नशीले पदार्थों की तस्करी में पाकिस्तानी सेना और तालिबान का सहयोग – नाटो की रपट में दर्ज आरोप

ब्रुसेल्स – नशीले पदार्थों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तस्करी में पाकिस्तानी सेना, ‘आएसआय’ एवं तालिबान शामिल हैं। अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठनों का काफी बड़ा आर्थिक कारोबार इन्हीं नशीले पदार्थों की तस्करी से मिल रहे पैसों पर निर्भर होता हैं, ऐसा आरोप नाटो ने अपनी नई रपट में लगाया है। पिछले कुछ महीनों में विश्व के विभिन्न देशों में नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोपों के तहत पाकिस्तानी नागरिकों की गिरफ्तार यह आरोप साबित करते हैं, यह भी इस रपट में दर्ज है।

नाटो के ‘डिफेन्स एज्युकेशन एन्हान्समेंट प्रोग्राम’ (डीईईपी) यानी ‘डीप’ नामक संगठन ने नशीले पदार्थों की तस्करी से निर्माण हुई असुरक्षितता पर विशेष रपट तैयार की है। पूरे विश्व में नशीले पदार्थों की तस्करी के मुद्दे पर इस रपट में चिंता जताई गई है। इसमें भी तालिबान और पाकिस्तानी सेना का इन नशीले पदार्थों की तस्करी में हिस्सा ध्यान आकर्षित करता है, ऐसा यह रपट कह रही है। नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए पाकिस्तानी गुप्तचर यंत्रणा ‘आयएसआय’ ने पाकिस्तान की सेना और आतंकी संगठनों को आपस में मिलाया है, यह आरोप नाटो की रपट में लगाया गया है।

‘आयएसआय’ ने आतंकी संगठनों की सहायता से नशीले पदार्थों की तस्करी का नेटवर्क खड़ा किया और काफी बड़ी मात्रा में इसकी तस्करी करवायी है, ऐसा इस रपट के मुख्य लेखक डेविड आर.विन्स्टन ने कहा है। नशीले पदार्थों के इस अवैध कारोबार पर पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान के आतंकी संगठन एवं पाकिस्तानी सेना और आयएसआय निर्भर हैं, यह दावा विन्स्टन ने अपनी रपट में किया। लेकिन, इस कारोबार की वजह से पूरे विश्व में ‘नार्को-टेरर’ को ताकत मिल रही है, ऐसी गंभीर बात पर विन्स्टन ने नाटो की रपट के माध्यम से ध्यान आकर्षित किया।

अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान में मौजूद नशीले पदार्थों की तस्करी का नेटवर्क, इस पर निर्भर आतंकी और चरमपंथियों के गिरोह और उनके तालिबान और पाकिस्तानी सेना के साथ सहयोग ही अफ़गानिस्तान समेत इस क्षेत्र के लोकतंत्र और सुरक्षा व्यवस्था के सामने बाधाएँ निर्माण कर रहे हैं। अफ़गानिस्तान में नशीले पदार्थों की खेती और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाज़ार उपलब्ध नहीं होता तो तालिबान अफ़गानिस्तान की गनी सरकार का तख्ता पलटने की ताकत प्राप्त ही नहीं कर सकती थी, ऐसा दावा इस रपट में किया गया है।

पिछले कुछ सालों से अफ़गानिस्तान से हो रही नशीले पदार्थों की तस्करी कम हुई थी। लेकिन, पिछले साल अमरीका ने अफ़गानिस्तान से अपनी सेना को वापस बुलाने के बाद पूरे विश्व में नशीले पदार्थों की तस्करी बढ़ी है। विश्व में हो रही कुल तस्करी में से अकेले अफ़गानिस्तान से लगभग ८५ प्रतिशत नशीले पदार्थों की तस्करी होती है, ऐसा इशारा संयुक्त राष्ट्रसंघ के विशेष गुट ने अपनी रपट में दिया था। अफ़गान-पाकिस्तान की २,४०० किलोमीटर लंबी सरहदी क्षेत्र से यह तस्करी होती है। अफ़गानिस्तान और पाकिस्तानी सेना के समर्थन से हो रही इस नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने का यह अवसर है, ऐसी चेतावनी इस रपट से विन्स्टन ने दी।

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