देशांतर्गत और विदेश की गोपनीय मुहिमों के लिए पेंटागन के पास ६० हज़ार जवानों की ‘सिक्रेट आर्मी’ – अमरिकी साप्ताहिक पत्रिका का दावा

वॉशिंग्टन – अमरीका की गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआयए’ विदेशों में गोपनीय कारनामें करवाने के लिए विख्यात है। अन्य देशों की तुलना में ‘सीआयए’ एजेंटों का नेटवर्क सबसे बड़ा होने का दावा किया जाता है। लेकिन ‘सीआयए’ से भी, अमरीका के रक्षा मुख्यालय पेंटागन के पास दुनिया की सबसे बड़ी सीक्रेट आर्मी यानी खुफिया सेनाबल होने की खबर आई है। देशांतर्गत और विदेशों में स्थित अमरीका के हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए पेंटागन के पास ६० हज़ार जवानों की सीक्रेट आर्मी है। पेंटागन ने इसके लिए ९० करोड़ डॉलर्स का स्वतंत्र प्रावधान किया होने की जानकारी अमरीका की एक अग्रसर साप्ताहिक पत्रिका ने प्रकाशित की।

US-Secret-army-01अमरीका का रक्षा मुख्यालय पेंटागन के नियंत्रण में होनेवाले सेनाबलों में २२ लाख से अधिक जवान कार्यरत हैं। अन्य देशों की तरह ये सभी जवान, अपने देश का प्रशासन और लष्कर ने निर्धारित किए नियम तथा जिनेवा समझौते को जवाबदेह हैं। लेकिन सरकारी, लष्करी अथवा अन्तर्राष्ट्रीय नियमों को चुनौती देनेवाली ६० हज़ार जवानों की सीक्रेट आर्मी पेंटागन ने बनाई होने का दावा ‘न्यूजवीक’ इस साप्ताहिक पत्रिका ने किया है।

इसके जवानों की संख्या ६० हज़ार से अधिक भी हो सकती है। अमरिकी संसद ने पेंटागन की इस खुफ़िया सेनाबल की जांच नहीं की है। इस कारण इसकी निश्चित संख्या सामने नहीं आ सकती है, ऐसा इस साप्ताहिक पत्रिका ने कहा है। इसमें अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग के एजेंट्स, स्पेशल फोर्सेस के जवान तथा कांट्रेक्टर और नागरिकों का भी समावेश है। यहाँ तक कि विदेशी कांट्रेक्टर और नागरिक भी इस खुफिया सेनाबल का भाग होने का दावा इस साप्ताहिक पत्रिका ने किया।

US-Secret-army-394x217इस हर एक की बनावट पहचान तैयार की गई है। यह जवान अमरिकी प्रशासन और पेंटागन से संबंधित लगभग १३० प्राइवेट कंपनियों के लिए काम कर रहे हैं। उनकी जानकारी बहुत ही गोपनीय रखी गई है । इस खुफिया सेनाबल में कुछ साइबर फाइटर्स भी है।

पेंटागन की इस खुफिया सेनाबल के जवानों को पाकिस्तान से पश्चिम अफ्रीका तक के आतंकवादियों को खत्म करने से लेकर बिल्कुल ईरान, उत्तर कोरिया में घुसकर कार्रवाई करने की आज़ादी दी गई है। इसके लिए उन्हें किसी भी हद तक जाकर कार्रवाई करने की अनुमति दी जाती है और उसके लिए किसी भी कानून अथवा नैतिकता का बंधन नहीं होता, ऐसा एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से इस साप्ताहिक ने कहा है।

ऐसी कार्रवाई में इन जवानों की पहचान छिपाने में साइबर फाइटर्स अहम भूमिका निभाते हैं। ये साइबर फाइटर्स सोशल मीडिया पर प्रभाव डालने में तथा किसी मुहिम पर अमल करने में भी सहभागी होते हैं। अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा संस्था से ये साइबर फाइटर्स जुड़े रहते हैं, ऐसा इस साप्ताहिक का कहना है।

इस खुफिया सेनाबल का इस्तेमाल केवल आतंकवादविरोधी कार्रवाई के लिए ही नहीं, बल्कि अमरीका को कॉम्पिटिशन देनेवाले रशिया और चीन के खिलाफ भी किया जा रहा है। इसके लिए पेंटागन ने रशियन दूतावास में प्रवेश करवाए रियान फोगल इस राजनीतिक अधिकारी का उदाहरण भी दिया गया है। सन २०१३ में रशियन गुप्तचर यंत्रणा ने रियान फोगल को गिरफ्तार किया था। पेंटागन के लिए डबल एजेंटों की भर्ती करने की तैयारी फोगल ने की थी। लेकिन उसके लिए ट्रैप लगाकर बैठी रशियन यंत्रणाओं ने फोगल को हिरासत में लिया था, इसका उदाहरण इस साप्ताहिक ने दिया।

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