बाळासाहब की कार्यशैली

बाळासाहब की कार्यशैली

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ – भाग ४७ बाळासाहब की कार्यशैली बहुत ही अनोखी थी। स्वयंसेवकों को जनता के साथ लगातार संपर्क रखना चाहिए, ऐसा बाळासाहब का आग्रह रहता था। जो संघ की शाखा में नियमित रूप से उपस्थित रहता है, वही संघ का है, ऐसा मानने का कारण नहीं है। बल्कि, संघ की शाखा के […]

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पॉल म्युलर (१८९९-१९६५ )

पॉल म्युलर (१८९९-१९६५ )

प्रकृति में उत्पन्न होनेवाले जीवजंतुओं की शृंखला के अन्तर्गत आनेवाले सभी जीवजंतु अपनी-अपनी भूमिका भली-भाँती निभाते रहते हैं इसी कारण उन्हें मारना प्रकृति के खिलाफ  माना जाता है। मग़र कुछ जीवजंतुओं के कारण मनुष्य की तकलीफे बढ़ गई हैं। इसीलिए विभिन्न मार्गों का अवलंबन करते हुए इन जीवजंतुओं को नष्ट करने का समय आ गया […]

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मसानोबु फुकुओका (१९१३-२००८ )

मसानोबु फुकुओका (१९१३-२००८ )

मुंबई के बॉम्बे युनियन ऑफ जर्नलिस्ट के कार्यालय १९९६ में एक ८३  वर्ष के जपानी मनुष्य ने प्रवेश किया और उनके प्रवेश करते ही उपस्थितों ने तालियों की गडगडाहट के साथ उनका जोरदार स्वागत किया। कोई भी प्रसिद्धि न होने के बावजूद भी भीतर प्रवेश करते ही इतना प्रेम, आदर एवं आस्था प्राप्त करनेवाले वे […]

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लेह-लद्दाख़ (भाग-३)

लेह-लद्दाख़ (भाग-३)

भारत में सबसे अधिक ऊँचाई पर रास्तों का निर्माण कहाँ पर हुआ है? ऐसा यदि कोई पूछे, तो उसका उत्तर ‘लद्दाख़’ यह होगा। लद्दाख़ में निर्माण किए गए ये रास्तें वहाँ के दो गाँवों को आपस में जोड़ने का काम तो करते ही हैं, साथ ही दो घाटियों के प्रदेश को जोड़ने का काम भी […]

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चेन्नई भाग-७

चेन्नई भाग-७

हमारे भारत में विभिन्न कालखण्डों में भिन्न-भिन्न मंदिरों का निर्माण किया गया। उनमें से कुछ मंदिर समय की धारा में लुप्त हो गएँ, वहीं कुछ मंदिर आज भी अपना अस्तित्व बनाये हुए हैं। पिछले भाग में हमने चेन्नई शहर के ऐसे ही एक विख्यात पार्थसारथि मंदिर के बारे में जानकारी हासिल की। चेन्नई शहर के […]

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पृथ्वी को ही हिलाकर रख दिया!

पृथ्वी को ही हिलाकर रख दिया!

यांत्रिक ज्ञान विनाशकारी दिखाई दे सकता है और उसकी डिज़ाईन भी उसी प्रकार की लग सकती है, मग़र हक़ीक़त में वह ऐसा नहीं है। उसकी संकल्पना तैयार करके, उस पर काम करते समय डॉ. टेसला के मन में विध्वंस का नहीं बल्कि विधायक एवं मानवीय हित का ही विचार था। इस यांत्रिक ज्ञान का उपयोग […]

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कश्मीर के लिए

कश्मीर के लिए

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ – भाग २० सरदार पटेल ने गुरुजी पर जताया विश्‍वास सही साबित हुआ। विलीनीकरण के कागज़ात हाथ आते ही, सरदार पटेल ने भारतीय सेना को कश्मीर में भेजा। उसकी तैयारी सरदार पटेल ने पहले से ही कर रखी थी। उस समय भारत के पास केवल डाकोटा प्रवासी विमान ही थे। इस […]

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डॉ. जॉर्ज वॉशिंग्टन कार्व्हर

डॉ. जॉर्ज वॉशिंग्टन कार्व्हर

क्या आप रहस्य जानना चाहते हो? तो फिर वस्तुओं को सूक्ष्मता से, गहराई से देखना सीखो| उसका विश्‍लेषण करो, उसके घटक द्रव्यों के प्रति ध्यान रखो| इसी में से विश्‍व की नवीन संरचना की जा सकती है| ‘जहॉं हो वहीं से आरंभ करो, हाथ में जो भी है, उसी का उपयोग करो| लगातार निर्मिति करने […]

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चीन सरकार की ‘इकॉनॉमिक ब्ल्यूप्रिंट’

चीन सरकार की ‘इकॉनॉमिक ब्ल्यूप्रिंट’

आर्थिक संकट को मात देने के लिए उठाये जा रहे हैं कदम चिनी अर्थव्यवस्था में लगातार चल रही फिसलन को रोकने के लिए चिनी सरकार ने अगले वर्ष के लिए ‘इकॉनॉमिक ब्ल्यूप्रिंट’ प्रस्तुत की है। इस ब्ल्यूप्रिंट में, गत कुछ दशकों से चीन के आर्थिक विकास का कारण बन चुके ‘ग्रोथ मॉडेल’ की मर्यादाओं का […]

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डॉ. नॉर्मन बोरलॉग

डॉ. नॉर्मन बोरलॉग

मानव को खेती का ज्ञान हुआ, यह एक महत्वपूर्ण खोज थी। इन्सान और अन्य प्राणियों में भिन्नता दिखानेवाली यह एक महत्वपूर्ण खोज साबित हुई। संपूर्ण मानवसमाज को जिन्दा रखनेवाले खेती जैसे उत्पादक क्षेत्र के आवाहनों का स्वीकार कर, कल्याणकारी संशोधन करनेवाले नॉर्मन बोरलॉग निश्‍चित रूप से बीसवीं सदी के एक विख्यात वैज्ञानिक माने जाते हैं। […]

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