अरुणाचल प्रदेश में चीन से सटे सीमा क्षेत्र में युरेनियम की तलाश

हैद्राबाद – अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर युरेनियम की तलाश की जा रही है। इस स्थान पर युरेनियम का भंडार हो सकता है, ऐसा ‘ऑटोमिक मिनरल्स डायरेक्टोरेट फॉर एक्सप्लोरेशन अँड रिसर्च’ (एएमडी) के डायरेक्टर डी. के. सिन्हा ने कहा है। केंद्र सरकार द्वारा इस संशोधन के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है, यह भी सिन्हा ने अनुरोधपूर्वक कहा। अरुणाचल प्रदेश यह अपना ही भूभाग होने के दावे ठोकने वाले चीन से इस पर प्रतिक्रिया सकती है। इस कारण सिन्हा ने दी यह जानकारी बहुत ही अहमियत रखती है।

भारत की ऊर्जा की जरूरत बढ़ती चली जा रही होकर, आनेवाले समय में भारत को परमाणु ऊर्जा की बड़े पैमाने पर आवश्यकता महसूस होगी। इसके लिए भारत, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश से, परमाणु ईंधन होनेवाले युरेनियम की बड़े पैमाने पर आयात करने की तैयारी कर रहा है। साथ ही, युरेनियम के भंडार होनेवाले अन्य देशों से भी परमाणु ईंधन प्राप्त करने की कोशिश भारत कर रहा है। ऐसी परिस्थिति में, अरुणाचल प्रदेश में चीन से सटे सीमा भाग के पास युरेनियम का भंडार पाया जाने की गहरी संभावना, यह भारत के उत्साह को बढ़ानेवाली बात साबित होती है। डी. के. सिन्हा ने, हैद्राबाद में आयोजित किए गए एक परिसंवाद के दौरान यह जानकारी साझा की।

अरुणाचल प्रदेश के पश्‍चिम सियांग ज़िले में स्थित आलो इस स्थान पर युरेनियम पाया जाने की संभावना होकर, इस पर काम शुरू हुआ है। यहाँ पर युरेनियम का भंडार होने की संभावना सामने आने के बाद, उसपर अधिक संशोधन शुरू शुरू हुआ है। इसके लिए केंद्र सरकार ने विशेष उत्सुकता दर्शाई है। इस कारण यह काम अधिक तेजी से आगे बढ़ रहा होने का दावा डी. के. सिन्हा ने किया। इस दुर्गम इलाके में इस संशोधन के लिए आवश्यक होने वाली सहायता सरकार द्वारा उपलब्ध करा दी जा रही है, ऐसा बताकर संशोधक उसपर संतोष ज़ाहिर कर रहे हैं।

बता दें, युरेनियम की तलाश की जा रही यह जगह चीन की सीमा से महज ३ किलोमीटर की दूरी पर है। अरुणाचल प्रदेश यानी दक्षिण तिब्बत होकर, अपना ही भूभाग होने का दावा चीन कर रहा है। भारत ने चीन के ये दावे ठुकराए थे। इस प्रकार के अवैध दावें ठोककर चीन इसे विवादास्पद भूभाग नहीं बना सकता, ऐसा भारत ने बार-बार जताया था। अरुणाचल प्रदेश और नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में भारतीय नेताओं के तथा विदेशी नेताओं के दौरों पर एतराज जताकर, चीन इस क्षेत्र पर अपना अधिकार होने का दिखावा खड़ा करने की तैयारी में था।

लेकिन पिछले कुछ वर्षों से अरुणाचल प्रदेश समेत नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में, बुनियादी सुविधाओं के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट शुरू करके भारत ने चीन के दावे में से हवा ही निकाल ली है। इतना ही नहीं, बल्कि इस क्षेत्र में लष्कर तथा वायुसेना की सिद्धता बढ़ाकर भारत ने चीन को करारा जवाब दिया है। लद्दाख की एलएसी पर बने विवाद के बाद भारत ने अरुणाचल प्रदेश की एलएसी पर भी सतर्कता बढ़ाई होकर, यहाँ भी भारतीय लष्कर तथा वायुसेना पूरी तरह सिद्ध होने का यकीन लष्करप्रमुख तथा वायुसेनाप्रमुख ने दिलाया था।

कुछ महीने पहले चीन अरुणाचल प्रदेश की एलएसी के नजदीक, गांव का निर्माण करने की तैयारी कर रहा होने की खबरें आई थी। लेकिन चीन की इन हरकतों पर भारत कड़ी नजर रखे है, ऐसा संदेश भारत ने दिया था।

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