प्रधानमंत्री की मौजुदगी में संयुक्त राष्ट्र संघ में ‘इंटरनैशनल योगा डे’ का आयोजन

संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजुदगी में नौवें ‘इंटरनैशनल योग दिवस’ का बड़े उत्साह से आयोजन किया गया। इस अवसर पर १३५ देशों के अधिकारी, प्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित थे। इस वजह से यहां अलग ही विक्रम स्थापित हुआ और इसका संज्ञान ‘गिनीज वर्ल्ड रेकॉर्ड’ ने लिया है।

योग, भारत की प्राचीन से प्राचीन परंपरा का हिस्सा है। भारत की अन्य प्राचीन परंपरा की तरह ही योग मौजूदा समय में भी उतना ही प्रभावी हैं। इसपर किसी भी तरह से कॉपीराइट, पेटेंट और रॉयल्टी नहीं हो सकती। किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति योग कर सकता है। योग कही पर भी करना संभव हैं, क्यों कि योग सच्चे मायने में वैश्विक हैं, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा।

नौ वर्ष पहले संयुक्त राष्ट्र संघ में २१ जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की मांग की गई थी। भारत ने पेश किए इस प्रस्ताव का १७५ देशों ने समर्थन किया था। इसका दाखिला भी प्रधानमंत्री मोदी ने इस असवर पर दिया। योग दिन के लिए पूरा विश्व एकत्र हुआ था, यह बात काफी प्रोत्साहित करने वाली थी, यह भी प्रधानमंत्री ने कहा।

योग यानी शांति और सूख एवं संतोष से जीवन व्यतित करने की स्वतंत्र जीवन शैली है। दुनिया भर में कई लोग योग के विभिन्न अंगों  पर शास्त्रों के आधार पर विचार कर रहे हैं, यह काफी बड़े संतोष की बात है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। इस वर्ष योग दिन के अवसर पर आर्टिक्ट और अंटार्क्टिका महाद्वीप  पर स्थित भारत के अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक भी शामिल हुए, इस वजह से इस वर्ष का योग दिवस अधिक विशेष है, यह दावा प्रधानमंत्री मोदी ने किया।

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