पाकिस्तान व्याप्त कश्मीर के बारे में लिये निर्णय के विरोध में – भारत से पाकिस्तान का कडे शब्दों में निषेध

नई दिल्ली: पाकिस्तान व्याप्त गिलगिट-बाल्टिस्तान के बारे में पाकिस्तान की सरकार ने लिया निर्णय का भारत ने निषेध जताया है। पाकिस्तान के नई दिल्ली में स्थित उप उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को समन्स भेजकर भारत ने कड़े शब्दों में निर्णय का निषेध किया है। गिलगिट-बाल्टिस्तान यह संपूर्ण पाकिस्तान व्याप्त कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। पाकिस्तान की सरकार अवैध निर्णय लेकर अपने वहां के गैरकानूनी अस्तित्व कानूनन नहीं ठहरा सकते, ऐसा भारत ने सूचित किया है। पाकिस्तान से ऐसी गतिविधियां शुरू होते समय भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने देश में पाकिस्तान के साथ कम तीव्रता के दीर्घकालीन युद्ध की तैयारी रखें, ऐसा संदेश दिया है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने पाकिस्तान व्याप्त कश्मीर के भूभाग का निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार गिलगिट-बाल्टिस्तान के स्थानीय सरकार को अपने प्रांत के बारे में निर्णय लेने के लिए अधिक अधिकार दिए गए हैं। चीन एवं पाकिस्तान में विकसित हो रहे इकनोमिक कॉरिडोर प्रकल्प इस क्षेत्र से जा रहा है। जिसकी वजह से पाकिस्तान की सरकार ने लिया यह निर्णय महत्वपूर्ण होगा। एवं उसकी वजह से इस भाग का विकास होगा, ऐसा दावा पाकिस्तान से किया जा रहा है। २० मई के रोज पाकिस्तान के लष्कर और सरकार के प्रतिनिधि में हुए बैठक में यह निर्णय होने की बात बताई गई है।

पाकिस्तान व्याप्त, कश्मीर, निर्णय, विरोध, कडे शब्दों, निषेध, भारतफिलहाल पाकिस्तान में प्रांत की पुनर्रचना की जा रही है। पाकिस्तान के फेडरली एडमिनिस्ट्रेटर ट्राइबल एरिया एफएटीए-फाटा प्रांत खैबर पख्तूनवाला प्रांत को जोड़ा जा रहा है। आज तक फाटा में पाकिस्तान के कानून लागु नहीं हो रहे थे, पर फाटा के बारे में लिए गए निर्णय की वजह से इस भूभाग में अब पाकिस्तान का कानून लागू होगा, ऐसा कहा जा रहा है। पाकिस्तान के एकसंघता को चुनौती मिलते समय पाकिस्तानी लष्कर ने सरकार पर दबाव लाकर यह निर्णय मंजूर करने का दावा किया जा रहा है। गिलगिट-बाल्टिस्तान के बारे में पाकिस्तान के सरकार ने लिया निर्णय के पीछे लष्कर का ही दबाव होने की बात दिखाई दे रही है।

पर पाकिस्तान के इस निर्णय पर भारत से प्रतिक्रिया आई है और पाकिस्तान के भारत में स्थित उप उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को समन्स भेजकर भारत के विदेश मंत्रालय ने उन्हें इस बारे में कड़े बोल सुनाये हैं। गिलगिट पाकिस्तान के साथ संपूर्ण पाकिस्तान व्याप्त कश्मीर भारत का होने की बात उस समय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को सूचित की है। पाकिस्तान के इस भूभाग के बारे में निर्णय लेकर अपने वहां के गैरकानूनी कब्जे को कानूनन मंजूरी प्राप्त नहीं कर सकते। इसकी वजह से परिस्थिति नहीं बदलेगी यह ध्यान में लेकर पाकिस्तान यह भूभाग छोड़ जाए ऐसा भारत के विदेश मंत्रालय ने सूचित किया है।

दौरान, पाकिस्तान के सरकारने लिए इस निर्णय का इस देश के कई संगठनों ने विरोध किया है। कश्मीर की जनता को स्वयं निर्णय का अधिकार मिले, ऐसी मांग पाकिस्तान से की जा रही है। पर वास्तव में पाकिस्तान व्याप्त कश्मीर में जनता पाकिस्तान को ने स्वयं निर्णय का अधिकार नहीं दिया है। इसके विपरीत जनता के मूलभूत अधिकार ठुकराकर पाकिस्तानी इस भूभाग से संबंध में होनेवाले अपने नागरिकों को लाकर वहां बसाया है। इसकी वजह से पाकिस्तान व्याप्त कश्मीर में जनता पाकिस्तान के विरोध में गई है और उस समय प्रदर्शन करके वहां की जनता अपना असंतोष व्यक्त कर रही है।

फिलहाल जम्मू कश्मीर में भारत सरकार ने हाथ लिए मूलभूत सुविधाओं के विकास का प्रकल्प कार्यान्वित होकर इस में से कई प्रकल्प का उद्घाटन भी हुआ है। उनकी खबरें पाकिस्तानी माध्यमों ने उठाई है और पाकिस्तान को अपने कब्जे में कश्मीर का विकास नहीं कर पाए हैं, ऐसी ऐसा खेद पाकिस्तान के पत्रकार व्यक्त कर रहे हैं। इसकी वजह से बौखलाए हुए पाकिस्तान की सरकार एवं लष्करने गिलगिट बाल्टिस्तान के सरकार के अधिकार क्षेत्र में बढ़त करने की बात दिखाई दे रही है।

जम्मू कश्मीर की सीमा पर गोलीबारी एवं मोर्टर्स का हमला करके पाकिस्तान के लष्कर जम्मू कश्मीर के विकास परियोजनाओं की तरफ किसी का ध्यान न जाए इसके लिए प्रयत्न कर रहे हैं। आनेवाले समय में पाकिस्तान के धारणाओ में बदलाव होने की आशंका नहीं है। इस पृष्ठभूमि पर भारत के सूचना एवं प्रसारणमंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने पाकिस्तान के साथ कम तीव्रता के पर दीर्घकालीन युद्ध के लिए भारत तैयार रहे, ऐसा संदेश किया है। पाकिस्तान में लष्कर प्रभावी होकर पाकिस्तान के सरकार को इस देश के उद्देश्य धारणा नहीं ठहरा सकते ऐसा दाखिला देकर राठौड ने इस दीर्घकाल में शुरू होने वाले युद्ध के लिए तैयार रहने के संदेश देने की बात दिखाई दे रही है।

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