणाचल प्रदेश के साथ भारत का अन्य क्षेत्र अपना दिखाने का दावा करने वाला नक्शा जारी किया था। जम्मू और कश्मीर, अक्साई चीन और ताइवान एवं साउथ चाइना सी का हिस्सा भी अपना ही है, यह दिखाने की कोशिश चीन ने इस नक्शे के माध्यम से की थी। इस नक्शे के ज़रिये चीन ने रशिया के क्षेत्र पर भी दावा ठोक दिया था। इसपर रशिया की भी प्रतिक्रिया सामने आयी थी। ‘जी २०’ परिषद में विवाद निर्माण करने के लिए ही चीन ने यह हरकत की, ऐसा आरोप विश्लेषकों ने लगाया था। चीन के इस नक्शे पर भारत ने आपत्ति जताने के बाद, चीन ने बयानबाजी करके यह कहा था कि भारत बेवजह इसे अहमियत दे रहा है। लेकिन, आगे के समय में इस तरह के नक्शे दूसरे भी जारी कर सकते हैं, इस पर चीन ने सोचा भी नहीं होगा। 

‘विस्तारवादी चीन’सोशल मीडिया पर जारी हुआ चीन का यह नक्शा भारत के पूर्व सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे पोस्ट किया है। तिब्बत, ईस्ट तुर्कीस्तान, साउथ मंगोलिया, ताइवान और हाँगकाँग पर अवैध कब्ज़ा करने वाले चीन की सच्चाई इस नक्शे में बयान की गई है, ऐसा संदेश जनरल नरवणे ने सोशल मीडिया पर दिया। किसी ने तो पहली बार यह सच्चाई पेश की है, ऐसा जनरल नरवणे किया बयान माध्यमों में बड़ी चर्चा का मुद्दा बना है। इस वजह से चीन के विस्तारवादी मानसिकता की बड़ी जमकर चर्चा शुरू हुई है।

भारत और चीन कभी भी पड़ोसी देश नहीं थे। दोनों देशों में तिब्बत एक स्वतंत्र राष्ट्र था। लेकिन, चीन ने वर्ष १९५० में तिब्बत पर कब्ज़ा किया और उसी वजह से भारत की सीमा चीन से जुड़ गई। मौजूदा समय पर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड़, सिक्कीम और अरुणाचल प्रदेश भारत के इन राज्यों की सीमा चीन से जुड़ी हैं। तिब्बत पर अवैध कब्ज़ा करने वाला चीन अब अरुणाचल प्रदेश का तवांग यानी दक्षिणी तिब्बत हैं और यह हमारा ही क्षेत्र होने के दावे कर रहा हैं। भारतीय नेताऔओं ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने पर आपत्ति जताकर अरुणाचल प्रदेश के नागरिकों को स्टेपल वीजा देकर चीन अपना दावा मज़बूत करने की कोशिश कर रहा था। साथ ही समय समय पर अरुणाचल प्रदेश को अपने नक्शे का हिस्सा दिखाकर चीन ने वहां के ११ ठिकानों के चीनी नाम भी घोषित किए थे।

चीन की इस उकसाने वाली हरकत का भारत ने निषेध किया था। लेकिन, चीन के विस्तारवाद का पर्दाफाश करने वाले नक्शा सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध होने के बाद उसपर भारत के पूर्व सेनाप्रमुख ने किया बयान चीन को बड़ी मीर्च लगाने वाला साबित होगा। उससे पहले भारत के तीनों रक्षादलों के पूर्व प्रमुख ताइवान में एक सुरक्षा संबंधित परिषद में शामिल हुए थे। वह भारत ने चीन को दी हुई कड़ी चेतावनी होने का बयान विश्लेषकों ने किया है। उन्होंने पूर्व सेनाप्रमुख नरवणे ने चीन के सोशल मीडिया पर जारी किए गए नक्शे पर किए बयान ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

चीन में फिलहाल आर्थिक और सामाजिक स्तर पर असंतोष हैं और यह देश अधिक से अधिक अस्थिर बन रहा हैं। राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग को अपनी सेना ने कम्युनिस्ट पार्टी से वफादार रहें, यह आवाहन लगातार करना पड़ रहा है। चीन के विभिन्न प्रांतों में जनता के असंतोष का उद्रेक होने लगा हैं और जनता सरकार के विरोध में सड़क पर उतरने लगी हैं। इसका असर आगे के समय में दिखाई देगा और चीन के टुकड़े हो जाएंगे, ऐसा ज़िम्मेदार विश्लेषक कह रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर सोशल मीडिया पर जारी हुआ यह नक्शा चीन का भविष्य बयान करता है, ऐसा अनुमान सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने व्यक्त किया है।

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