भारत-पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की भेंट रद्द – भारत के विदेश मंत्रालय की घोषणा

नई दिल्ली – विदेश मंत्री सुषमा स्वराज एवं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी इन की भेंट रद्द की गई है, ऐसी घोषणा भारत ने की है। २४ घंटों के अंदर भारत ने यह निर्णय लिया है। जिसके लिए पाकिस्तान के आतंकवादी धारणा जिम्मेदार होने का आरोप किया है। जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवादियों ने ३ पुलिस की जान ली है। इसी दौरान आतंकवादियों के नाम से पोस्टल स्टैंप जारी करके पाकिस्तान ने भारत को उकसाया है। इन दोनों घटनाओं का उल्लेख करके यह देश कभी भी नहीं सुधरेगा, ऐसे शब्दों में भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पाकिस्तान को फटकारा है।

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गुरुवार को रवीश कुमार ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा के निमित्त से न्यूयॉर्क में भारत एवं पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की भेंट होने की घोषणा की थी। पर यह द्विपक्षीय चर्चा नहीं केवल भेंट होने की बात भी रविश कुमार ने रेखांकित की थी। उसे सिर्फ २४ घंटे हो रहे थे कि यह भेंट रद्द की गई है, ऐसी बात विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने घोषित की है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की चर्चा हो ऐसी बिनती पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने की थी। उसके लिए उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। प्रधानमंत्री इम्रान खान अपने देश की पारंपरिक भूमिका बदलने के लिये उत्सुक है, ऐसा इस पत्र से दिखाई दे रहा था। इसकी तरफ ध्यान देकर भारत ने इस भेंट के लिये तैयारी दिखाई थी। पर, उसके बाद पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में तीन पुलिस की हत्या की है, ऐसा कहकर रविश कुमार ने क्रोध व्यक्त किया है।

इतना ही नहीं तो पाकिस्तान ने बुरहान वाणी जैसे अन्य आतंकवादियों के नाम पर २० पोस्टल स्टैंप जारी कीये है। इन उकसानेवाली कारवाईयों की वजह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान का असली चेहरा दुनिया के सामने आया है। केवल कुछ ही दिनों में उनके सरकार ने अपने असली रंग दिखाने शुरू किए हैं और इस सरकार ने दिए चर्चा के प्रस्ताव में भी शैतानी षड्यंत्र होने का आरोप रविश कुमार ने किया है। तथा पाकिस्तान कभी भी नहीं सुधरेगा, ऐसी कड़ी आलोचना भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने की है। दौरान भारत ने लिये इस निर्णय पर पाकिस्तान से प्रतिक्रिया आई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने चर्चा से अधिक भारत अन्य बातों को अधिक महत्व दे रहा है, ऐसा आरोप कर रहे हैं।

पाकिस्तान ने इस क्षेत्र की शांति का विचार करके भारत को चर्चा का प्रस्ताव दिया था, ऐसा दावा विदेश मंत्री कुरैशी ने किया है। पर नई दिल्ली में पाकिस्तान के साथ भारत की चर्चा ना हो इसके लिए कुछ गट कार्यरत हैं, ऐसा कुरैशी ने कहा है। भारत को चर्चा नहीं चाहिए तो पाकिस्तान भी उसके लिए प्रयत्न नहीं करेगा। पर चर्चा यही दोनों देशों में समस्या सुलझाने का एकमेव मार्ग है. ऐसा पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा है।

भारत ने विदेश मंत्री की बैठक रद्द करने का निर्णय घोषित करने पर संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा में पाकिस्तान कश्मीर का मुद्दा उपस्थित करने की खबरें प्रसिद्ध हुई है। भारत के निर्णय को इसरुप से प्रत्युत्तर दिया जाएगा, ऐसे संकेत द्वारा पाकिस्तान से दिया जा रहा है। पर इसमें कुछ भी नया ना होकर प्रतिवर्ष पाकिस्तान से संयुक्त राष्ट्रसंघ में कश्मीर के प्रश्न इसी तरह बजाए जाते हैं। उसे दुनिया का कोई भी देश प्रतिक्रिया नहीं दे रहा, केवल पाकिस्तानी जनता को खुश करने के लिए इस देश की सरकार से प्रतिवर्ष यह दोहराया जाता है, ऐसा पाकिस्तानी विश्लेषकों का कहना है।

प्रधानमंत्री इम्रान खान इनकी सरकार संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में कशमीर प्रश्न पर आक्रामक भूमिका लेने की आशंका है। पर वर्तमान समय में पाकिस्तान की जनता को कश्मीर से अधिक अपने भविष्य की अधिक चिंता है, ऐसा स्पष्ट हो रहा है। पाकिस्तान की विदेशी जमा पूंजी केवल कुछ ही हफ्ते देश चलाने इतनी बची है। जल्दी पाकिस्तान का समावेश ‘फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स’ एफएटीएफ के काले सूची में किया जाएगा। उसके बाद पाकिस्तान की वित्त व्यवस्था के सामने अधिक भीषण संकट निर्माण होंगे। ऐसी परिस्थिति में कश्मीर प्रश्न पर भड़काऊ भाषण करके पाकिस्तानी जनता को प्रभावित करने का प्रयत्न सफल नहीं होगा। पाकिस्तान में कई पत्रकार इम्रान खान को इसका एहसास दिला रहे हैं।

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