ईरानी जवान और हिजबुल्लाह के आतंकियों को सीरियन नागरिकता मिली – खाडी के अभ्यास गुट का दावा

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कैरो – ईरानी सेना और हिजबुल्लाह के आतंकियों की सीरिया में तैनाती का समर्थन करनेवाले असाद हुकूमत ने ईरानी जवान और हिजबुल्लाह के समर्थकों को नागरिकता देना शुरू किया है| खाडी के अग्रतम अभ्यास गुट ने ये दावा किया| इससे सीरिया में संघर्ष करनेवाले ईरान, हिजबुल्लाह और जुडे गुटों के हजारो जवान सीरियन नागरीक बनेंगे, जो की इस्रायल के लिए गंभीर घटना है, ऐसा इस अभ्यास गुट ने कहा है| इससे पहले सीरिया में ईरान और हिजबुल्लाह की तैनाती हमारी सुरक्षा के लिए खतरनाक होने का दावा इस्रायल ने किया था| दौरान, असाद हुकूमत की इस कार्रवाई से सीरिया की सामाजिक रचना में बडे बदलाव होंगे और ईरान समान सीरिया भी शिया पंथियों का बहुल देश साबित होगा, ऐसी चेतावनी असाद के विरोधक दे रहे है|

पिछले कुछ महीनों से अरब मिडिया में असाद हुकूमत द्वारा शुरू कार्रवाई के बारे में खबरे साथही रिपोर्ट जारी हो रहे है| संघर्ष के पिछे असाद हुकूमत सीरिया में बडे बदलाव कर रहे है, ऐसा आरोप इसमें किया गया था| दस दिन पहले सीरिया साथही सौदी के वेबसाईट पर दी जानकारी में सीरिया की खुफिया एजन्सी ने अंतर्गत सुरक्षा मंत्रालय को भेजा एक पत्र जारी किया| इसमें राष्ट्राध्यक्ष बशर अल-असाद ने सीरिया में तमाम ईरानीयों को नागरिकता बहाल करने के आदेश दिए थे|

इस प्रकार से असाद हुकूमत ईरान, हिजबुल्लाह और जुडी संगठनों के जवानों को सीरिया में बेस बनाने का कानूनी लाईसेंस दिया ऐसी आलोचना इन वेबसाईट पर की गई थी| साथही ये एक पत्र नहीं ऐसे सैकड़ो दस्तावेज, आदेश असाद हुकूमत ने जारी किए है जिनका अमल किया गया, ऐसा दावा किया जा रहा है| सीरिया की राजधानी दमास्कस समेत ‘रिफ दिमाश्क’, ‘अलेप्पो’ और ‘देर अल-झोर’ इन चार इलाकों में ईरान, हिजबुल्लाह से संबंधितों को नागरिकता दी गई, ऐसा कहा जाता है|

साथही सीरिया में विरोधकों के वेबसाईट पर जारी की गई जानकारी में राष्ट्राध्यक्ष असाद के आदेशों के बाद देश में संघर्ष करनेवाले ईरानी साथही ईरान के ‘रिव्होल्युशनरी गार्ड्स’ के करीब दो लाख लोगों को सीरियन पासपोर्ट दिया गया है| इस वर्ष अप्रैल महीने में सीरियन सरकार के ‘पासपोर्ट एवं इमिग्रेशन विभाग’ ने ये कार्रवाई की| इसमें ईरानी सेना की ओर से संघर्ष करनेवाले अफगानी और पाकिस्तानी हमलावर भी शामिल होने का दावा सीरियन वेबसाईट ने किया है| वहीं मई महीने में लेबेनॉन में एक दैनिक ने ईरान के ‘कुद्स फोर्स’, हिजबुल्लाह के जवान साथही उनके परीवारों को सीरिया में कानूनी पहचान पत्र दिया गया, ऐसा कहा था|

सीरिया में अभी ईरान और लेबेनीज नागरीकों की आबादी चार लाख से अधिक है, ऐसा कहा जता है| इनमें ईरानी सेना, हिजबुल्लाह के आतंकियों की तादात करीब ५० हजार इतनी होने की संभावना जताई जाती है| इससे असाद हुकूमत ने इतनी बडी संख्या में ईरान और हिजबुल्लाह के जवानों को नागरिकता देते हुए सीरिया में उनकी तैनाती को लाईसेंस देने की चिंता इस वेबसाईट और अभ्यास गुट ने जताई है| असाद हुकूमत के इस फैसले से सीरिया के दक्षिणी ओर इस्रायल के कब्जेवाले गोलान पहाडियों की सीमा के करीब ईरान और हिजबुल्लाह की मौजूदगी कानूनी साबित होगी| इस्रायल ये कदापि स्वीकार नहीं करेगी| इससे गोलान पहाडियों के इलाके में बडा संघर्ष भडकने के आसार दिखाई दे रहे है|

दौरान, पिछले छह वर्षों से सीरिया में शुरू इस संघर्ष के पिछे असाद हुकूमत सीरिया के सुन्नी पंथीयों को खदेडकर ईरान, लेबेनॉन से आए शिया पंथीयों को सीरिया में बसाने की तैयारी में होने का आरोप असाद के विरोधकों ने किया था|

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