हैदराबाद विस्फोट मामले में यासिन भटकल समेत इंडियन मुजाहिद्दीन के पाँच आतंकियों को फ़ाँसी

हैदराबाद, दि. १९: तीन साल पहले हैदराबाद में किए गए विस्फोटों के मामले में इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकवादी संगठन का संस्थापक यासिन भटकल समेत पाँच आतंकवादियों को फ़ाँसी की सज़ा सुनाई गई है| राष्ट्रीय जाँच संस्था (एनआयए) के विशेष न्यायालय ने सोमवार को सज़ा का ऐलान किया| भारत सरकार द्वारा पाबंदी ड़ाले गये ‘इंडियन मुजाहिद्दीन’ संगठन के आतंकवादियों को दोषी मानकर सजा सुनाने की यह पहली घटना हैं|

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२१ फरवरी २०१३ को हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में दो बमविस्फोट हुए थे| इन विस्फोटों में १८ लोग मारे गये थे और १३१ लोग घायल हुए थे| ‘आयईडी’ विस्फोटकों का इस्तेमाल करते हुए इन विस्फोटों की साज़िश ‘इंडियन मुजाहिद्दीन’ संगठन ने की थी| रियाझ भटकल इस विस्फोट का मास्टरमाईंड था, ऐसा कहा जाता है| रियाझ भटकल फिलहाल पाकिस्तान में है| वहीं यासिन समेत पाँच आरोपियों को गिरफ़्तार करने में ‘एनआयए’ को सफलता मिली थी|

हैदराबाद में हुए विस्फोटों में, यासिन के अलावा झिया उर रेहमान उर्फ विकास, असादुल्लाह अख्तर उर्फ हड्डी, तहसीन अख्तर उर्फ मोन और एजाझ शेख इनका शामिल होना भी साबित हो चुका है| इसमें झिया उर रेहमान उर्फ वकास पाकिस्तान का रहनेवाला है; वहीं, एजाझ शेख महाराष्ट्र का है| ‘एनआयए’ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रियाझ भटकल ने असादुल्लाह अख्तर और झिया उर रेहमान इन्हें मंगलोर में विस्फोटक मुहैय्या करा दी थी|

भटकल से विस्फोटक और पैसा मिलने के बाद ये दोनो हैदराबाद पहुँचे| हैदराबाद में यह तहसीन अख्तर से मिले| इन तीनों ने एकसाथ आकर ‘आयईडी’ तैयार किया और २१ फरवरी को सायकल की सहाय्यता से दिलसुखनगर में दो अलगअलग जगहों पर शक्तिशाली विस्फोट किए| स्फोट की घटना के बाद छ: महीने के भीतर यासिन और असादुल्लाह अख्तर को नेपाल सीमारेखा के नज़दीक गिरफ़्तार किया गया था|

विस्फोट के बाद करीब दो साल बाद ‘एनआयए’ को मुकदमा दायर करने में कामयाबी मिली| पिछले साल २४ अगस्त को मुकदमा शुरू हुआ और इसमें करीब १५७ गवाहों की पूछताछ की गई| मुकदमे के दौरान विशेष न्यायालय में, २०० से अधिक सबूत और ५०० से ज़्यादा दस्तावेज़ जमा किए गए, ऐसी जानकारी राष्ट्रीय जांच संस्था ने दी है| हैदाराबाद विस्फोटों की शृंखला में पाँच गुनाहगारों को १३ दिसंबर को फ़ाँसी की सज़ा सुनाई गई थी| इन गुनाहगारों पर इंडियन पीनल कोड, आर्म्स ऍक्ट, अनलॉफुल ऍक्टिव्हिटीज ऍक्ट इन कानूनो के तहत गुनाह दाखिल किया गया था|

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