गुवाहाटी भाग-८

गुवाहाटी भाग-८

जनवरी महीने के आते ही उत्तरायण की आहट सुनायी देती है। जनवरी में आनेवाली मकरसंक्रान्ति के बाद तो सारी सृष्टि का रूप ही बदलने लगता है। कृषिप्रधान संस्कृति रहनेवाले हमारे भारत के हर एक प्रदेश का इस ऋतु-परिवर्तन के साथ घना रिश्ता है। वैसे देखा जाये तो हमारे अधिकतर त्योहार एवं उत्सव इस ऋतुचक्र से […]

Read More »

गुवाहाटी भाग-६

गुवाहाटी भाग-६

चारों तरफ़ हरियाली, उसमें से गुज़रते हुए रास्तें। यह नज़ारा है ‘मानस नॅशनल पार्क’ का। यहाँ दाखिल होने के बाद कई घण्टों तक हम इन्हीं हरे भरे रास्तों से गुज़रते रहते हैं। इन्हीं रास्तों से हम मानस नॅशनल पार्क की सैर करते हैं। काझीरंगा की तरह ‘मानस नॅशनल पार्क’ को देखने के लिए हम हाथी […]

Read More »

गुवाहाटी भाग-१

गुवाहाटी भाग-१

हमारे भारत में जितने प्रदेश, उतनीही उस हर एक प्रदेश की अपनी अपनी विशेषताएँ। इसलिए हर एक प्रदेश का सफ़र करने का अपना एक अलग मज़ा है। भारत के किसी भी प्रदेश के अंतरंग में हम जैसे जैसे प्रवेश करते हैं, वैसे वैसे हमें कुछ न कुछ अनमोल खज़ाना प्राप्त होता रहता है। आइए, अब […]

Read More »

जम्मू भाग-६

जम्मू भाग-६

जम्मू से कुछ दूरी पर बसे दो महत्त्वपूर्ण स्थलों को देखने हम सफ़र शुरु कर ही चुके हैं। लेकिन यह सफ़र काफ़ी लंबा है, तो क्यों न सफ़र के दौरान जम्मू के बारे में कुछ बात की जाये। जम्मू, यह जम्मू-कश्मीर इस राज्य की सर्दियों के मौसम की राजधानी है; वहीं श्रीनगर यह गर्मियों के […]

Read More »

जम्मू भाग-४

जम्मू भाग-४

अब थोड़ासा विश्राम करने के बाद तरोताज़ा होकर चलिए जम्मू की सैर करने निकलते हैं। जम्मू के सबसे पुराने क़िले को तो हम देख ही चुके हैं। आइए अब देखते हैं एक राजमहल को, जो तावी नदी के तट पर बसा है। चलिए, तो बढते हैं तावी नदी के तट की ओर। ‘अमर महल पॅलेस’ […]

Read More »

९९. मत्स्यपालन

९९. मत्स्यपालन

‘मत्स्यपालन’ यह इस्रायल में कृषि के बाद का अहम व्यवसाय है| अब जिस देश को समुद्रकिनारा प्राप्त होता है, उस देश के मच्छिमारी से पूर्वापार मज़बूत रिश्ता होता ही है; फिर उसमें इस्रायल की क्या अलग बात है? तो इस्रायल केवल मच्छिमारी कर रहा न होकर ‘मत्स्यपालन’ यानी ‘मछलियों की ख़ेती’ करने पर ज़ोर देता […]

Read More »

९८. वैकल्पिक जलस्रोत

९८. वैकल्पिक जलस्रोत

इस्रायल ने अथक परिश्रमों से और संशोधन से, उत्तरी इस्रायलस्थित जलाशयों से दक्षिणी इस्रायल तक पानी पहुँचाकर शुरुआती दौर में जलसमस्या पर नियंत्रण तो पा लिया; लेकिन दिनबदिन बढ़ती हुई जनसंख्या को मद्देनज़र करते हुए और उसीके साथ इस्रायली समाज को हो रही प्रगति को देखते हुए पानी का विनियोग दिनबदिन बढ़ता ही जानेवाला था, […]

Read More »

९६. दुनिया के लिए मार्गदर्शक इस्रायल का हायटेक कृषिसंशोधन

९६. दुनिया के लिए मार्गदर्शक इस्रायल का हायटेक कृषिसंशोधन

इस्रायल में जब ख़ेती का विचार किया जा रहा था, तब इस्रायल को अनगिनत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लेकिन उसी के कारण इस्रायल का कृषिसंशोधन यह सर्वसमावेशक साबित हुआ। ख़ेती के लिए पूरी तरह प्रतिकूल हालात होते हुए भी इस्रायल ने आज जो ‘कृषिप्रधान देश’ के रूप में अपनी पहचान बनायी है, वह केवल […]

Read More »

गणपतराव पाटील

गणपतराव पाटील

बढ़ता हुआ तापमान, बारिश की अनियमितता, आवागमन की समस्यायें, पथरीली ज़मीन, रेत के समान क्षारीय मिट्टी इस प्रकार की अनेक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आधुनिक एवं प्रयोगशील पद्धति से खेती करने के लिए यदि प्रयास किया जाये तो विदेशों में होनेवाली के खेती के समान हमारे यहाँ की खेती भी विकसित हो सकती […]

Read More »

९५. कृषिसंशोधन

९५. कृषिसंशोधन

विद्यमान जागतिक जनसंख्यावृद्धि के रेट को देखते हुए, आनेवाले कुछ सालों में दुनिया की आबादी १० अरब तक जा पहुँचेगी, ऐसा डर अभ्यासक व्यक्त कर रहे हैं। इसलिए इस आबादी को जीने के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता भी धीरे धीरे कम होती जायेगी, यह बात भी ज़ाहिर है। उसीके साथ – संसाधनों की फ़ज़ूलखर्ची, […]

Read More »