पाकिस्तान की सरकार पर लगाए गए अविश्वास दर्शक प्रस्ताव को नकारा नहीं जा सकता – सर्वोच्च न्यायालय की फटकार

इस्लामाबाद/वॉशिंग्टन – पाकिस्तान की संसद के उपसभापति चाहे किसी भी अनुच्छेद का हवाला दे दें, फिर भी सत्ताधारी पार्टी अविश्वास दर्शक प्रस्ताव को नकार नहीं सकती, इन शब्दों में पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने फटकार लगाई है। प्रधानमंत्री खान की सरकार ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया खारिज की थी। उस पर पाकिस्तान की अदालत में सुनवाई जारी होकर, मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने अविश्वास दर्शक प्रस्ताव का समर्थन करने के कारण इम्रान खान को बड़ा झटका लगा है। उसी समय, पाकिस्तानी सेना तथा अमेरिका ने भी, खान की सरकार गिराने की साज़िश रची नहीं थी, ऐसा घोषित करके उनके आरोपों से हवा ही निकाल ली है।

पाकिस्तान की सरकार पर लगाए गए अविश्वास दर्शक प्रस्ताव को नकारा नहीं जा सकता - सर्वोच्च न्यायालय की फटकारअपनी सरकार गिराने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय साज़िश रची गई होकर, अमरीका इसके लिए पहल कर रही होने के दावे प्रधानमंत्री इम्रान खान ने ठोके थे। उसकी पुष्टि करनी के लिए, भरी सभा में उन्होंने दिखाया पत्र झूठा था, यह जानकारी अब पाकिस्तानी जनता के सामने आई है। इस बात को लेकर इम्रान खान की जोरदार आलोचना शुरु हुई है। ऐसी परिस्थिति में पाकिस्तान के माध्यमों ने भी, इम्रान खान के लिए देशहित की अपेक्षा प्रधानमंत्री पद की कुर्सी की अहमियत अधिक है, ऐसा दोषारोपण किया। विख्यात पाकिस्तानी पत्रकार हमिद मीर ने एक अमरिकी अखबार के लिए लिखे लेख में इम्रान खान पर गंभीर आरोप किए हैं।

इम्रान खान पाकिस्तान के लष्करप्रमुख पद पर अपनी मर्ज़ी के अधिकारी की नियुक्ति करना चाहते थे। उसका इस्तेमाल करके अगले चुनाव में घोटाले करके प्रधानमंत्री पद को अपने पास ही रखना चाहते थे। लेकिन उनके ये हेतु सफल नहीं हुए। इसलिए उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद पर कायम रहने के लिए विदेशी साज़िश का आरोप शुरू किया। इससे वे जनता की हमदर्दी कमा सकते हैं, ऐसा उनका अंदाजा था। लेकिन यह चाल उन पर ही बूमरैंग हुई, ऐसा दावा मीर ने किया।

किसी समय इम्रान खान का समर्थन करने वाले पत्रकार और विश्लेषक तथा पूर्व राजनीतिक अधिकारी अब उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं। उनकी नीतियों के कारण पाकिस्तान की यह हालत हुई है ऐसा दोषारोपण करके, इसके आगे भी अगर वे प्रधानमंत्री पद पर बने रहें, तो भयंकर परिणाम होंगे, ऐसी चेतावनी यह पत्रकार, विश्लेषक तथा पूर्व राजनीतिक अधिकारी दे रहे हैं।

अमरीका जैसी महासत्ता पर आरोप करने के परिणाम इम्रान खान समेत पाकिस्तान को भी भुगतने पड़ेंगे। अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को दी कर्जसहायता रोकने का फ़ैसला किया है, इस पर विश्लेषक उंगली रख रहे हैं। इसके आगे पाकिस्तान में नई सरकार सत्ता में आने के बाद ही कर्जसहायता शुरू होगी, ऐसा ऐलान मुद्रा कोष ने किया है। इस कर्ज पर दारोमदार होनेवाले पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का हाल इससे अधिक ही बुरा होगा, ऐसी चिंता माध्यम ज़ाहिर कर रहे हैं।

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