चीन की बिजली किल्लत की वजह से अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को झटके लगने के आसार – विश्लेकषक एवं प्रसार माध्यमों का इशारा

China-Power-Shortageबीजिंग – चीन में उभरी बिजली की किल्लत का तीव्र असर अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर होता दिखाई देगा, ऐसा इशारा विश्लेरषक और माध्यम दे रहे हैं। चीन के लगभग २० से अधिक प्रांतों में बड़ी मात्रा में बिजली की किल्लत महसूस हो रही है और हज़ारों कंपनियाँ और कारखानों की बिजली की सप्लाई कम की गई हैं। इससे उत्पाद क्षेत्र को बड़ा नुकसान पहुँचा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सप्लाई चेन भी प्रभावित होगी, यह ड़र व्यक्त किया जा रहा है।

चीन के बिजली निर्माण में ६० प्रतिशत से अधिक हिस्सा कोयले का है। बीते वर्ष चीन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ व्यापार युद्ध शुरू करके ऑस्ट्रेलिया से आयात हो रहे कोयले पर प्रतिबंध लगाए थे। ऑस्ट्रेलिया से चीन पहुँचे कोयले के जहाज़ों को जानबूझकर रोकने की बात भी सामने आयी थी। इससे चीन को बड़ा नुकसान पहुँच रहा है। ऐसे में चीन ने अन्य देशों से कोयले का आयात शुरू किया थी। लेकिन, इसकी कीमत ज्यादा होने से चीन की बिजली उत्पादक कंपनियाँ मुश्किाल में घिर गई हैं।

कोयले की कीमतें बढ़ने से बिजली निर्माण का खर्च भी बढ़ा है लेकिन, सरकारी नियमों के कारण कंपनियों को बिजली का दर बढ़ाने की अनुमति नहीं है। कम दर से बिजली की सप्लाई करना मुमकिन ना होने से देश के कुछ प्रकल्पों ने बिजली का निर्माण कम या बंद करने का निर्णय किया। बिजली निर्माण में गिरावट होने के दौरान ही कारखाने और कंपनियों से बिजली की माँग बढ़ने लगी। चीन में घरेलू स्तर पर भी बिजली की माँग रिकार्ड स्तर पर पहुँचती जा रही है। बिजली निर्माण में गिरावट होने की स्थिति में माँग बढ़ने से चीन में बिजली की सप्लाई का गणित काफी बिगड़ गया है।

China-Power-Shortage-01अक्तुबर में सामने आयी जानकारी के अनुसार चीन के तकरीबन २० प्रांतों में बिजली की किल्लत की समस्या गंभीर हुई है। इन प्रांतों में बिजली की सप्लाई लगातार काटी जा रही है और सैंकड़ों उद्योगों ने अपने कारोबार बंद किए हैं। कुछ प्रांतों में स्थानीय प्रशासन ने कारखानों को बिजली कटौती की नोटीस भी भेजी है। माँग और निर्यात बढ़ने के दौरान बिजली की किल्लत निर्माण होने से कई कंपनियों को निर्धारित समय में उत्पाद करने का लक्ष्य पूरा करने में बाधा निर्माण हो रही है।

चीन की इस स्थिति की गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई देने लगी है और वैश्विरक अर्थव्यवस्था को इससे नुकसान पहुँचेगा, यह ड़र भी व्यक्त किया जा रहा है। वस्त्र, खिलौने और यंत्र सामान के अलावा कई क्षेत्रों को चीन से कम हुई सप्लाई नुकसान पहुँचाएगी, यह अनुमान नोमुरा होल्डिंग्ज्‌ के आर्थिक विशेषज्ञों ने व्यक्त किया है। अमरिकी विश्लेरषक माईक बेकहैम ने चीन में उभरी बिजली की किल्लत की समस्या नकारात्मक और उम्मिद से परे असर करेगी, यह इशारा दिया। चीन से हो रहे निर्यात पर इसका असर पड़ने पर अमरीका में कई उत्पादों की कीमत १५ प्रतिशत से अधिक बढ़ेगी, यह दावा भी बेकहैम ने किया।

चीन की हुकूमत ने बीते कुछ महीनों में प्रौद्योगिकी और रिअल इस्टेट क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई करना शुरू किया है। इसी बीच बिजली की किल्लत तीव्र होने से चीन की अर्थव्यवस्था को दोहरा झटका लग सकता है, यह दावा सिंगापुर के विश्लेथषक बो झुआंग ने किया। चीन की अर्थव्यवस्था में अधिक गिरावट आने की संभावना है और इसे टाला नहीं जा सकता, यह इशारा भी झुआंग ने दिया। चीन के शासकों ने प्रदुषण का स्तर कम करने के लिए स्टील एवं केमिकल कंपनियों को अपने उत्पादन में कटौती करने के निर्देश दिए हैं। चीन के उत्पादन क्षेत्र के निदेशांक की गिरावट जारी होने की ओर भी पश्चिोमी माध्यमों ने ध्यान आकर्षित किया है।

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