उत्तर कोरिया का नया प्रक्षेपास्त्र परीक्षण; जापान के प्रधानमंत्री द्वारा कडी आलोचना

सेऊल/टोकिओ, दि. ५ : ‘यदि चीन द्वारा उत्तर कोरिया पर दबाव नहीं डाला गया, तो अमरीका उत्तर कोरिया के खिलाफ इकतरफ़ा कार्रवाई करेगी’ ऐसी चेतावनी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कुछ ही घंटो पहले ही दी थी| लेकिन अमरीका द्वारा दी गयी इस चेतावनी को नज़रअंदाज़ करते हुए उत्तर कोरिया की सेना ने एक और बैलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण किया| उत्तर कोरिया का यह प्रक्षेपास्त्र फिर एक बार जापान की सागरी सरहद में गिर चुका है और ‘यह परीक्षण मतलब उक़सावा है’ ऐसी आलोचना जापान के प्रधानमंत्री ने की है|

प्रक्षेपास्त्र परीक्षणअमरीका और दक्षिण कोरिया की सेना द्वारा प्रकाशित की जानकारी के अनुसार, बुधवार को सुबह पौनेसात बजे उत्तर कोरिया द्वारा मध्यम पहुँच के बैलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण किया| जापान स्थित अमरिकी सैनिकी अड्डों को लक्ष्य बनाने की क्षमता इस प्रक्षेपास्त्र में है| ‘सॉलिड फ्युएल’पर आधारित होने की वजह से इसके प्रक्षेपण की अवधि कम होती है| प्रक्षेपण के समय इस प्रक्षेपास्त्र का अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता| इसलिए इस ‘केएन-१s५’ प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण करके, फिर एक बार अमरीका, दक्षिण कोरिया और जापान को चेतावनी देने की बात कही जा रही है|

इससे पहले फ़रवरी महीनें में भी ‘केएन-१५’ प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण किया गया था| लेकिन बुधवार को किये गये परीक्षण के बाद, उत्तर कोरिया का प्रक्षेपास्त्र जापान की सागरी सरहद में जा गिरा है| जापान के ‘एक्स्लूझिव्ह इकोनॉमिक झोन’ से कुछ ही दूरी पर यह प्रक्षेपास्त्र गिरा, ऐसी घोषणा जापान सरकार ने की है| उत्तर कोरिया द्वारा जापान की सागरी सरहद में प्रक्षेपास्त्र दागे जाने की इस महीने की यह दूसरी घटना है| तीन हफ्ते पहले उत्तर कोरिया द्वारा प्रक्षेपित तीन प्रक्षेपास्त्र जापान के सागरी सरहद में गिरे थे|

उत्तर कोरिया के इस प्रक्षेपास्त्र परीक्षण पर जापान ने तीव्र नाराज़गी जतायी है| जापान के प्रधानमंत्री शिंजो ऍबे ने आलोचना करते हुए कहा कि उत्तर कोरिया का यह प्रक्षेपास्त्र परीक्षण जापान की सुरक्षा को उकसानेवाली घटना है| उत्तर कोरिया का यह प्रक्षेपण आंतर्राष्ट्रीय नियमों तथा संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ने लगाये हुए प्रतिबंधो का उल्लंघन है, ऐसी टिप्पणी ऍबे ने की है| जापान ने माँग की है कि यह परीक्षण उसे पूरी तरह अस्वीकारार्ह है और आंतर्राष्ट्रीय समुदाय उत्तर कोरिया के खिलाफ कार्रवाई करें|

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के बीच जल्द ही बैठक हो रही है| इस बैठक से पहले, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने उत्तर कोरिया के मसले पर चीन को चेतावनी दी थी| ‘उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम एवं प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम रोकने का काम यदि चीन नहीं करता, तो फिर यह कार्य अमरीका को करना होगा’, ऐसी फटकार ट्रम्प द्वारा लगायी गयी थी| चीन ने उसका क़रारा जवाब देते हुए, यह भूमिका द्विपक्षीय बैठक के लिए सही नहीं है, ऐसे बताया था| उसके पश्चात् उत्तर कोरिया ने किये बैलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र के परीक्षण के बाद अब क्या ट्रम्प-जिनपिंग बैठक में उत्तर कोरिया का मसला फिर से उपस्थित होगा, इसपर ध्यान दिया जा रहा है|

इसी दौरान, उत्तर कोरिया की प्रक्षोभक गतिविधियों पर फैसला करने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ की बैठक आनेवाले कुछ दिनों में बुलायी जा रही है| अमरीका के विदेशमंत्री रेक्स टिलरसन इस बैठक का अध्यक्षपद सँभालेंगे| सुरक्षा परिषद की इस बैठक में अमरीका उत्तर कोरिया के खिलाफ कठोर नीति अपनायेगी, ऐसा कहा जा रहा है| जापान और दक्षिण कोरिया ने भी उत्तर कोरिया पर कडे प्रतिबंध लगाने की माँग की है| इसी समय ‘सीआयए’ के पूर्व अधिकारी, उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को हल्का समझने की गलती ना करें, ऐसी सलाह भी दे रहे हैं|

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