एशिया-प्रशांत क्षेत्र को चीन से खतरा- अमरीका के एडमिरल हैरिस का इशारा

वॉशिंगटन: आक्रामक बने चीन और धार्मिक कट्टरताओं की ओर से एशिया-प्रशांत क्षेत्र को सबसे बड़ा खतरा है, ऐसा इशारा एशिया-प्रशांत इलाके मे चीन की आक्रमकता का कडा विरोध कर रहे अमरीका के नौदल अधिकारी हैरी हैरिस ने दिया है। इसी दौरान भारतीय रक्षा दलों के आधुनिकीकरण के लिए अमरीका पूरा सहयोग देगी, ऐसे संकेत हैरिस ने दिये है। एशिया-प्रशांत इलाके में चीन की दादागिरी के खिलाफ मजबूत भूमिका लेने वाले अमरिकी नौसेना के अधिकारी ऐसी एडमिरल हैरिस की ख्याति है और उन्होंने चीन के खिलाफ और भारत के साथ सहयोग बढाने के बारे में किए हुए विधान अमरीका की भूमिका स्पष्ट रूप से रख रहे हैं।

 इशारा

‘पीटीआई’ को दिए हुए इंटरव्यू में हैरिस ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र को चीन की आक्रामक नीति की वजह से बहुत बड़ा खतरा निर्माण हुआ है, ऐसा दाग लगाया है। ‘ईस्ट चायना सी’ और ‘साऊथ चायना सी’ इलाके में चीन ने अपनाई आक्रामक भूमिका की वजह से कमाल का तनाव निर्माण हुआ है। साथ ही चीन अपने छोटे पडौसी देशों को खुद की दहशत के नीचे रखने की कोशिश कर रहा है, ऐसा कहकर इस वजह से चीन इस इलाके के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया है, ऐसा हैरिस ने स्पष्ट किया है। चीन का जिक्र खतरे के तौर पर करते हुए, एडमिरल हैरिस ने अमरीका भारतीय रक्षा दलों के आधुनिकीकरण के लिए पूरी तरह से सहयोग करने के लिए उत्सुक है, यह भी स्पष्ट किया।

एडमिरल हैरिस के कार्यक्षेत्र में हिन्द महासागर से लेकर एशिया-प्रशांत महासागर तक का पूरा इलाका आता है। चीन के बढ़ते सामर्थ्य और दादागिरी की वजह से इस इलाके में बना असमतोल दूर करने के लिए भारत पहल करे, ऐसी माँग अमरीका की ओर से की जा रही है। एडमिरल हैरिस ने भारतीय रक्षा दलों को सहायता करने के बारे में किए हुए विधान भी अमरीका की इस भूमिका का सबूत देते हैं। हिन्द महासागर इलाके में भारत और अमरिकी नौदल का संयुक्त पहरा देने का प्रस्ताव अमरीका ने दिया था। लेकिन भारत ने उसे नकार दिया है। भारत के नकार की वजह से अमरीका निराश नही हुई है, ऐसा कहकर इस संदर्भ में भारत के साथ चर्चा चल रही है, ऐसी जानकारी हैरिस ने दी है।

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