‘यूएई’ के कश्‍मीर में निवेश की पृष्ठभूमि पर ‘ओआईसी’ देश कश्‍मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा मान रहे हैं

नई दिल्ली – जम्मू-कश्‍मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का दौरा किया। इस दौरे में ‘यूएई’ की कुछ बड़ी कंपनियों ने जम्मू-कश्‍मीर में निवेश करने के समझौते किए। ‘ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन’ (ओआईसी) नामक इस्लामी देशों के प्रमुख संगठन में काफी प्रभावी ‘यूएई’ जैसे देश द्वारा जम्मू-कश्‍मीर में निवेश ध्यान आकर्षित कर रहा है। एक तरह से ‘ओआईसी’ के देश जम्मू-कश्‍मीर की ओर भारत के अभिन्न अंग के रूप में देख रहे हैं, ऐसा दावा विश्‍लेषक इस निवेश के दाखिले से कर रहे हैं।

‘ओआईसी’जम्मू-कश्‍मीर में दो वर्ष पहले धारा ३७० हटाने के बाद यहाँ पर भारी मात्रा में निवेश हो रहा है। जम्मू-कश्‍मीर में बड़ा निवेश करनेवाला ‘यूएई’ पहला परदेसी देश है। अक्तुबर में इस मामले में दुबई प्रशासन से समझौता हुआ था। दुबई प्रशासन जम्मू-कश्‍मीर में बुनियादी सुविधाओं के कई प्रकल्पों में निवेश करेगा। साथ ही श्रीनगर-शारजा हवाई सेवा भी अक्तुबर से शुरू की गई है। इस विमान सेवा के लिए पाकिस्तान ने मार्ग उपलब्ध कराने से इन्कार किया है, फिर भी भारतीय कंपनी ने लंबे रास्ते से इस विमान सेवा को जारी रखा है। जम्मू-कश्‍मीर में ‘यूएई’ के निवेश से पाकिस्तान काफी बेचैन है।

हाल ही में दुबई एक्सपो के दौरान भारतीय पैवेलियन में जम्मू-कश्‍मीर सप्ताह का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर जम्मू-कश्‍मीर के उप-राज्यपाल भी दुबई गए थे। इस दौरान उन्होंने इन्वेस्टर ऐण्ड बिजनेस लीडर्स समिट में उपस्थिति जताई थी। जम्मू-कश्‍मीर में व्यापार को आसान करनेवाली पारदर्शी नीति से ४५ हज़ार करोड़ रुपयों का निवेश प्राप्त हुआ है। इसके अलावा रियल एस्टेट क्षेत्र में १८,३०० करोड़ रुपयों का निवेश होने की जानकारी उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रदान की। साथ ही जम्मू-कश्‍मीर में निवेश के बड़े अवसर होने की बात भी उन्होंने रेखांकित की।

इस दौरे के बीच में उप-राज्यपाल सिन्हा ने लूलू ग्रूप, अल माया गज़ु, माटू इन्वेस्टमेंट एलएलसी, जीएल एम्प्लॉयमेंट ब्रोकरेज, नून ग्रूप, डीपी वर्ल्ड जैसी दुबई की बड़ी कंपनियों के साथ जम्मू-कश्‍मीर में निवेश करने के लिए समझौते किए। यह समझौते ‘ओआईसी’ देशों ने अप्रत्यक्ष रूप से जम्मू-कश्‍मीर को भारत का अभिन्न अंग माना है, यह दावा विशेषज्ञ कर रहे हैं।

जम्मू-कश्‍मीर में ड्राय पोर्ट, मॉल, होटेल्स एवं अलग-अलग क्षेत्रों में ‘यूएई’ कर रहे इस निवेश की वजह से पाकिस्तान में पहले से ही बेचैनी फैली हुई है। वहां के माध्यमों में इन खबरों की काफी अहमियत प्राप्त हो रही है। जम्मू-कश्‍मीर का मुद्दा ‘ओआईस’ अपने मंच पर उठाए और पाकिस्तान के पक्ष में बयान करने के लिए पाकिस्तान ने काफी कोशिश की थी। लेकिन, पिछले दो-तीन वर्षों के दौरान पाकिस्तान को इस मोर्चे पर किसी भी तरह की सफलता नहीं मिली।

इस वजह से विशेषज्ञ जम्मू-कश्‍मीर में ‘यूएई’ का निवेश राजनीतिक और सियासत के मोर्चे पर मास्टर स्ट्रोक साबित होने का बयान कर रहे हैं। भारत को काफी बड़ी राजनीतिक सफलता प्राप्त हुई है और पाकिस्तान के लिए यह बड़ा झटका होने की बात भी विश्‍लेषक कह रहे हैं। साथ ही जम्मू-कश्‍मीर भारत का अभिन्न अंग होने का ऐलान करने के नज़रिये से ‘ओआईसी’ के देशों की शुरू हुई तैयारी के तौर पर विशेषज्ञ इसे देख रहे हैं।

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