उत्तर कोरिया के राष्ट्रप्रमुख द्वारा जनता को राजधानी छोड़ने के आदेश : रशियन अखबार

सेऊल, दि. १३ : अमरीका के विमानवाहक युद्धपोतों का काफिला कोरियन क्षेत्र में दाखिल होने के लिए कुछ ही घंटे शेष बचे हैं कि तभी उत्तर कोरिया के तानाशाह ‘किम जाँग-उन’ ने राजधानी प्योंगयांग के लगभग छह लाख नागरिकों को फ़ौरन शहर छोड़ने के आदेश दिए| उत्तर कोरिया के राष्ट्रप्रमुख के ये आदेश यानी जंग की तैयारी है, ऐसा दावा रशिया और दक्षिण कोरिया के अखबारों ने किया| उत्तर कोरिया की ये गतिविधियाँ शुरू रहते समय, चीन ने कोरियन सीमा के पास और २५ हज़ार जवान तैनात किए हैं|

राष्ट्रप्रमुखरशियन अखबार ‘प्रावदा’ द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, उत्तर कोरिया की सरकार ने सुबह साड़े छह तक नागरिकों को राजधानी छोड़ जाने के आदेश दिए| राजधानी छोड़कर जानेवाले नागरिकों ने अपने सगेसंबंधियों से आख़िरी मुलाक़ात करते हुए शहर छोड़ा, ऐसा दक्षिण कोरिया की मीडिया ने कहा है| वहीं, राजधानी छोड़कर जानेवाले नागरिक साथ में मोबाईल ना रखे, ऐसी सूचना भी उत्तर कोरिया की सरकार ने की, ऐसे एक पत्रकार ने सोशल मीडिया पर जारी की पोस्ट में बताया है|

इस आदेश की वजह स्पष्ट नहीं है| लेकिन राजधानी प्योंगयांग की २५ प्रतिशत जनता को शहर छोड़ने के आदेश मिले हैं| लेकिन अभी भी १५ से १८ लाख नागरिक इस शहर में हैं| पिछले कई दिनों से प्योंगयांग शहर में २०० से अधिक विदेशी पत्रकार भी एक विशेष कार्यक्रम के सिलसिले में दाखिल हुए हैं|

शनिवार को उत्तर कोरिया के राष्ट्रप्रमुख किम जाँग-उन के दादा ‘किम इल-सूंग’ का १०५ वाँ जन्मदिन मनाया जानेवाला है| इस उपलक्ष्य में उत्तर कोरिया छठा परमाणु परीक्षण करेगा, ऐसा कहा जाता है| साथ ही, उत्तर कोरिया पनडुब्बी से बैलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण करते हुए शक्तिप्रदर्शन कर सकता है, ऐसी खबरें भी प्रकाशित हो रही हैं|

उत्तर कोरिया यदि यह परमाणु परीक्षण या बैलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण करता है, तो उसपर अमरीका से प्रतिक्रिया आ सकती है| उत्तर कोरिया के इस परमाणु परीक्षण की पृष्ठभूमि पर, अमरीका का विमानवाहक युद्धपोत ‘यूएसएस कार्ल विन्सन’ इसीलिए कोरियन क्षेत्र में दाख़िल हो रहा है| वहीं, चीन ने भी उत्तर कोरिया पर बम हमले चढ़ाने की चेतावनी दी होकर, उत्तर कोरिया की सीमा के नज़दीक डेढ़ लाख जवान तैनात किए| उत्तर कोरिया में यदि संघर्ष भड़का, तो अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए यह तैनाती की गई, ऐसा चीन ने स्पष्ट किया है|

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