‘पीओके’ भारत के नियंत्रण में होगा – विदेशमंत्री एस.जयशंकर

नई दिल्ली – ‘‘पीओके’ संबंधी भारत की भूमिका बिल्कुल स्पष्ट थी और है| पीओके यह भारत का ही हिस्सा है और वह भारत के नियंत्रण में आए बगैर नही रहेगा’, ऐसा विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने घोषित किया| इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंग, गृहमंत्री अमित शहा और भारत के सेनाप्रमुख ने भी पीओके पर भारत का अधिकार होने की बात घोषित की थी| इस वजह से बेचैन हुए पाकिस्तान ने भारत ‘पीओके’ पर हमला करने की तैयारी में होने के आरोप करना शुरू किया था| इसी के लिए भारत जम्मू-कश्मीर में बडी तादाद में तैनाती कर रहा है, ऐसा पाकिस्तान का कहना है|

‘भारत ने धारा ३७० रद्द करना, यह पाकिस्तान की समस्या नही होती. बल्कि पाकिस्तान सीमा के उस ओर से निर्यात कर रहे आतंकी, यही असली समस्या है| इससे भारत के सामने काफी कठिन चुनौती खडी हुई है| आतंकवाद का सियासी कारणों के लिए खुलेआम इस्तेमाल करके और आतंकवाद को बढावा दे रहे पाकिस्तान के अलावा अन्य कोई भी देश दुनिया में नही है’, इन शब्दों में भारत के विदेशमंत्री ने पाकिस्तान को फटकार लगाई है| भारत को पडोसी देशों के साथ सौहार्दता से भरे संबंधों की उम्मीद है, लेकिन पाकिस्तान की आतंकवादी निती से वह मुमकिन नही है, इस ओर जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया|

अन्य देशों की तरह पाकिस्तान भी भारत का आम पडोसी देश बना तो ही दोनों देशों के संबंधों में सुधार होगा, यह भी विदेशमंत्री जयशंकर ने आगे कहा| संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा के दौरान अपनी और पाकिस्तान के विदेशमंत्री की भेंट हो सकती है, यह संभावना भी जयशंकर ने व्यक्त की है| लेकिन, इसके पहले भारत की भूमिका कडे शब्दों में रखकर आतंकवाद और पीओके यही मुद्दा भारत के लिए अहम रहेगा, ऐसा जयशंकर ने स्पष्ट किया| साथ ही कश्मीर संबंधी कौन क्या बात करता है, इसे एक मर्यादा से ज्यादा अहमियत देने की जरूरत नही है, यह फटकार भी जयशंकर ने लगाई है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में हम कश्मीर का मुद्दा उपस्थित करके सपुरी दुनिया का ध्यान इस ओर आकर्षित करेंगे, यह ऐलान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने किया था| प्रधानमंत्री इम्रान खान का यह भाषण सुनने के लिए पुरी दुनिया उत्सुक है, इस सोच में पाकिस्तान के माध्यम है| लेकिन, भारत इसे ज्यादा अहमियत देने के लिए तैयार नही है, संकेत उनके इस विधान से प्राप्त हो रहे है| इस दौरान, पीओके संबंधी विदेशमंत्री ने किया वक्तव्य फिर से सभीयों का ध्यान आकर्षित कर रहा है|

भारत के रक्षामंत्री, गृहमंत्री, प्रधानमंत्री दफ्तर के राज्यमंत्री एवं सेनाप्रमुख ने पीओके भारत का ही हिस्सा है और जल्द ही वह भारत के कब्जे में होगा, यह ऐलान किया था| पीओके कब्जे में करने के लिए भारतीय सेना तैयार है और हम सिर्फ सरकार के आदेश की प्रतीक्षा कर रहे है, ऐसा सेनाप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने कुछ दिन पहले ही कहा था|

इस वक्तव्य के साथ जम्मू-कश्मीर में भारत की तैनाती की ओर ध्यान आकर्षित करके पाकिस्तान के नेता और सेना अधिकारी भारत पीओके पर हमला करने की तैयारी में होने का आरोप कर रहे है| अपनी इस कार्रवाई का समर्थन हो, इस लिए भारत अपनी जमीन पर आतंकी हमला भी करवाएगा, ऐसा पाकिस्तान के नेता और माध्यम कहने लगे है|

इस वजह से पाकिस्तान काफी डर से कांप रहा है, यह बात स्पष्ट तौर पर दिखाई देने लगी है| पाकिस्तान के प्रमुख विपक्षी नेता भी इम्रान खान की सरकार कम से कम पीओके सुरक्षित रखकर दिखाए, ऐसे तमाचे जड रहे है| तभी भारत सरकार ने पीओके पर अपने देश का हक होने का दावा और भी मजबूती से रखकर कश्मीर संबंधी बातचीत का केंद्र ही बदल दिया है, ऐसा भारतीय विशेषज्ञों का कहना है| इस वजह से पिछले ७० वर्षों में श्रीनगर पर कब्जा करने का ऐलान करनेवाला और उसके लिए आतंकवाद का इस्तेमाल करनेवाला पाकिस्तान पहली बार दबाव में आने का दावा भारतीय विशेषज्ञ कर रहे है|

इसका काफी बडा लाभ भारत को प्राप्त होगा और इसी लिए भारत ने आक्रामकता दिखाने की आवश्यकता इन विशेषज्ञों ने व्यक्त की है|

 

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