२६/११ के दसवें स्मरण दिन पर भारत के साथ अमरिका और इस्राइल की भी पाकिस्तान को चेतावनी

वॉशिंगटन/तेल अवीव  – २६/११ के आतंकवादी हमले के बाद आज भी न्याय की प्रतीक्षा कर रहे भारतीय जनता के साथ अमरिका ठोस रूप से खड़ा है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कहा है| तथा अमरिका के विदेश मंत्रालय ने १० वर्षों पहले इस आतंकवादी हमले में बलि लोगों को हम भूले नहीं हैं, ऐसा पाकिस्तान को सूचित किया है| इस्राइल ने भी पाकिस्तान के पास यह हमला करने वालेें लश्कर-ए-तोयबा पर कार्रवाई करने की मांग की है|

मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले में १६६ लोगों की जान गई थी| जिसमें ६ अमरिकन नागरिकों का समावेश था| इस हमले के दसवें स्मृतिदिन पर अमरिका आज भी न्याय की प्रतीक्षा कर रहे भारतीय जनता के साथ ठोस रूप से खड़ा है| कुछ भी होने पर भी हम आतंकवादियों को विजय नहीं होने देंगे अथवा उन्हें विजय के पास भी पहुंचने नहीं देंगे, ऐसे सीधे शब्दों में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने पाकिस्तान को कड़ा इशारा दिया है| कुछ दिनों पहले राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी युद्ध के लिए अमरिका से प्रति वर्ष प्रदान हो रही १.३ अरब डॉलर की मदद रोकने की घोषणा की थी| उसके बाद हम भारतीय जनता के साथ होने की बात कहकर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने पाकिस्तान पर दबाव बढाया है|

अमरिकी विदेश मंत्रालय के आतंकवाद विरोधी विभाग के समन्वयक नेथन सेल्स ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान का समाचार लिया है| अमरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने २६/११ के हमले के सूत्रधारों के बारे में जानकारी देनेवालों को लगभग ५० लाख डॉलर्स का इनाम घोषित किया था| यह घोषणा मतलब १० वर्षों पहले इस हमले में बलि लोगों को अमरिका भूल नहीं पाया है, इसका एहसास दिला रहा है, ऐसा नैथन ने कहा है| तथा इस हमले में भारत के साथ अमरिका के नागरिक भी बलि गए थे, इसकी याद दिला कर नेथन सेल्स ने आतंकवाद विरोधी युद्ध में एकजुट से कार्रवाई की आवश्यकता होने की बात स्पष्ट की है|

आतंकवाद विरोधी युद्ध जीतने तक अमरिका शांत नहीं रहेगा, ऐसी गवाही भी नेथन सेल्स ने दी है| तथा भारत ने अमरिका के राजदूत नवतेज सरना ने २६/११ हमले के बारे में अमरिका ने अपनाई कडी भूमिका का स्वागत किया है| तथा आज भी यह आतंकवादी हमले के इन सूत्रधारों पर कार्रवाई करने की बात टालने वाले पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा निशाने पर पकड़ने की आवश्यकता होने की बात सरना ने कही है| तथा आतंकवादी हमले में छह इस्राइली नागरिकों की भी बलि गई थी, इसकी याद दिला कर इस्राइल ने भी पाकिस्तान आतंकवादियों पर कार्रवाई करें ऐसी मांग की है|

इस्राइल के विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी माइकल रोनन ने २६/११ के हमले में बलि गए लोगों के रिश्तेदारों को न्याय मिलना ही चाहिए ऐसा कहकर सभी देश विशेष रूप से पाकिस्तान द्वारा इसके लिए प्रयत्न हो ऐसा आवाहन किया है| एक ही समय पर भारत, अमरिका एवं इस्राइल इन तीनों देशों से २६/११ मामले में पाकिस्तान पर दबाव डाला जा रहा है और उसके परिणाम आनेवाले समय में दिखाई देंगे ऐसे संकेत मिल रहे हैं| फिलहाल पाकिस्तान के सरकार ने मुंबई पर आतंकवादी हमले में मौन का स्वीकार किया है| फिर भी जल्द ही इस बारे में पाकिस्तान को स्पष्ट भूमिका लेनी होगी|

पाकिस्तान की नई सरकार भी हाफिज सईद और झकीउर रहमान लखवी इन २६/११के सूत्रधारों पर कार्रवाई करने में उत्सुक होने की बात उजागर हुई है| इसके विपरीत यह सरकार हाफिज सईद तथा अन्य कट्टरपंथियों के सामने घुटने टेकने का चित्र दिखाई दे रहे हैं|

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