‘ब्रह्मोस’ के नौसैनिक संस्करण का सफल परीक्षण

नई दिल्ली – मंगलवार को ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल के नौसैनिक संस्करण का परीक्षण किया गया। ‘आईएनएस विशाखापट्टणम्‌’ विध्वंसक से दागे गई इस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाईल ने निर्धारित लक्ष्य को सटीकता से मारा और सभी निकष पूरे किए। एक महीना पहले ‘ब्रह्मोस’ के वायुसेना के संस्करण का परीक्षण किया गया था। भारत को कोई भी बुरी नज़र नहीं देख सकेगा, इतने पैमाने पर ‘ब्रह्मोस’ मिसाइलों का निर्माण किया जाएगा, यह ऐलान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले महीने ही किया था।

नौसैनिक संस्करण‘आईएनएस’ विशाखापट्टणम्‌ से दागे गए नौसैनिक संस्करण ने निर्धारित लक्ष्य को सटीकता से मारा। ध्वनि के तीन गुना तेज गति से हमला करनेवाली यह मिसाइल आनेवाले दिनों में भारतीय नौसेना की मारक क्षमता में भारी मात्रा में बढ़ोतरी करनेवाली साबित होगी। चीन अपनी नौसेना का सामर्थ्य प्रचंड़ मात्रा में बढ़ा रहा हैं। चीन अपनी नौसेना के बेड़े में पनडुब्बियाँ, युद्धपोत और विध्वंसकों की संख्या भारी मात्रा में बढ़ा रहा है। इसी के साथ चीन की नौसेना की हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूदगी भारत की सुरक्षा को चुनौती देनेवाली मानी जा रही है।

ऐसी स्थिति में भारतीय नौसेना ने ‘सी टू सी’ हमला करनेवाले ‘ब्रह्मोस’ का परीक्षण करके अपनी क्षमता दिखाई है। ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल विश्‍व का आधुनिक सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है और अतिप्रगत राड़ार यंत्रणा को भी चकमा देने की क्षमता रखती है। भारत और रशिया ने संयुक्त प्रयासों से विकसित की हुई इस मिसाइल का खौफ चीन को भी होने की बात पहले ही सामने आयी थी।

पिछले महीने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में ‘ब्रह्मोस’ का निर्माण करनेवाले कारखाने की नींव रखने के समारोह का आयोजन हुआ था। इस अवसर पर बोलते समय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ऐलान किया था कि, ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल का भारी मात्रा में निर्माण किया जाएगा। भारत की ओर बुरी नज़र से देखने का साहस कोई नहीं कर सकेगा, इस हद तक देश ‘ब्रह्मोस’ का निर्माण करेगा। लेकिन, इस क्षमता का इस्तेमाल दूसरे देशों पर हमला करने के लिए नहीं होगा, बल्कि आत्मरक्षा के लिए किया जाएगा।

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