जासूसी मामले के बाद, भारत से और चार राजनीतिक अधिकारियों को पाकिस्तान वापस बुलायेगा

इस्लामाबाद, दि. १ (वृत्तसंस्था) – जासूसी करनेवाले पाकिस्तान के राजनीतिक अधिकारी को भारत से निष्कासित किये जाने के बाद, पाकिस्तान दिल्ली स्थित पकिस्तान उच्चायुक्तालय में काम कर रहे और चार राजनीतिक अधिकारियों को वापस बुलाने पर सोच रहा है| जासूसी में शामिल पाकिस्तानी अधिकारी के बयान में इन चार अधिकारियों के नाम सामने आए थे|

जासूसीभारत स्थित पाकिस्तान उच्चायुक्तालय के मेहमूद अख्तर इस राजनीतिक अधिकारी को जासूसी के मामले में बुधवार को दिल्ली पुलीस ने पकडा था| पिछले डेढ साल से, भारत में ‘आयएसआय’ के लिए जासूसों को नियुक्त करके, भारतीय सेना की गतिविधियाँ और पश्‍चिम किनारपट्टी के रक्षादल की तैनाती की जानकारी अख्तर हासील कर रहा था| दिल्ली पुलीस ने ‘आयएसआय’ के लिए काम करनेवाले दो जासूसों के साथ अख्तर को ‘रंगे हाथ’ पकड़ा था| इस कार्रवाई के दौरान पकड़ा गया शख़्स पाकिस्तान का राजनीतिक अधिकारी है, इसकी जानकारी दिल्ली पुलीस को नहीं थी| लेकिन अख्तर को पुलीस थाने में ले जाकर उसकी तहक़िकात शुरू करने के बाद इस संदर्भ में खुलासा हुआ था| इसके बाद इस कारवाई की जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय को दी गई| इसके बाद राजनीतिक अधिकारी होने के कारण अख्तर को तुरंत देश छोड़कर जाने को कहा गया|

पुलीस ने पकडने के बाद अख्तर ने दिए बयान का व्हिडिओ दो दिन पहले भारतीय मिडिया में प्रकाशित हुआ था| इस व्हिडिओ में, अख्तर ‘आयएसआय’ के लिए जासूसी कर रहा था इस बात का उसने स्वीकार किया है, यह स्पष्ट हो रहा है| इसीके साथ उसने पाकिस्तान उच्चायुक्तालय के चार सहकर्मियों के नाम भी लिये हैं| वाणिज्य सलाहकार सय्यद फारुक हबीब, पहले सचिव खादीम हुसेन, मुदासीर चिमा और शाहीब इक्बाल ऐसे इन अधिकारियों के नाम हैं|

अख्तर ने दिया यह बयान भारत की मिडिया तक पहुँचने बाद सार्वजनिक होने के कारण, इन सभी के साथ इनके परिवारों की सुरक्षा ख़तरे में आयी है, ऐसा दावा पाकिस्तान की मिडिया द्वारा किया जा रहा है| पाकिस्तान का अख़बार ‘डॉन’ ने, पाकिस्तान पहुँचे अख्तर का हवाला देकर,  उसे ज़बरन् क़बूलनामा देने के लिए कहा गया, ऐसा दावा किया है| अख्तर को पुलीस ने लिखित बयान दिया था और वह ज़बरन् पढ़ने को कहा था| इस क़बूलनामे में चार पाकिस्तानी अधिकारियों के नाम थे, ऐसा दावा इस अखबार ने किया है| इन चार अधिकारियों के परिवारों ने पाकिस्तान सरकार से संपर्क करते हुए सुरक्षा के संदर्भ में चिंता जताई थी, ऐसा कहा जा रहा है| इस पृष्ठभूमि पर, पाकिस्तान सरकार जासूसी करनेवाले अन्य चार अधिकारियों को वापस बुलाने के बारे में सोच रही है| जानबुझकर यह क़बूलनामा सार्वजनिक करके दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाने में भारत को दिलचस्पी है, ऐसा इल्ज़ाम लगाते हुए पाकिस्तान ने, इन अधिकारियों की जासूसी सावर्जनिक होने के बाद खुद का बचाव करने के प्रयास किए हैं|

लेकिन पाकिस्तान द्वारा अन्य देशों में स्थित अपने दूतावास का, किस तरह ग़लत इस्तेमाल किया जाता है, यह इससे पहले भी स्पष्ट हुआ है| दो साल पहले, श्रीलंका स्थित पाकिस्तान के उच्चायुक्तालय का एक वरिष्ठ अधिकारी ‘आयएसआय’ के लिए काम करते हुए पकड़ा गया था| इसके अलावा, तमिलनाडू के अहम स्थानों की रेकी करने के लिए और यहाँ की सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी पाने के लिए एक श्रीलंकन व्यापारी को उसने पैसे दिए थे, यह बात सामने आई थी| इसके बाद भी, पाकिस्तान को जासूसी में शामील अपने अधिकारी को वापस बुलाना पड़ा था| इसी दौरान, बांगलादेश स्थित पाकिस्तानी राजनीतिक अधिकारी, भारत और बांगलादेश के खिलाफ़ चलनेवालीं गतिविधियों में शामिल थे, यह बात सामने आने के बाद बांगलादेश ने पाकिस्तानी अधिकारियों को देश से निष्कासित किया था| भारत स्थित पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी की जासूसी, भारत में फिर से २६/११ जैसा आतंकी हमला करने की ‘आयएसआय’ की साज़िश को अंजाम देने के लिए की गई थी, ऐसा शुक्रवार को भारतीय गृहमंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था|

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