चीन के साथ शांति स्थापित करने की प्रक्रिया जटिल – विदेश राज्यमंत्री व्ही. मुरलीधरन

नई दिल्ली – लद्दाख की एलएसी पर तनाव कम करने के मुद्दे पर भारत और चीन के बीच सहमति हुई है। हालाँकि यहाँ के कुछ भागों से सेनावापसी की प्रक्रिया शुरू हुई है, फिर भी चीन ने अभी भी कुछ भागों से अपने जवान पीछे नहीं हटाये हैं। इस पृष्ठभूमि पर, विदेश राज्यमंत्री व्ही. मुरलीधरन ने, भारत और चीन के बीच की यह प्रक्रिया बहुत ही जटिल और पेचींदा होने का एहसास करा दिया। लोकसभा में पूछे गए प्रश्न को दिए लिखित उत्तर में मुरलीधरन ने यह दावा किया। इसी बीच, लद्दाख की गलवान वैली में चीन ने किए आकस्मिक हमले का जवाब देते समय भारतीय सैनिकों ने किया हुआ पराक्रम बयान नहीं किया जा सकता, ऐसा बताकर संसद की सुरक्षा विषयक स्थाई समिति ने, इस संघर्ष में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पण की।

चीन ने लद्दाख की एलएसी पर घुसपैठ की कोशिश करके बलपूर्वक यहाँ की परिस्थिति बदलने की एकतरफ़ा कोशिश की। लेकिन ऐसी कोशिशें बर्दाश्त नहीं की जाएँगी, यह भारत ने चीन से डटकर कहा है, ऐसा मुरलीधरन ने स्पष्ट किया। उसी समय भारत और चीन के बीच इस विषय पर चर्चा बहुत ही जटिल है, ऐसा विदेश राज्यमंत्री मुरलीधरन ने लिखित उत्तर में कहा है। भारत चीन के साथ चर्चा कर रहा होकर, लद्दाख की एलएसी पर शांति स्थापित करने पर दोनों देशों का एकमत हुआ है, इसपर भी मुरलीधरन ने गौर फरमाया। उसी समय, प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर की परिस्थिति बदलने की कोशिश की, तो उसका द्विपक्षीय संबंधों पर विपरीत असर होगा, इसका एहसास चीन को करा दिया है, यह भी विदेश राज्यमंत्री ने स्पष्ट किया।

गलवान वैली के संघर्ष में भारतीय सैनिकों ने किए पराक्रम की गाथा शब्दों में बयान नहीं की जा सकती, ऐसा संसद की सुरक्षाविषयक स्थाई समिति ने कहा है। इस संघर्ष में बलिदान देनेवाले अधिकारी और सैनिक और इसमें घायल हुए सैनिक तथा उनके परिवारों के प्रति स्थाई समिति ने कृतज्ञता व्यक्त की। देश के हितसंबंध, सार्वभूमता, अखण्डता और एकता इनकी रक्षा के लिए भारतीय लष्कर समर्पित है। हाल के चुनौतीभरे दौर में, देश के दोनों ओर की सीमा पर लष्कर ने वीरता प्रदर्शित की है, यह बताकर स्थाई समिति ने लष्कर की तहेदिल दिल से प्रशंसा की। उसी के साथ भारतीय लष्कर को आवश्यक निधि का प्रावधान करने की सिफ़ारिश भी समिति ने की है।

बदलते जमाने की चुनौती के अनुसार जरूरी बदलाव करने की आवश्यकता है । उसके अनुसार, कालबाह्य बन चुके क्षेत्र में मनुष्यबल घटाकर, उसके बदले में अत्याधुनिक तंत्रज्ञान से जुड़ी आवश्यकता पूरी करने की ज़रूरत है, ऐसा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है। इतना ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष, साइबर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन क्षेत्रों में महारत होनेवाले कुशल मनुष्यबल की, अगले दौर में लष्कर को जरूरत महसूस होगी, ऐसा कहकर, इस दिशा में प्रयास करना जरूरी है, ऐसा स्थाई समिति ने बताया है।

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