‘जी २०’ शिखर सम्मेलन का समापन

नई दिल्ली – भारत की अध्यक्षता में आयोजित ‘जी २०’ शिखर सम्मेलन का समापन हुआ हैं। रविवार को प्रधानमं मोदी ने सम्मेलन के समापन का ऐलान करते हुए यह सलाह दी कि, ‘एक पृथ्वी, एक कुटुंब, एक भविष्य’ की राह पर आगे बढ़े। यह मार्ग सुखद होगा।’ इससे पहले ‘जी २०’ की अगली अध्यक्षता ब्राज़ील को सौंपने का प्रतिकात्मक समारोह भी इस दौरान हुआ। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को फ्रान्स, तुर्की और कनाड़ा के राष्ट्रप्रमुखों से द्विपक्षीय चर्चा की।

‘जी २०’ शिखर सम्मेलन का समापन‘जी २०’ की अध्यक्षता पिछले साल इडोनेशिया से भारत को प्राप्त हुई थी। इसके बाद बीते साल से भारत के अलग अलग राज्यों में ‘जी २०’ के विभिन्न कार्य गुट की बैठक का आयोजन हुआ था। ऐसे में पिछले दो दिनों से राजधानी दिल्ली में शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। भारत ने आयोजित किए इस विशाल सम्मेलन की चर्चा पूरे विश्व में हो रही हैं। जागतिक स्तर के माध्यमों ने भी इसका बड़ा संज्ञान लिया है। ‘जी २०’ सम्मेलन का इतने विशाल स्तर पर पहले कभी आयोजन नहीं हुआ था, ऐसे दावे माध्यमों से किए जा रहे हैं।

भारत ने इस सम्मेलन के लिए रखी सुरक्षा एवं सम्मेलन के अवसर पर अपनी संस्कृति और परंपरा का मेहमानों के सामने किए प्रदर्शन एवं स्वागत की चर्चा इन माध्यमों में हो रही हैं। खास तौर पर इस शिखर सम्मेलन में ‘जी २० लीडर्स डिक्लरेशन’ सर्वसम्मति से मंजूर हुआ। भू-राजनीतिक संघर्ष का असर इस सम्मेलन पर दिखाई नहीं दिया, इसपर भी विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

‘जी २०’ सम्मेलन का समापन होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर से यह बात रेखांकित की कि, हमें जीडीपी केंद्रीत विकास के बजाय मानव केंद्रीत विकास की ओर आगे बढ़ने की ज़रूरत हैं। वर्ष २०१९ में ‘जी २०’ ने आर्टिफिशल इंटेलिजन्स (एआई) खे लिए कुछ तत्व अपनाए थे। लेकिन, हमें अब इससे आगे बढ़ने की आवश्यकता हैं और मानव केंद्रीत ‘एआई’ के लिए हमें प्लान तैयार करना होगा, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा है।

इसी बीच, रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रान्स, तुर्की और कनाडा के राष्ट्रप्रमुखों से द्विपक्षीय चर्चा की। तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने भारत दक्षिण एशिया में हमारा एक अहम व्यापारी भागीदार देश हैं और भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए बड़ा अवसर होने की बात रेखांकित की है। पाकिस्तान के पक्ष में कश्मीर का मुद्दा उठा रहे एवं भारत के हितसंबंधों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाले तुर्की की भूमिका पिछले कुछ समय से बदलती दिख रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाड़ा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्य्रुडो से हुई चर्चा के दौरान खलिस्तानी आतंकवादी एवं उनके समर्थकों की कनाड़ा में शुरू गतिविधियों का मुद्दा उठाने की खबरें सामने आ रही हैं। वहीं, फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन से हुई चर्चा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, अंतरिक्ष क्षेत्र में रणनीतिक भागीदारी विकसित करने पर चर्चा होने का वृत्त हैं।

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