पहले विश्वयुद्ध के दौरान ऑटोमन साम्राज्य ने किया अर्मेनियन्स का हत्याकांड यानी वंशसंहार था – अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की घोषणा

armenia-genocide-automan-empireवॉशिंग्टन – पहले विश्वयुद्ध के दौर में ऑटोमन साम्राज्य ने करवाया अर्मेनियन्स का हत्याकांड यानी वंशसंहार ही था, ऐसा अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने घोषित किया है। खुद को ऑटोमन साम्राज्य का वारिस माननेवाले तुर्की से इस पर तीखी प्रतिक्रिया आई है। अमरीका के राजदूत को बुलाकर तुर्की की सरकार ने इसपर निषेध दर्ज किया है। वहीं, अमरीका ने किए इस फैसले का आर्मेनिया में स्वागत हो रहा है और अमरीका स्थित अर्मेनियन्स समेत कुछ मानवाधिकार संगठनों ने भी इसपर संतोष ज़ाहिर किया है। नाटो का सदस्य देश होनेवाले तुर्की के विरोध में यह फैसला करके, राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने अपने चुनाव प्रचार में दिए आश्वासन की पूर्ति की होने की चर्चा अमरिकी माध्यम कर रहे हैं।

armenia-genocide-automan-empireपहले विश्व युद्ध के दौरान सन १९१५ में ऑटोमन साम्राज्य ने तकरीबन १५ लाख अर्मेनियन्स की हत्या की थी। आज के तुर्की में होनेवाले आन्तोलिया में बहुसंख्या से होनेवाले अर्मेनियन्स को इस कारण जान के डर से सिरिया के रेगिस्तानी इलाके की ओर भागना पड़ा था। ये अत्याचार अर्मेनियन जनता कभी भी नहीं भूली है। इसी कारण अर्मेनिया द्वारा और पश्चिमी देशों में बसे अर्मेनियन्स द्वारा ऐसी माँग की जा रही थी कि इस भयंकर हत्याकांड को नरसंहार माना जाए। अपने पूर्वजों का ऑटोमन साम्राज्य द्वारा नरसंहार हुआ था, यह बात सभी लोग मान्य करें, ऐसा आवाहन अर्मेनियन्स तहे दिल से लगातार कर रहे थे। अब तक ३० देशों ने इस हत्याकांड को नरसंहार का दर्जा दिया था और इनमें फ्रान्स, रशिया और कनाडा जैसे देशों का समावेश था। लेकिन अमरीका ने अब तक इस बारे में फैसला नहीं किया था।

लेकिन शनिवार को अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने यह घोषित कर दिया कि सन १९१५ का यह व्यक्ति हत्याकांड यानी नरसंहार ही था । इसपर अर्मेनिया ने संतोष ज़ाहिर किया है। अर्मेनिया के प्रधानमंत्री पशिनियान ने, सत्य और न्याय की जीत हुई है, ऐसा बताकर, इसके लिए बायडेन ने ऐतिहासिक कदम उठाया, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की प्रशंसा की। यह अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय से, मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्राप्त हुआ बहुत बड़ा संदेश होने का दावा अर्मेनियन प्रधानमंत्री ने किया है।

armenia-genocide-automan-empireलेकिन तुर्की से इस पर तीखी प्रतिक्रिया आई है। तुर्की के विदेश मंत्री मेवलूत कावूसोग्लू ने अमरीका पर इस मामले में धावा बोला है। सौ साल पहले के घाव मिटाने की कोशिशें करने के बजाय, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने इन जख्मों को ताज़ा किया है। यह बात इस क्षेत्र की स्थिरता और शांति के लिए हितकारी साबित नहीं होगी, ऐसा दावा तुर्की के विदेश मंत्री ने किया। साथ ही, तुर्की ने इस मामले में, अपने देश में नियुक्त अमरिकी राजदूत को तलब करके इसका निषेध व्यक्त किया है। इससे अमरीका-तुर्की संबंधों में अधिक ही तनाव आया है। इससे पहले अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन का ज़िक्र ‘तानाशाह’ ऐसा किया था। उसका भी हवाला अमरिकी माध्यम दे रहे हैं।

तुर्की के विरोध में और अर्मेनिया के पक्ष में फैसला करके अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष यह संदेश सारी दुनिया को देना चाहते हैं कि वे मानवाधिकारों के समर्थन में खड़े रहेंगे, ऐसा दावा किया जाता है। लेकिन नाटो का सदस्य होनेवाले तुर्की के विरोध में किया यह फैसला, नाटो की एकजुट पर प्रहार करनेवाला साबित होगा, इसपर विश्लेषक गौर फरमा रहे हैं।

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