२६/११ के हमले के मास्टर माईंड ‘साजिद मीर’ पर हो रही कार्रवाई रोकने पर भारत ने चीन को लगाई फटकार

संयुक्त राष्ट्र संघ – पाकिस्तानी आतंकवादी साजिद मीर को ‘अंतरराष्ट्री आतंकवादी’ घोषित करने का प्रस्ताव ‘वीटो’ का इस्तेमाल करके रोकने वाले चीन को भारत ने फटकार लगाई है। ‘ओछे हितसंबंधों’ के लिए साजिद मीर जैसे आतंकवादी को ‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी’ घोषित करना मुमकिन नहीं होता है तो आतंकवादियों पर कार्रवाई करने की इच्छाशक्ति पर सवाल खड़े किए जा सकते हैं, ऐसा संयुक्त राष्ट्र में नियुक्त भारत के सचिव प्रकाश गुप्ता ने सुनाया। उस समय साजिद मीर की ऑडियो क्लिप भी भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ में सुनाई। इसमें मीर मुंबई पर हमला कर रहे आतंकवादियों को सूचना देते हुए सुनाई दे रहा है।

भारत और अमरीका ने मंगलवार के दिन ही साजिद मीर को ‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी’ घोषित करने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के सामने रखा था। यह प्रस्ताव चीन ने ‘वीटो’ का इस्तेमाल रोक दिया है। मुंबई पर हुए २६/११ के आतंकवादी हमले की साज़िश का हिस्सा रहे साजिद मीर के खिलाफ पिछले वर्ष नवंबर महीने में भी भारत और अमरीका ने प्रस्ताव पेश किया था। उस समय तकनीकी वजह बताकर चीन ने इसमें बाधा निर्माण की थी। चीन ने पहले भी कई बार इसी तरह से पाकिस्तानी आतंकवादियों को ‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी’ घोषित करने से रोकने का काम किया है। इस बार भी यही बात साजिद मीर के प्रस्ताव दोहराती दिखाई दी।

चीन ने इस प्रस्ताव को रोकने पर भारत ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ की सभा में साजिद मीर की एक ‘ऑडियो क्लिप’ सुनाई। इसमें मीर मुंबई पर हमला कर रहे आतंकवादियों को सूचना देता सुनाई दे रहा है। मुंबई के ताज होटल में विदेशी नागरिकों को खोजकर उन्हें गोली मारने को मीर आतंकवादियों को कह रहा था। इसकी यह ऑडियो क्लिप सुनाने के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने साजिद मीर से संबंधित प्रस्ताव रोकने का निषेध किया। ऐसे आतंकवादी का किसी भी तरह से समर्थन नहीं किया जा सकता, ऐसी फटकार गुप्ता ने लगाई।

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। उन्हें सभी सुविधाएं भी प्राप्त हो रही है, इस मुद्दे को गुप्ता ने रेखांकित किया। सबसे पहले हमें दोगला रवैया छोड़ना होगा। अच्छे और बुरे आतंकवादी ऐसा फरक करने से दूर रहना होगा, ऐसा गुप्ता ने कहा।

सभी सबूत सामने होने के बावजूद किसी भी वजह के बिना ऐसे प्रस्ताव को रोक दिया जाता है, इसपर गुप्ता ने ध्यान आकर्षित किया। इतने देशों ने मिलकर प्रस्ताव पेश करने के बावजूद मीर को ‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी’ घोषित करना मुमकिन नहीं होता है तो आतंकवाद विरोधी कार्रवाई करने की हमारी रचना में भी दोष हो की बात साबित होती है, ऐसा गुप्ता ने कहा। गुप्ता ने संयुक्त राष्ट्र संघ की पुरानी और सदोष रचना का मुद्दा भी उठाया। संकिर्ण भू-राजनीतिक हितसंबंधों के लिए ऐसे प्रस्ताव रोके जाते हैं, यह कहकर उन्होंने चीन को लक्ष्य किया।

इसी बीच, साजिद मीर को पिछले वर्ष जून महीने में पाकिस्तानी यंत्रणाओं ने गिरफ्तार किया था और उसे १५ वर्ष की सज़ा हुई थी। लेकिन, इस सज़ा को ज़रिया बनाकर मीर को सेफ हाऊस में रखा गया है, ऐसे आरोप भी लगाए जा रहे हैं। पिछले साल गिरफ्तार होने से १० साल पहले से साजिद मीर लापता था। वर्ष २०१२ से लापता रहे मीर की मौत होने का दावा पाकिस्तान कर रहा था। लेकिन, भारतीय यंत्रणा ने वह जीवित हेोने की बात कही थी।

अमरीका के दबाव के बाद और ‘फाइनान्शिअल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से बाहर होने के लिए साजिद मीर जीवित होने की कबुली देना पाकिस्तान की मज़बूरी बनी थी। इसके बाद उसे अदालत के सामने पेश करके सज़ा भी सुनाई गई। लेकिन, यह पूरा पाकिस्तान ने खड़ा किया दिखावा होने का आरोप भारत ने लगाया था।

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