‘एस-४००’ का नए स्क्वाड्रन की तैनाती चीन की सीमा के करीब होगी

नई दिल्ली – रशिया से खरीदी हुई ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा का दूसरा स्क्वाड्रन जल्द ही भारत को प्रदान होगा। ‘एस-४००’ का यह स्क्वाड्रन चीन की सीमा के करीब पूर्व लद्दाख में तैनात किया जाएगा, ऐसा वृत्त है। पिछले कुछ दिनों में एलएसी के करीब चीनी विमानों की गतिविधियाँ बढ़ी हैं। लद्दाख के तनाव पर भारत-चीन की चर्चा के १६ दौर हुए हैं। लेकिन, इससे कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। साथ ही चीन की सीमा के करीब हवाई गतिविधियाँ बढ़ी हैं। इस पृष्ठभूमि पर लद्दाख में ‘एस-४००’ की तैनाती का समाचार अहमियत रखता है।

स्क्वाड्रनभारत को ‘एस-४००’ का दूसरा स्क्वाड्रन प्रदान करने की गतिविधियाँ रशिया ने शुरू की हैं। इससे पहले ही यह यंत्रणा भारत को प्राप्त होने की उम्मीद थी। लेकिन, फरवरी में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार एस-४०० का दूसरा स्क्वाड्रन भारत को देने की गतिविधियाँ रशिया ने शुरू की हैं। जहाज़ और विमानों के ज़रिये ‘एस-४००’ यंत्रणा भारत पहुँचाई जाएगी।

पिछले साल दिसंबर में ‘एस-४००’ का पहला स्क्वाड्रन रशिया ने भारत को प्रदान किया था। भारत ने इस यंत्रणा को पंजाब में तैनात किया है। पाकिस्तान से हवाई खतरे के मद्देनज़र भारत ने ‘एस-४००’ की वहां पर तैनाती करके पाकिस्तान के मोर्चे पर अपनी हवाई सुरक्षा मज़बूत की थी। अब इसका अगला स्क्वाड्रन लद्दाख में तैनात होगा, ऐसे दावे अधिकारी के दाखिले से माध्यमों में किए गए हैं।

पिछले कुछ समय में ‘एलएसी’ पर चीन की हवाई गतिविधियाँ बढ़ी हैं। लद्दाख के साथ ही अरुणाचल प्रदेश में चीनी विमान हवाई सीमा के काफी करीब उड़ान भरते हुए देखे गए हैं। साथ ही कुछ विमानों ने ‘नो फ्लाइ ज़ोन’ में घुसपैठ करने की भी खबरें प्राप्त हुईं थी। २८ जून को लद्दाख में चीनी विमानों ने घुसपैठ करने की कोशिश की थी। इन विमानों को भारतीय वायुसेना ने चेतावनी दी थी। इस मुद्दे को बाद में चीन के सामने उठाया भी गया था।

चीन ने अपनी सीमा में कुछ सालों में योजना के तहत हवाई अड्डों का निर्माण किया है। साथ ही रनवे और विमानों में ईंधन भरने की सुविधा भी विकसित की है। भारतीय सीमा के करीब इन हवाई अड्डों का निर्माण हुआ है। वहां पर लड़ाकू विमानों की भारी मात्रा में तैनाती भी की गई है। इस पृष्ठभूमि पर भारत चीन के मोर्चे पर भी हवाई सुरक्षा मज़बूत कर रहा है। ‘एस-४००’ की तैनाी भी इसी का हिस्सा है। इससे पहले भारतीय निर्माण की हवाई सुरक्षा यंत्रणा एलएसी के करीब तैनात की गई है। ‘एस-४००’ की तैनाती के बाद चीन के हवाई हमलों को रोकने में भारतीय रक्षाबलों को बड़ी क्षमता प्राप्त होगी। इस वजह से लद्दाख में इस यंत्रणा का नया स्क्वाड्रन तैनात होने का वृत्त अहमियत रखता है।

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