प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के दौरे पर

टोकियो: मेरी भारत के साथ दोस्ती जिंदगी भर के लिए कायम रहेगी, ऐसा भावपूर्ण विधान जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे ने किया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी २ दिनों के जापान दौरे पर आए हैं और उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री से मुलाकात की है। इस भेंट के दौरान प्रधानमंत्री एबे ने दोनों देशों में मित्रता के संबंधों का दाखिला देते समय निजी स्तर पर उन्हें लग रहे भारत का महत्व नए से रेखांकित किया है।

प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी, जापान, दौरे, टोकियो, एबेअमरिका चीन व्यापार युद्ध, इंडो पैसिफिक क्षेत्र में चीन की धौसियाँ और अमरिका ने ईरान, रशिया और देशों के विरोध में स्वीकारी हुई आक्रामक, आर्थिक एवं राजनीतिक धारणाओं की पृष्ठभूमि पर भारत और जापान में सहयोग को बहुत बड़ा महत्व प्राप्त हो रहा है। इस पृष्ठभूमि पर भारत एवं जापान में १३वी वार्षिक परिषद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के दौरे पर दाखिल हुए हैं। उनका स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री एबे ने भारत के बारे में उन्हें लगने वाले और वास्तविक आत्मीयता की जानकारी दी है। १९५७ वर्ष में स्वतंत्र भारत को भेंट देने वाले जापान के प्रधानमंत्री नोबस्की किशी यह उनके दादा होने की याद उस समय प्रधानमंत्री एबे ने दिलाई है।

दौरान प्रधानमंत्री मोदी इनके जापान भेंट को बहुत बड़ा राजनैतिक एवं व्यापारिक तथा सामरिक महत्व प्राप्त होने का दावा किया जा रहा है। फिलहाल अमरिका एवं चीन में भड़के हुए व्यापार युद्ध की वजह से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उथल-पुथल शुरू हुई है। यूरोपीय महासंघ के साथ अमरिका के व्यापारी संबंध तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। उसी समय रशिया पर अमरिका ने जारी किए कड़े प्रतिबंधों की वजह से यह परिस्थिति अधिक अस्थिर बनती जा रही है। उसी में ५ नवंबर से ईरान पर अमरिका के कठोर प्रतिबंध जारी होने वाले हैं। इन प्रतिबंधों का पालन न करने वाले देशों को भी अमरिका के कार्रवाई का झटका लग सकता है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के प्रशासन ने सूचित किया है।

अमरिका के आक्रामक भूमिका की वजह से यह परिस्थितियां निर्माण होते समय चीन ने इंडो पैसिफिक क्षेत्र में सामरिक गतिविधियां बढ़ाई है। उसका परिणाम इस सागरी क्षेत्र के देशों की सुरक्षा पर हो रहा है और अपनी सुरक्षा विषयक हित संबंध चीन की वजह से खतरे में आने का दावा यह देश कर रहे हैं। जापान ने बहुत पहले चीन के इन कारवाईयों से खतरा पहचान लिया था। प्रधानमंत्री एबे ने अपने प्रधानमंत्री पद के पहले स्तर में हिंद महासागर से पैसेफिक महासागर तक के क्षेत्र का इंडो-पैसेफिक ऐसा उल्लेख किया था।

भारत और जापान के धारणात्मक साझेदारी की संकल्पना प्रस्तुत होने के श्रेय प्रधानमंत्री एबे को दिए जा रहे हैं। पिछले कई वर्षों में भारत के जापान के साथ बड़े सहयोग एवं इनकी निश्चित दृष्टि होने का दावा किया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर भारतीय प्रधानमंत्री के इस जापान दौरे में दोनों देशों में महत्वपूर्ण निर्णय एवं करार अपेक्षित होकर फिलहाल अस्थिर वातावरण में इस सहयोग को निर्णायक महत्व होने के संकेत मिल रहे हैं।

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