भारत, इस्राइली वायुसेना का ब्ल्यू फ्लॅग युद्धाभ्यास

तेल अवीव: भारतीय वायुसेना पहली बार इस्राइल में ‘ब्लू फ्लॅग’ युद्धाभ्यास में शामिल हुआ है। इस्राइल एवं भारत के साथ अमरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ग्रीस एवं पोलैंड यह देश भी इस युद्धाभ्यास में शामिल हुए हैं। भारतीय वायुसेना के ‘सी-१३०जे’ सुपर हरक्यूलिस मालवाहक विमान तथा गरुड़ कमांडो इस युद्धाभ्यास में शामिल हुए हैं।

सन २०१३ से शुरू हुआ ‘ब्लू फ्लॅग’ यह द्विवार्षिक युद्धाभ्यास है। इस्राइल और पाश्चिमात्य मित्र देशों की वायु सेना में यह युद्धाभ्यास आयोजित किया जाता है। इस युद्धाभ्यास की योजना और उनकी बारीकियां का अभ्यास साल भर पहले से शुरू किया जाता है।

ब्लू फ्लॅगइस युद्धाभ्यास में पहली बार भारतीय वायुसेना शामिल हुई हैं और उसके लिए पिछले हफ्ते से भारतीय वायुसेना के ४५ अधिकारियों का पथक, इस्राइल के दक्षिण के उवदा हवाई अड्डे पर उतरे हैं। ग्रुप कैप्टन ‘मलूक सिंग’ भारतीय वायुसेना के का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और यह युद्धाभ्यास ११ दिन चलने वाला है।

इस युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना के ‘हरक्यूलिस’ विमान के साथ पाश्चिमात्य देशों के लड़ाकू विमान भी शामिल होने वाले हैं और इस्राइल के ‘रेड स्क्वॉड्रन’ में शत्रु राष्ट्र की वायुसेना की भूमिका बजाने वाले हैं। इस्राइल के दक्षिण में एलट शहर की कक्षा से जाने वाले यात्री विमान के मार्ग में बाधा निर्माण न करते हुए, इस्राइल लड़ाकू विमानों पर कारवाई करने का लक्ष्य, भारत एवं पाश्चात्य देशों की वायुसेना के सामने होगा। इस युद्धाभ्यास की वजह से इस्राइल, भारत एवं मित्र देशों के वायुसेना के तंत्रज्ञान विषयक सहयोग तथा समन्वय बढ़ेगा, ऐसा दावा इस्राइली लष्कर ने किया है।

दौरान, भारत एवं इस्राइली रक्षादल में यह पहला बड़ा युद्धाभ्यास माना जा रहा है। आनेवाले समय में, दोनों देशों में ऐसे अनेक लष्करी अभ्यास आयोजित किए जाएंगे। इसकी वजह से लष्करी सहयोग सक्षम होगा, ऐसा लष्कर अधिकारीने ग्रुप कैप्टन मलूक सिंग से मुलाकात करने के बाद कहा है।

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