पाकिस्तान और चीन के साथ संभावित संघर्ष के लिए भारतीय रक्षादलों की पुनर्ररचना की तैयारी

नई दिल्ली: पाकिस्तान एवं चीन के साथ संभाव्य संघर्ष की आशंका ध्यान में लेते हुए भारत ने अपने रक्षादल की रचना में बहुत बड़ा सुधार एवं पुनर्रचना की गतिविधियां शुरू की है| जिसमें पिछले कई दशकों से उपयोग में रहनेवाली लष्करी संकल्पना एवं योजना रद्द करने की तैयारी की है और उनकी जगह नई योजना कार्यान्वित होगी, ऐसे संकेत सरकारी सूत्र तथा लष्करी अधिकारियों से दिए जा रहे हैं| इसमें ‘इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स’ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, ऐसा दावा एक भूतपूर्व लष्करी अधिकारी ने किया है|

पिछले कुछ वर्षों में भारत से महत्वपूर्ण लष्करी टुकड़िया पाकिस्तान तथा चीन की सीमा रेखा के पास तैनात की गई है| जिसमें युद्ध के लिए खास तैनात होनेवाले ‘स्ट्राइक कोअर’ की लष्करी टुकडियों का समावेश है| इससे पहले ऐसी तैनाती सिर्फ युद्धकाल अथवा युद्ध की आशंका होते समय की जा रही थी| पर पिछले ५ वर्षों में इसमें बदलाव शुरू हुआ है और इस बदलाव के परिणामों का अभ्यास भी शुरू होने की बात लष्करी अधिकारियों ने कही है|

अमरिका ने ९/११ के आतंकी हमले के बाद स्वतंत्र ‘स्ट्राइकर ब्रिगेड कॉम्बैट टीम’ दल का निर्माण किया था| इसमें तेजीसे स्थानांतरित होनेवाली लष्करी टुकड़ियों के साथ विविध क्षेत्र में सफल कार्रवाईयॉं करने के लिए आवश्यक क्षमता का समावेश था| इस धरती पर भारत में आक्रमण एवं जल्द लड़ाई की क्षमता होनेवाले ‘बैटल ग्रुप्स’ के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है, ऐसा दावा लष्करी सूत्रों ने किया है|

अमरिका, रशिया, चीन जैसे दुनिया के सभी प्रमुख लष्कर बड़े तादाद पर फेररचना कर रहे है| जिसकी वजह से भारत को भी गतिमान कदम उठाना आवश्यक होने की बात सूत्रों से कही जा रही है| कुछ दिनों पहले भारतीय लष्करी अधिकारी ने पाकिस्तान तथा चीन की सीमा पर ३-३ ‘इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स’ का निर्माण करने की तैयारी शुरू करने के संकेत दिए थे|

पिछले कुछ महीनों में भारत सरकार ने लष्कर के आधुनिकीकरण के लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं और उसके लिए तत्काल निधि भी उपलब्ध कराया है| साथ ही अब पुरानी संकल्पना एवं योजनाओं को रद्द करने की गतिविधियां शुरू की है| इससे पहले सिर्फ युद्ध के लिए तैनात होनेवाले लष्कर एवं शांति के समय में तैनात होनेवाली लष्करी टुकड़ियों को एक करके लष्कर अधिक तैयार एवं प्रभावी बनाने की तैयारी शुरू की है| आनेवाले कुछ वर्षों में इन योजनाओं के साथ भारतीय लष्कर का चेहरा बहुत ज्यादा बदलनेवाला है, ऐसी अपेक्षा भूतपूर्व लष्करी अधिकारी तथा विश्‍लेषकों से व्यक्त की जा रही है|

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