इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन को रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया को प्रगत क्षमता रखनी होगी – ऑस्ट्रेलिया के पूर्व राष्ट्रीय सलाहकार का दावा

प्रगत क्षमताकैनबेरा/बीजिंग – ऑस्ट्रेलिया के पास चीन और अमरीका की तरह ‘हाय एण्ड वॉरफेअर’ के लिए आवश्यक तकनीक और क्षमता नहीं है; लेकिन ‘अंडरसी टेक्नॉलॉजी’ एवं ‘ड्रोन्स’ का इस्तेमाल करके ऑस्ट्रेलिया ‘असिमेट्रिक पावर’ के तौर पर खड़ा हो सकता है, यह दावा ऑस्ट्रेलिया के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन ली ने किया| इस दौरान ली ने ताइवान के मुद्दे पर अगले पांच-छह वर्षों में युद्ध भड़क सकता है और यह युद्ध केवल इसी इलाके तक सीमित नहीं रहेगा, यह इशारा भी दिया| इसी बीच चीन की बढ़ती विस्तारवादी हरकतों के प्रति ऑस्ट्रेलिया को आक्रामक रवैया अपनाने की बात सामने आयी है|

प्रगत क्षमताजॉन ली ने ऑस्ट्रेलिया के विदेशमंत्री के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तौर पर कार्य किया है और वर्तमान में वे ‘हडसन इन्स्टीट्यूट’ में विश्‍लेषक का ज़िम्मा संभाल रहे हैं| उन्होंने ताइवान समेत ईशान कोण एशिया की सुरक्षा संबंधित स्थिति बीते कुछ वर्षों में तनाव से भरी होने का दावा किया| इतिहास में पहली बार ऑस्ट्रेलिया की रक्षा नीति में समुद्री क्षेत्र के तनाव का ज़िक्र होने की ओर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया| इसी मुद्दे पर ली ने ताइवान के मुद्दे से युद्ध शुरू होने की संभावना व्यक्त की और इस युद्ध में ऑस्ट्रेलिया भी खिंचा जाएगा, यह संकेत भी दिए|

इस बात पर गौर करके ऑस्ट्रेलियन नेतृत्व ने अपनी रक्षा क्षमता बढ़ाने पर जोर देना शुरू किया है और ‘ऑकस डील’ इसी का हिस्सा होने का दावा पूर्व सुरक्षा सलाहकार ने किया| लेकिन, पनडुब्बियां विकसित करने में और उनके निर्माण में कई वर्षों का समय बीत जाता है| इसके बजाय ड्रोन्स और ‘अंडर सी टेक्नॉलॉजी’ जल्द उपलब्ध हो सकती है, इस ओर ली ने ध्यान आकर्षित किया| बड़े युद्ध पर गौर किया जाए तो चीन या अमरीका की बराबरी ऑस्ट्रेलिया नहीं कर सकता, लेकिन ‘असिमेट्रिक पॉवर’ के तौर पर विकसित होकर ऑस्ट्रेलिया चीन के इरादों को नाकाम कर सकता है, यह सलाह जॉन ली ने दी है| इस वजह से ऑस्ट्रेलिया के नेतृत्व ने आगे ड्रोन्स और अन्य तकनीक प्राप्त करने पर जोर देना चाहिए, यह आवाहन ली ने किया|

प्रगत क्षमताइसी बीच, चीन ने ऑस्ट्रेलिया की समुद्री सीमा के करीबी क्षेत्र में शुरू की हुई गतिविधियों की जानकारी भी सामने आयी है| कुछ महीने पहले चीन ने अपना ‘स्पाए शिप’ ऑस्ट्रेलियन समुद्री क्षेत्र की ओर रवाना करने की बात स्पष्ट हुई है| इस मुद्दे को लेकर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन एवं रक्षामंत्री पीटर डटन ने चीन को आगाह किया है| चीन ने ‘स्पाए शिप’ रवाना करना इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की गंभीर स्थिति का निदर्शक है और ऐसी गतिविधियों पर ऑस्ट्रेलिया बारीकी से नज़र रखेगा, यह इशारा मॉरिसन ने दिया| इसी बीच रक्षामंत्री डटन ने यह आलोचना की है कि, चीन के बयान और हरकतें एक दूसरे से मेल नहीं खाते| चीन के ‘स्पाए शिप’ ने ऑस्ट्रेलिया के रक्षा अड्डे के डार्विन बंदरगाह के साथ उत्तरी समुद्री सीमा एवं सिडनी के करीबी इलाके से यात्रा करने की बात स्पष्ट हुई है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.