राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग का ‘संदेश’ चीन के राष्ट्रीय चैनल पर प्रसारित

बीजिंग – चीन के राष्ट्रीय चैनल पर मंगलवार को राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने देश को संबोधित किया। इसके ज़रिये अपने नज़रकैद होने की अफ़वाहों को जिनपिंग ने खत्म करने की कोशिश की। इस दौरान राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के साथ चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग और कम्युनिस्ट पार्टी के अन्य कुछ नेता भी थे। इस वजह से चीन की गतिविधियों पर विश्व में जारी चर्चा और हो रहे एक-दूसरे के विरोधी दावे खत्म करने के लिए ही जिनपिंग के इस संबोधन का आयोजन करने की बात स्पष्ट हो रही है।

पिछले दस सालों में चीन ने रणनीतिक स्तर पर किए बदलाव और कार्यों को दूर-दूर तक पहुँचाने की जरुरत है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने इस दौरान कहा। लेकिन, इस बार उनके संदेश से अधिक चीन के राष्ट्रीय चैनल पर उनकी मौजूदगी ही अधिक अहम साबित हुई। उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित ‘एससीओ’‘ की बैठक से लौटने के बाद राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग सात दिन किसी से नहीं मिले थे। इस वजह से उनको लेकर काफी अफ़वाएँ फेली थीं। जिनपिंग बीजिंग हवाई अड्डे पर उतरने के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया और नज़रबंद किया गया, ऐसे दावे सोशल मीडिया पर किए जा रहे थे।

इन दावों का संज्ञान पूरे विश्व के माध्यमों को लेना ही पड़ा। साथ ही राजधानी बीजिंग में चीनी सेना की गतविधियों की वजह से जिनपिंग के बारे में किए जा रहे दावों की तीव्रता अधिक बढ़ी थी। लेकिन, जिनपिंग ने यह संबोधन करके साबित कर किया कि वे सारे दावे केवल अफ़वाहें ही थीं। उनके साथ चीन के क्रमांक दो के नेता और प्रधानमंत्री ली केकियांग की मौजूदगी काफी कुछ बयान करती है। पिछले सात दिनों में जिनपिंग की अनुपस्थिति पर भी चीन के सूत्र खुलासे कर रहे हैं।

विदेश से लौटने के बाद सात दिन क्वारंटाईन रहने के नियमों के अनुसार जिनपिंग किसी से नहीं मिले थे। इसमें तीन दिन घर में ही रहने के नियम का समावेश है। इसका जिनपिंग ने पालन किया, यह जानकारी चीन के सूत्र साझा कर रहे हैं। इस वजह से जिनपिंग को लेकर विश्व में हो रही चर्चाओं का अंत करने के लिए पूरी तैयारी की गई, यह बात स्पष्ट हो रही है। इससे पहले चीन ने अक्तूबर में हो रहे राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनावों की तैयारी पूरी होने की जानकारी साझा करके चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने देश में सबकुछ सामान्य होने के संकेत देने की कोशिश की थी।

१६ अक्तुबर को हो रहे इन चुनावों में शी जिनपिंग ही फिर से चीन के राष्ट्राध्यक्ष बनेंगे, ऐसी कड़ी संभावना जतायी जा रही है। लेकिन, जिनपिंग ने चीन में अपनाई ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ के खिलाफ असंतोष है। ऐसे में चीन की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट जारी है और बेरोजगारी की बढ़ोतरी जिनपिंग के नेतृत्व के सामने काफी बड़ी समस्या है। चीनी कंपनियाँ और बैंकों की स्थिति काफी खराब बतायी जा रही है।

ऐसे में ताइवान के मुद्दे पर अमरीका की आक्रामक भूमिका को प्रत्युत्तर देने में जिनपिंग नाकाम रहे, यह विचार दृढ़ होता रहा है। ऐसी स्थिति में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर जिनपिंग की पकड़ पहले जितनी नहीं रही, ऐसे दावे हो रहे हैं। इस वजह से जिनपिंग नज़रकैद नहीं हैं फिर भी उनके प्रति मिल रहीं खबरें झूठी साबित हुई तब भी चीन में सबकुछ सामान्य नहीं है, यह अनुमान कुछ ज़िम्मेदार विश्लेषकों ने दर्ज़ किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.